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दो शहरों की दास्तां
महामारी की तेजी मुंबई में घटी लेकिन दिल्ली में संक्रमण मामले देश में सबसे अधिक हुए, क्या है फर्क
नई चीन नीति का वक्त
लद्दाख के पूर्वी इलाके में यथास्थिति कायम होना आसान नहीं, चीन के आक्रामक रुख पर नई सोच जरूरी
भ्रष्टाचार पर चौतरफा धिरी योगी सरकार
सामने आए सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं संग परीक्षा माफियाओं के संबंध
महामारी के बीच बॉलीवुड के हालात
कई बड़ी फिल्मों के ओटीटी प्लेटफॉर्म पर आने से फिल्मकारों और सिनेमाघर मालिकों के बीच ठनी
नई राजधानी का तोहफा
गैरसैंण बनेगी ग्रीष्मकालीन राजधानी, विपक्ष का सवाल कि कहां बनेगी स्थायी राजधानी
बेदम होते रोजगार के सरकारी दावे
उद्योग अभी तो पुरानी क्षमता का आधा भी इस्तेमाल नहीं कर पा रहे, नए रोजगार तो दूर की कौड़ी
साय की नियुक्ति से मजबूत हुए रमन
पहले नेता प्रतिपक्ष और अब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष, दोनों नियुक्तियों में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह की चली
रिश्ते बचाने की दरकार
लिपू लेख दर्रे पर नेपाल के हाल के रुख पर चीन की स्पष्ट छाप, भारत को पड़ोसी देश के साथ ऐतिहासिक रिश्ते बचाने को प्रयास करने होंगे
कोविड-19 के बाद बदलेगी इमारतों की प्लानिंग
लोगों के रहन-सहन और काम की शैली के अनुरूप शहरों और इमारतों में बदलाव जरूरी
उपलब्धियों पर भारी चुनौतियां
मौजूदा दौर में कोविड महामारी और लॉकडाउन से बदहाली के अलावा मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले साल में खट्टे-मीठे अनुभव
अब जून-जुलाई की चिंता
बिना लक्षण वाले मरीजों की संख्या बढ़ने से संक्रमण रोकना मुश्किल, ऐसे में टेस्टिंग के तरीके पर उठे सवाल
कोरोना काल में हुए बेसहारा
तीन महीने बाद भी मुआवजा नहीं, दंगा पीड़ितों का दोहरा संकट
"हालात नोटबंदी काल के संकट से भी ज्यादा गंभीर"
करीब दो महीने के देशव्यापी लॉकडाउन ने करोड़ों लोगों का रोजगार छीन लिया है। अब जब लॉकडाउन में चरणबद्ध तरीके से ढील दी जा रही है, तो लोग एक बार फिर उम्मीद लगाए बैठे हैं। लेकिन जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर लेबर में इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर संतोष मेहरोत्रा का मानना है कि हालात पूर्ववत होने में काफी समय लगेगा। वैसे तो हालात कोविड महामारी के आने से पहले ही अच्छे नहीं थे, पर यह भी सच है कि भारत में बेरोजगारी की समस्या दशकों पुरानी है। प्रो. मेहरोत्रा की संपादित किताब रिवाइविंग जॉब्स, 'एन एजेंडा फॉर ग्रोथ' हाल ही में प्रकाशित हुई है। रोजगार के समूचे परिदृश्य पर उनसे बात की आउटलुक के एस.के. सिंह ने। मुख्य अंश:
"महामारी को सरकार ने महात्रासदी में बदला"
पहले चंद्रशेखर सरकार और फिर अटलबिहारी वाजपेयी सरकार में वित्त मंत्री और फिर विदेश मंत्री जैसा अहम जिम्मा संभाल चुके 83 वर्षीय यशवंत सिन्हा 2014 के बाद से ही दलगत राजनीति से बाहर हैं लेकिन बतौर सार्वजनिक शख्सियत वे आज भी सक्रिय हैं। हाल में लॉकडाउन के दौरान गरीब और प्रवासी मजदूरों की दुर्दशा के खिलाफ उन्होंने राजघाट पर लगभग 11 घंटे का धरना और गिरफ्तारी दी। उनकी मांग है कि मजदूरों को उनके घर ससम्मान पहुंचाने के लिए सेना की मदद ली जाए। इस त्रासद दौर की घटनाओं, सरकारी कदमों, राहत पैकेज जैसे तमाम मुद्दों पर उनसे हरिमोहन मिश्र ने बातचीत की। प्रमुख अंशः
बेमौत मरने की त्रासदी
भूख, भय, लाचारी से प्रवासी मजदूरों की दर्दनाक स्थिति, कुछ की मौत जैसे दृश्य की मिसाल ढूंढ़ना मुश्किल
पहली किस्त तो नाकाफी
प्रधानमंत्री के 20 लाख करोड़ के पैकेज के ऐलान के बाद वित्त मंत्री के छह लाख करोड़ के पैकेज में मजदूर वर्ग को राहत नहीं
कैसे शुरु हो पढ़ाई
महामारी और लॉकडाउन से बैठे शिक्षा हलके में असमंजस भारी, ई-लर्निंग पर कई तरह के सवाल
सराहे आगरा मॉडल ने ही खोली पोल
आगरा के मेयर की चिट्ठी और वायरल हुए वीडियो से आदित्यनाथ सरकार की कोशिशों पर फिरा पानी
कैसे चलेगा उद्योग का पहिया
क्लस्टर में करीब आधे प्रवासी श्रमिक, लॉकडाउन के बाद ज्यादातर लौट गए, उनके बिना काम शुरू करने में मुश्किलें
लॉकडाउन के सहारे लड़ाई जारी
केंद्र सरकार ने कुछ ढील के साथ लॉकडाउन 3 मई तक बढ़ा दिया है, प्रधानमंत्री मोदी के सामने अर्थव्यवस्था को बचाना अब बड़ी चुनौती
महामारी की तालाबंदी और बंटवारा
महामारी से निपटने के तरीकों से देश में गरीब-अमीर की खाई की हकीकत खुली, पुलिसिया राज बढ़ने के खतरे बढ़े और दुनिया बंटी
तैयारी तो नाकाफी
देश में 15 मई तक संक्रमण बढ़ने का बड़ा खतरा, चुनौती से निपटने की सरकारी तैयारियों पर कई सवाल
घर और बाहर की चुनौती
चौथी बार मुख्यमंत्री बने शिवराज सिंह चौहान को अपनी पार्टी के नेताओं से भी जूझना पड़ेगा
सिंधिया का दांव कमलनाथ का पेच
ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा प्रवेश और उनके खेमे के 22 विधायकों की पाला बदल की कोशिश से कमलनाथ सरकार संकट में
महामारी से बढ़ी लाचारी
कोरोना के आगे विकसित देश भी लाचार, भारत रोकथाम से चूका तो जिंदगियों और खस्ताहाल अर्थव्यवस्था के लिए भारी खतरा
बंगबंधु जयंती पर रिश्तों की गांठ
भारत और बांग्लादेश अपनी मौजूदा चिंताओं को दूर कर आगे की राह तय करें, शेख मुजीबुर्रहमान को यही होगी सच्ची
इस आजादी के क्या मायने
डॉ. फारूक अब्दुल्ला और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अगले कदम पर निर्भर होगी राज्य की राजनैतिक प्रक्रिया नसीर गनई
"जब इतने राज्य विरोध में हो तो क्या केंद्रीय कानून राष्ट्रीय कानून हो सकता है।"
शिअद-भाजपा सरकार ने पंजाब को जिस हाल में छोड़ा था, उसे देखते हुए स्थिति सुधरने में थोड़ा वक्त लगेगा। लेकिन मैंने इसे पूरा करने का वादा किया है
नीतीश के फीके दावे
सम्मेलन से मुख्यमंत्री ताकत दिखाना चाहते थे, पर भीड़ ही नहीं जुटी
धू-धूकंर जलीं जिदगिया
नफरत की खाई हुई चौड़ी, जानमाल की तबाही में पुलिस रही मूकदर्शक, हजारों बेघर, लाखों ने गंवाए रोजगार