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खोया और पाया
Champak - Hindi
|August First 2025
बन्नी पांडा ने हर जगह देखा, लेकिन उसे अपना टैबलेट नहीं मिला. उस ने कुर्सी के नीचे देखा और अपने पीले मोजे ढूंढ़ निकाले. उसे बेड के नीचे से खोई हुई रबर मिली. उसे अपना पसंदीदा पेंसिल बौक्स भी मिल गया, जो एक पुरानी टीशर्ट के अंदर लिपटा हुआ था.
“मां, क्या आप ने मेरा टैबलेट देखा है?” उस ने अपनी मां से पूछा.
उस की मां ने देखा कि बन्नी ने उन के बेडरूम में काफी गंदगी फैला दी थी, तो उन्होंने उसे डांटा, “इस कमरे में तुम ने ये क्या किया है? तुम अपनी चीजें सही जगह पर क्यों नहीं रखते?”
‘मुझे नहीं लगता कि मां मेरी मदद करेंगी,’ बन्नी ने सोचा.
पापा पांडा एक सप्ताह के लिए बाहर गए थे. ऐसे मामलों में वे बहुत मददगार थे.
सबकुछ वापस रखने में लगभग दो घंटे लग गए. इस प्रक्रिया में कमरा काफी साफ और व्यवस्थित लग रहा था, लेकिन बन्नी अभी भी उदास, थका हुआ और थोड़ा गुस्से में था.
तभी उस की छोटी बहन मिन्नी अपनी पसंदीदा गुड़िया को ले कर कमरे में दाखिल हुई. “मेरे कमरे से निकल जाओ, पेंगुइन,” वह बिना किसी वजह के उस पर चिल्लाई.
वह चिल्लाती हुई भागी.
जब दादी ने उसे रोते हुए सुना, तो वे आईं और नन्ही मिन्नी को गोद में उठा लिया. फिर वह सोफे पर बैठ गईं और बन्नी को पुकारने लगीं.बन्नी उदास हो कर अंदर आया और मिन्नी की ओर झुंझलाहट से देखने लगा. दादी ने उस के सिर पर हाथ फेरा और शांत स्वर में बोलीं, “बन्नी, तुम्हें एक जिम्मेदार बड़े भाई की तरह व्यवहार करना चाहिए. तुम क्यों हमेशा मेरी प्यारी मिन्नी को परेशान करते हो?”
“दादी, वही मुझे हर समय परेशान करती है. उस ने मेरी किताब से एक पन्ना फाड़ दिया था और मुझे अपने टीचर से इस के लिए डांट पड़ी थी. मुझे यकीन है कि उस ने ही मेरा टैबलेट भी कहीं छिपा दिया है.”
मिन्नी अभी यह सब समझने के लिए बहुत छोटी है. उस के थोड़ा बड़ा होने तक इंतजार करो, फिर तुम दोनों साथ में खूब मजा करोगे.”
इस के बाद दादी ने बन्नी को अपने बचपन की एक कहानी सुनाई कि कैसे वे और उन का भाई ध्रुवीय भालू बनने का सपना देखते थे.
Denne historien er fra August First 2025-utgaven av Champak - Hindi.
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