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बघेल के चौके-छक्के
लेकिन पहले साल के बाद कई कड़ी चुनौतियां कर रही हैं इंतजार
बगावत से कमजोर
सुखबीर बादल के तीसरी बार अध्यक्ष बनने से वरिष्ठ नेता नाराज
दुनिया पर युद्ध का साया
खाड़ी देशों में 80 लाख भारतीय रहते हैं, ऐसे में तनाव बढ़ने से भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ सकता है
फिलहाल तो गद्दी बरकरार
मंत्रिमंडल विस्तार में देरी और कुछ विवादी स्वरों के बावजूद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन सुर्खरू
नाराज नागरिको की आवाज
नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर देश भर में विरोध का नजारा अन्ना आंदोलन जैसा, लेकिन सरकार से अभी भी कोई ठोस संकेत नहीं
पेशेवरो खबरदार ! खतरे में है सोशल लाइफ
ऑफिस में काम का दबाव सोख रहा है जिंदगी का रस, थकान बेहिसाब, सेक्स लाइफ घटी, नींद उड़ी, घर-परिवार के लिए वक्त सिकुड़ा
नागरिकता कानून जरुरी, लेकिन एनआरसी कैसे
मुसलमानों को भारत की तासीर से जोड़ने की पुरजोर कोशिश से ही अखंड भारत का सपना पूरा हो सकेगा
देखन में छोटी, लड़ाई बड़ी
चुनाव की घोषणा के साथ सरगर्मियां तेज, केजरीवाल के मुकाबले भाजपा के पास चेहरा नहीं
डॉ.रविशंकर उर्फ बच्चन - सिंह संघर्ष ने दिलाई सफलता की राह
डॉ. रविशंकर सिंह उर्फ बच्चन सिंह ने छात्र जीवन में ही शिक्षा के क्षेत्र में कॅरिअर बनाने का फैसला ले लिया था! वे कहते हैं कि पहले विश्वविद्यालयों में नियुक्तियां राज्य सरकार या कुलपति द्वारा गठित कमेटी के जरिए होती थीं
जेएनयू हिंसा से हैरान देश गुस्से में
नकाबपोश हिंसा से देश भर के परिसरों में नौजवानों और समाज का धैर्य टूटा, लंबे अरसे से घुमड़ रहे असंतोष के फूट पड़ने से सरकार के सामने चुनौतियां दरपेश, क्या इससे नई राह निकलेगी?
जजपा में बागी सुर हुए तेज
उप-मुख्यमंत्री अपने विधायकों के असंतोष से परेशान, मगर भाजपा सरकार को निर्दलीय विधायकों के समर्थन के कारण ख़ास फिक्र नहीं
जन आंदोलन का रूप लेता विरोध
युवाओं के हाथ में कमान, लेकिन हर वर्ग के लोगों का मिल रहा है समर्थन; भाजपा के ज्यादातर सहयोगी दलों ने भी सीएए से किनारा किया
जंगल पर नई दावेदारी
हाल के विधानसभा चुनावों के नतीजे गवाह हैं कि आदिवासी समाज का भाजपा से मोहभंग हुआ,लेकिन असली सवाल यही कि क्या जल, जंगल, जमीन के मुद्दे हल होंगे
कैसे टूटे मंदी का दुश्चक्र
सरकार ने माना कि अर्थव्यवस्था की हालत गंभीर, अब देखना है कि वह क्या बड़े कदम उठाती है
उथल-पुथल के दौर में साहित्य संसार
गांधी के जीवन, घटनाओं और विचारों के प्रति नए सिरे से रुचि तो बढ़ी ही, सामाजिक प्रश्नों पर जानने समझने की रुचि भी ज्यादा दिखी
5जी से हुवावे को बाहर रखना जरूरी
चीन की कंपनियों की एंट्री राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है, कई देशों ने हुवावे को प्रतिबंधित कर दिया
इस उथल-पुथल से उपजे सवाल
नया कानून संविधान और भारत-विचार के विरुद्ध, वरना श्रीलंका, म्यांमार, भूटान के लोगों की चिंता कहां है
इतिहास की गलतियो को सुधारने का रास्ता
नए कानून से भारतीय नागरिकों या मुसलमानों का कोई लेना-देना नहीं, इसलिए अफवाह फैलाना ठीक नहीं
अब झारखंड की राह पर सियासत
फिजा बदली तो उम्मीद बढ़ी कि एकजुट महागठबंधन यहां भी पड़ेगा भारी, बढ़ सकता है एनडीए में अलगाव
गांव बदहाल मंदी बेलगाम
जीडीपी और निजी खपत में लगभग आधा योगदान करने वाली ग्रामीण अर्थव्यवस्था की अनदेखी से बिगड़े हालात
क्या आप चुस्त दुरुस्त हैं?
सवाल तो सीधा-सा है लेकिन जवाब देना क्या वाकई आसान है? सेहत का अंदाजा तो कुछेक टेस्ट एक्सरे, ईसीजी और ब्लड टेस्ट से भी लगा सकते हैं। फिर, कुछ अंदाजा इससे भी मिल सकता है कि आप क्या खाते हैं कितनी देर सोते हैं, खुद को फिट रखने के लिए क्या या कितना व्यायाम करते हैं ।
आवाज का असर तो हुआ
एक स्वर में मुक्त व्यापार समझौते के खतरों पर आवाज उठी तो सरकार आरसीईपी से बाहर आई
आगे बढ़ने का वक्त
अदालत के फैसले के बाद क्या यह मान लिया जाए कि अयोध्या राजनीति खत्म हुई या फिर राजनेतिक फायदे के लिए नए भावनात्मक और धार्मिक मुद्दों की तलाश शुरू हो जाएगी?
अयोध्या राजनीति का अंत या...
अदालत ने अयोध्या विवाद पर फैसला सुनाकर ध्रुवीकरण की राजनीति को खत्म करने की राह दिखाई लेकिन क्या ऐसा होगा?
'स्थिर सरकार को ही मिलेगा जनादेश'
आपकी पहली सरकार है जिसने पांच साल का कार्यकाल पूरा किया। इस दौरान सरकार लोगो के जीवन में क्या बदलाव ला पाई ?
खुली हर गांठ
आजसू का साथ छूटने से बैकफुट पर सत्तारूढ़ भाजपा, विपक्षी कांग्रेस, झामुमो और राजद गठजोड़ में भी बगावत के स्वर
भाजपा के विस्तार से डरे सहयोगी
हालिया चुनावों के नतीजों ने भाजपा के सहयोगी दलों को मोदी-शाह से मोल-भाव करने का मौका दिया
संतुलित समीक्षा जरूरी
कई पेचीदगियों के बावजूद अयोध्या फैसले के असर को देखकर विश्लेषण करने की दरकार
हर बार राष्ट्रवाद नहीं चलने वाला
इंटरव्यू: भूपेश बघेल