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चंपकवन में हैप्पी दीवाली
Champak - Hindi
|October Second 2025
दीवाली नजदीक आ रही थी. चंपकवन के अध्यक्ष शेरसिंह ने गहरी सांस ली और अपने फुर्तीले मंत्री जंपी बंदर को बुलाया.
“जंपी, इस बार चंपकवन में दीवाली बिना पटाखों के मनेगी. मैं ने देखा यहां बच्चे, बूढ़े जानवर और बीमार लोग इन धमाकों से डर जाते हैं. उन की नींद में खलल पड़ती है और मुझे पटाखों की आवाज से सख्त नफरत है. मुझे इस दीवाली जंगल में शांति और खुशहाली चाहिए, डर और शोर नहीं.”
“हां, महाराज, आप बिलकुल सही कह रहे हैं,” जंपी उछलता हुआ बोला. वह भी जानता था कि पटाखों का शोर अकसर जंगल के शांत वातावरण को कैसे बिगाड़ देता है.
हालांकि यह सुन कर झाड़ियों के पीछे से एक शरारती आवाज आई, “क्या? बिना धमाके की दीवाली? यह तो बिना चीनी के लड्डू जैसा है.”
वह डैबी बंदर था. डैबी अपनी शरारतों और शैतानी के लिए पूरे चंपकवन में मशहूर था. उसे लगता था कि दीवाली का असली मजा तो पटाखों की तेज आवाज में ही है.
डैबी ने तुरंत अपने करीबी दोस्तों को बुलाया. उन में से एक थी बैडी लोमड़ी, जो अपनी चतुर और तेज बुद्धि के लिए जानी जाती थी और दूसरा था विवि भेड़िया, जिसे खानापीना तथा गाना बहुत पसंद था. वह बहुत ताकतवर भी था.
“दोस्तो, इस बार हम सब से धमाकेदार दीवाली मनाएंगे, इतना शोर मचाएंगे कि आसमान गूंज उठेगा और सब को हमारी दीवाली याद रहेगी,” डैबी ने आंखों में चमक लाते हुए कहा.
बैडी लोमड़ी ने अपनी पूंछ हिलाई और हंसी.“मेरे पास तो पहले से ही चकरियों और अनारों का ढेर है,” बैडी ने गर्व से कहा.
विवि भेड़िया ने जोरदार जम्हाई और अंगड़ाई ली.
“बस, मुझे कुछ करने के लिए मत कहो, मैं केवल धमाके सुनूंगा और स्वादिष्ट मिठाइयां खाऊंगा,” विवि ने कहा.
पहले दिन वे तालाब पर पहुंचे और उन्होंने एक विशाल ड्रैगन पटाखा फोड़ा.
फटाक की आवाज इतनी तेज थी कि तालाब के किनारे बैठे मेढक टर्रर्र करते हुए पानी में कूद पड़े और छपाकछपाक की आवाजें निकालने लगे, जो चारों ओर गूंजने लगीं.
Denne historien er fra October Second 2025-utgaven av Champak - Hindi.
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