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अबकी बार एनडीए सरकार
DASTAKTIMES
|June 2024
भाजपा ने 'राम' नाम के सहारे यूपी ही नहीं देश फतह करने के मंसूबे पाल रखे थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। यूपी में भाजपा मात्र 33 सीटों पर सिमट गयी। यूपी में भाजपा और एनडीए को सबसे ज्यादा नुकसान विपक्ष के इण्डिया गठबंधन ने पहुंचाया। यहां 2019 में एक सीट जीतने वाली कांग्रेस ने इस बार छह सीटों पर जीत का परचम लहराया तो वहीं समाजवादी पार्टी ने 37 सीटें जीतकर चौंका दिया।
भले ही भारतीय जनता पार्टी ने स्वयं के लिए जो लक्ष्य इन लोकसभा चुनावों के लिए निर्धारित किया था, वह पूरा न हुआ हो लेकिन एनडीए सरकार बनाने के जादुई आंकड़े को आसानी से पार कर गया, जिसके बाद लगातार तीसरी बार केन्द्र में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनी है। दरअसल, भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा-2024 के लिए 400 सीटों के पार का लक्ष्य रखा था। इनमें से अकेले 370 का लक्ष्य भाजपा ने स्वयं के लिए रखा था, जबकि शेष अपने सहयोगी दलों के लिए। हालांकि केन्द्र में बहुमत की सरकार बनाने के लिए 272 का आंकड़ा ही काफी था, लेकिन संभव है भाजपा को यह अहसास रहा होगा कि दस साल के उसके शासन के बाद थोड़ी-बहुत सत्ताविरोधी लहर तो होगी ही। ऐसे में कार्यकर्ता हताश न हों और विपक्ष 400 पार के नैरेटिव की तोड़ निकालने में ही अपना समय जाया कर दे। लेकिन हर बार अपना कहा या अपना सोचा होता नहीं है। चुनाव परिणाम आये तो भाजपा अकेले अपने दम पर बहुमत के आंकड़े से 32 सीट पीछे रह गयी यानि उसे मात्र 240 सीटों से संतोष करना पड़ा। हालांकि भाजपा नीत जनतांत्रिक गठबंधन यानि एनडीए के कुछ सहयोगी दलों ने बेहतर प्रदर्शन कर गठबंधन को बहुमत के आंकड़े को पार करते हुए उसे 292 तक ले गए। इसमें प्रमुख योगदान चंद्रबाबू नायडू की तेलगू देशम पार्टी (टीडीपी) ने 16 तो नितीश कुमार जनता दल यूनाइटेड ने 12 सीटें हासिल कर दिया। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि 2014 में भी सरकार एनडीए की ही बनी थी लेकिन चूंकि भाजपा ने अकेले अपने दम पर बहुमत के आंकड़े को पार किया था, इसलिए वह मोदी और भाजपा सरकार ही कहलायी। यही क्रम 2019 में भी जारी रहा। 2019 में भी भाजपा ने 303 सीटें हासिल की थी। दरअसल, भाजपा को उत्तर प्रदेश से बहुत उम्मीदें थीं। इसकी वजह यह है कि 80 सीटों पर इस राज्य में भाजपा ने 2014 और 2019 में जबरदस्त प्रदर्शन किया था। चुनावों से पहले राजनीतिक पंडित यह अनुमान लगा रहे थे कि 2024 भी भाजपा यूपी से कम से कम 60 सीटें तो जीतकर जरूर लायेगी। इसके पीछे वजह यह थी प्रधानमंत्री मोदी के दूसरे कार्यकाल में ही अयोध्या में राम मंदिर बना और उसकी प्राण प्रतिष्ठा भी प्रधानमंत्री के करकमलों से हुई। भाजपा ने 'राम' नाम के सहारे यूपी ही नहीं देश फतह करने के मंसूबे पाल रखे थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। यूपी में भाजपा मात्र 33 सीटों पर सिमट गयी। ध्यान देने वाली
Bu hikaye DASTAKTIMES dergisinin June 2024 baskısından alınmıştır.
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