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Religious-Spiritual

Rishi Prasad Hindi

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कैसे गरीबनिवाज हैं मेरे गुरुदेव!

वडोदरा के कालीदास परमार पूज्य बापूजी के सान्निध्य के प्रसंग बताते हुए कहते हैं :

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May 2025
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कैसा अद्भुत है संतों के दिव्य ज्ञान का प्रभाव!

प्रायः लोग समझते हैं कि रहने के लिए सुख-सुविधाएँ हों, खाने के लिए तरह-तरह के व्यंजन हों, पहनने के लिए महँगे वस्त्र हों तभी हम सुखी होंगे परंतु क्या सांसारिक भोगों का सुख से कोई संबंध है ? क्या इनके बिना व्यक्ति सुखी नहीं रह सकता है ? इन गूढ़ प्रश्नों का उत्तर जानते हैं संत विनोबाजी भावे द्वारा बताये गये अपने जीवन के एक संस्मरण से :

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May 2025
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इन अवस्थाओं के बदलने पर भी हम नहीं बदलते

(पिछले अंक में आपने जाना कि जाग्रत, स्वप्न और सुषुप्ति इन तीनों अवस्थाओं का विस्तार मन ने ही किया है और तुरीय तीनों से विलक्षण है। उसी क्रम में अब आगे...)

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May 2025
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प्रारब्ध ने किया अनाथ, संत-कृपा से हुईं सनाथ

१६वीं शताब्दी में देश में मुगलों का अत्याचार काफी जोर पर था। उस समय चारों ओर लूट-खसोट और भीषण हत्याकांड हो रहे थे। इसीमें गंगा-यमुना नामक दो असहाय बालिकाओं से उनके कुटुम्बी छिन गये, ९ वर्ष की आयु में वे अनाथ हो गयीं।

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May 2025
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गर्मियों में ठंडक और सेहत का प्राकृतिक उपहार : खस

गर्मियों की तपन से बचने और शरीर को शीतलता प्रदान करने के लिए खस एक अत्यंत गुणकारी वनस्पति है। इसकी जड़ का उपयोग औषधि, पेय, सुगंध एवं जलशुद्धि के लिए किया जाता है। इस प्राकृतिक औषधि के लाभ और इसके सही उपयोग के तरीके :

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May 2025
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भूमि का अपना प्रभाव होता है - पूज्य बापूजी

इस (अहमदाबाद आश्रम की) भूमि को साधारण मत समझना । तीर्थत्व है इसमें । यहाँ पूर्वकाल में जाबल्य ऋषि का आश्रम था । (ऊपरवाले) बड़ बादशाह के पास जहाँ कार्यालय है, वहाँ नींव खोदते गये तो यज्ञ की राख निकलती गयी। उसे हमने भी निकाला और हमारे सेवकों ने भी। कितनी ट्रकें राख निकली होगी, हम बता नहीं सकते।

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May 2025
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ऐसे योद्धा जिन्होंने मरते दम तक संस्कृति से निभाया!

एकाग्रता और अनासक्ति का प्रताप

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May 2025
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धनाढ्यों के अध्ययनों ने उजागर किये विस्मयकारी तथ्य

प्रायः लोग समझते हैं कि जिसके पास अधिक धन है वह ज्यादा सुखी है। धन का उपयोग करके वस्तुएँ तो खरीदी जा सकती हैं लेकिन क्या धन में सुख-शांति व प्रसन्नता देने का सामर्थ्य है ?

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May 2025

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आरोग्य व पुण्य संचय की दृष्टि से भी वृक्षारोपण है महत्त्वपूर्ण

पुराने दोषों को याद करके चित्त को कभी दुःखी मत होने दो।

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May 2025
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गर्मियों के लिए स्वास्थ्य-हितकारी बातें

गर्मियों के लिए उत्तम पेय

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May 2025
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भौतिक समृद्धि को भुनाने के लिए संतों के ऐसे पवित्र आश्रम बलि नहीं चढ़ने चाहिए

हाल ही में मैंने न्यूज पेपर्स में पढ़ा कि २०३६ में होनेवाले ओलम्पिक की मेजबानी भारत को मिले इसके लिए तैयारियाँ शुरू हो गयी हैं। इसके लिए अहमदाबाद में जो संत श्री आशारामजी बापू का आश्रम है उसकी भूमि को खेल का मैदान बनाने का प्रयास चल रहा है।

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May 2025
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संत-जीवनी लिखने का अधिकारी कौन?

वन-विभाग के एक सज्जन सेवानिवृत्त होकर श्री ब्रह्मचैतन्य गोंदवलेकर महाराज के सान्निध्य में आकर रह रहे थे। उन्हें सभी लोग 'भाऊसाहब फॉरेस्ट' कहते थे। उन्हें लिखने-पढ़ने का शौक था। गोंदवले (महाराष्ट्र) में ६ महीने रहने पर गोंदवलेकर महाराज का विलक्षण चरित्र देखकर उनकी जीवनी लिखने की बात उनके मन में आयी। महाराजजी से संबंधित जानकारी एकत्र करना उन्होंने प्रारम्भ किया। रोज की घटनाओं को भी लिखकर रखना प्रारम्भ किया।

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May 2025
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...उतना ही वह निष्काम कर्म शक्तिशाली होता है

संत कबीरजी के जीवन की घटना है। एक बार कबीरजी के द्वार पर कोई भिखारी आया । भिखारी ने कहा : “महाराज ! मैं भूखा हूँ, मेरे पास खाने के लिए कुछ नहीं है।”

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May 2025
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सुसंस्कारों का सुपरिणाम

13 अप्रैल को संत राधारमण चरणदासजी की जयंती है।

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April 2025
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ऋषि प्रसाद सेवा की अद्वितीय घटनाएँ एवं दिव्य संरक्षण

ऋषि प्रसाद की सेवा में इतना आनंद आता है कि मुझे और कुछ याद ही नहीं रहता।

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April 2025
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ऐसे महान संत के बारे में अपनी धारणा को बदलिये

सीआईडी सीरियल के अभिनेता श्री अभय शुक्ला अहमदाबाद आश्रम में जाँचने आये थे परंतु यहाँ की सच्चाई जानकर हैरान हो गये। उनसे हुई भेंटवार्ता के कुछ अंश :

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April 2025
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शाकाहारी भोजन व योगाभ्यास की शक्ति

राममूर्ति नाम के एक पहलवान हो गये।

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April 2025
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योग से शक्ति-संचय, भोग से विनाश!

मति को निर्मल बनाना चाहते हो तो संयमी बनो और ज्ञानी महापुरुषों का संग करो, सदुपदेश सुनते रहो। भोगवृत्तियों को रोकना ही संयम है।

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April 2025
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ध्यान से जगता है विवेक

(पूज्य बापूजी के सत्संग वचनामृत से) राजकुमार सिद्धार्थ बगीचे में बैठे थे।

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April 2025
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गुरुदेव सिखाते कर्म में सजगता व कुशलता का पाठ

शास्त्र कहते हैं:योगःकर्मसु कौशलम्।

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April 2025
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विकारी आकर्षण से कैसे बचें?

जैसे पतंगे सुख लेने के लिए दीये पर जा गिरते हैं और अपने-आपको बरबाद कर देते हैं, ऐसे ही हम लोग रूप, रस, शब्द, गंध, स्पर्श – इन ५ विषयों की ओर दौड़-दौड़ के अपने को बरबाद कर देते हैं।

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April 2025
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तो तन, मन व मति को दिव्य गति देनेवाला हो जायेगा वैशाख मास

12 अप्रैल से 12 मई तक वैशाख मास व्रत है।

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April 2025
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जनता इस दुष्प्रचार को भलीभाँति समझती है

इतिहास साक्षी है कि जिन-जिन समाजसेवियों ने देशहित व संस्कृति-रक्षा के लिए व्यापक स्तर पर कार्य किये, स्वार्थी तत्त्वों ने उनके खिलाफ दुष्प्रचार एवं षड्यंत्र करके उसमें अवरोध उत्पन्न करने का प्रयास किया।

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April 2025
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विरुद्ध आहार : स्वास्थ्य के लिए अदृश्य विष

जो पदार्थ रस-रक्तादि सप्तधातुओं के विरुद्ध गुणधर्मवाले व वात-पित्त-कफ इन त्रिदोषों को प्रकुपित करनेवाले हैं उनके सेवन से रोगों की उत्पत्ति होती है। इन पदार्थों में कुछ परस्पर गुणविरुद्ध, कुछ संयोगविरुद्ध, कुछ संस्कारविरुद्ध और कुछ देश, काल, मात्रा, स्वभाव आदि से विरुद्ध होते हैं।

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March 2025
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आप राष्ट्र के भावी कर्णधार या अभिभावक हैं तो...

किसी भी राष्ट्र की प्रगति के लिए जितनी आवश्यकता शिक्षित नागरिकों की मानी जाती है उससे भी कहीं ज्यादा नैतिकता से सुसम्पन्न चरित्रवान नागरिकों की होती है और बिना आध्यात्मिकता के नैतिकता टिक ही नहीं सकती।

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March 2025
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जब तालियों की गड़गड़ाहट के बीच रो पड़े महात्मा

एक बार किन्हीं महात्मा को कुछ लोग खूब रिझा-रिझाकर अपने गाँव में ले गये। ब्रह्मवेत्ता, आत्मसाक्षात्कारी महापुरुष आ रहे हैं यह जान के गाँववालों ने एड़ी-चोटी का जोर लगाकर उनके स्वागत की तैयारियाँ कीं। बड़ा विशाल मंच तैयार किया गया।

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March 2025
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भगवान श्रीराम की गुणग्राही दृष्टि

जब हनुमानजी श्रीरामचन्द्रजी की सुग्रीव से मित्रता कराते हैं तब सुग्रीव अपना दुःख, अपनी असमर्थता, अपने हृदय की हर बात भगवान के सामने निष्कपट भाव से रख देता है। सुग्रीव की निखालिसता से प्रभु गद्गद हो जाते हैं । तब सुग्रीव को धीरज बँधाते हुए भगवान श्रीराम प्रतिज्ञा करते हैं :

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March 2025
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गोरखनाथजी के तीन अनोखे सवाल

योगी गोरखनाथ अपने प्यारे शिष्य के साथ कहीं जा रहे थे। रास्ते में प्यास लगी तो कुएँ पर पानी पीने गये। खेत में ज्वार के दाने चमक रहे थे, किसान ज्वार को पानी पिला रहा था। गोरखनाथजी ने पानी पिया और किसान से पूछा : \"ज्वार खा ली है कि खानी बाकी है?\"

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March 2025
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इसका नाम है सेवा

एक गुरु के दो शिष्य थे। एक बेटा था, एक चेला था। गुरुजी ने दोनों से कहा : \"तुम लोग एक-एक चबूतरा बनाओ। उस पर बैठकर हम भजन किया करेंगे।\"

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March 2025
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परम पद की प्राप्ति के लिए यह बहुत जरूरी है

हमारे परम हितैषी कौन?

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March 2025