Culture
Kadambini
मौन से मुखर तक
वक्त के साथ प्रेम के रूप बदलते गए हैं तो प्रेम कहानियों का कलेवर भी। एक समय उन्हीं कहानियों को प्रेम कहानियों की संज्ञा मिली जिनमें कुछ पाना नहीं होता था, खोना ही खोना होता था। समय के साथ यह प्रेम अब साहचर्य की मांग करने लगा और प्रेम कहानियां भी मुखर होती गईं
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February 2020
Kadambini
मेरी आंखों में मेरी यादें
एक कलाकार के लिए यादो का महत्व बहुत होता है। खासकर नृत्य और स्मृतियो के सहारे ही आगे बढ़ता है। इसलिए यहाँ गुरु - शिष्य परम्परा का बहुत महत्व है।
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November 2019
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मूँग की दाल
महंगाई का हाल यह है कि आम आदमी के लिए अब दाल- रोटी भी मुश्किल होती जा रही है। प्याज-टमाटर के दाम तो अब सरकार बनाने-गिराने के काम आने लगे हैं। अब वह दिन भी दूर नहीं जब पानी भी इतना महंगा हो जाए कि दाल में दाल तो छोड़िए पानी भी मयस्सर न हो
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January 2020
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माघ महिमा
संस्कृत के महाकवि माघ का जन्म गुजरात-राजस्थान की सीमा पर स्थित भिन्नमाल नगर में हुआ था। माघ के बारे में अनेक किंवदंतियां हैं, जैसे वे इतने उदार थे कि अपना सब कुछ दान कर देते थे। यही हाल उनकी पत्नी का भी था
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January 2020
Kadambini
भविष्य - व्यवसाय कब ठीक चलेगा
बेटियों के विवाह अभी तक नहीं हो पा रहे हैं। कब योग बनेगा ?
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November 2019
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बे - रेजगारी के दिन
रेजगारी अब मिलती नहीं । किसी को शगुन का लिफाफा देना हो तो बड़ा संकट एक रुपये के नोट या सिक्के का होता है , क्योंकि एक सौ एक या पांच सौ एक देना हमारे यहां मांगलिक माना गया है । सवा रुपये का कभी बड़ा महत्त्व था , लेकिन चवन्नी ही बाजार से गायब हो गई और पंडितजी भी दक्षिणा में अब बड़े नोटों के फेर में पड़े हुए हैं । देखा जाए तो कैसलेस के दौर में यह बे-रेजगारी के दिन हैं
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December 2019
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बीती बिसार दे!
बीते हुए साल में हम जो नहीं कर पाए, उसका गम नहीं करना चाहिए। उसे अगले... और अगले नए साल में करने का प्रयत्न करना चाहिए। नया साल इसलिए आता है, ताकि हम अपने पिछले साल के कुछ अधूरे, तो कुछ नए साल के नए वादों को पूरा कर सकें ।
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January 2020
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बनी रहे हमारी सुर-ताल
जीवन में बदलाव जरूरी हैं। ये इनसान के विकास को दर्शाते हैं, लेकिन ये बदलाव सकारात्मक होने चाहिए। इनका कुछ उद्देश्य होना चाहिए। अगर ये सार्थक हैं तो जीवन में सुर-ताल बनी रहती है
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January 2020
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बनारस की होली नहीं भूलता
बनारस मस्ती का शहर है और होली मस्ती का त्योहार। शास्त्रीय संगीत की इसकी परंपरा तो अतुलनीय है ही। जब भी बनारसी होली का जिक्र आता है तो राग बसंत और बसंत बहार अपने आप चला आता है
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March 2020
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बदल रही है साहित्य की धुरी
साहित्य के लिए यह साल इस अर्थ में अहम है कि इस साल केंद्रीय विधाओं में काफी उलटफेर हुआ है । हालांकि कविता - कहानी अब भी अपना वर्चस्व बनाए हुए हैं , लेकिन मुख्य जोर सफल लोगों की जीवनी . आत्मकथाओं , यात्रा - संस्मरणों और प्रेरणादायी पुस्तकों का रहा है
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December 2019
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बचकर रहें सर्दियों में
सर्दियां अस्थमा रोगियों के लिए कई बार जैसे मुसीबत ही बन जाती हैं। इस बीमारी में श्वास की नलियों में सूजन हो जाती है , जिससे वे सिकड़ने लगती हैं और सांस लेने में दिक्कत होती है । जाड़े के दिनों में श्वास नलियों में सिकुड़न बढ़ने का खतरा ज्यादा होता है । स्मॉग वगैरह परेशानी को जानलेवा बना देते हैं । थोड़ी सावधानी रखी जाए तो अस्थमा को नियंत्रण में रखा जा सकता है
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December 2019
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फिल्म तो नॉस्टेल्जिया है
फिल्म एक कला माध्यम है और सीधे - सीधे यादो से ही जुड़ा है। यादगार फिल्मे वही है जो इंसानियत से,अपने समय से जुडी होती है।
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November 2019
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प्रेम, और सिर्फ प्रेम
प्रेम के कई रूप हैं। अपने उदात्त रूप में प्रेम सिर्फ देना जानता है, कुछ पाना नहीं। अपने विकृत रूप में वह हिंसा, बलात्कार और एसिड अटैक तक जा पहुंचता है। जैसे प्रेम करना कठिन है वैसे ही प्रेम कहानी लिखना भी। अपने सर्वोत्तम रूप में हर प्रेम कहानी में देह नगण्य हो जाती है और भावना प्रधान
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February 2020
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प्रेम के बारे में कुछ
प्रेम के बारे में जितने रहस्य कहे जाते हैं उतने हैं नहीं। प्रेम बहुत कुछ हमारे अतीत और हमारे हार्मोंस पर भी निर्भर करता है। प्रेम के भी कई प्रकार हैं जिसमें प्रतिबद्धता, आकर्षण और अंतरंगता की भूमिका अहम होती है। संपूर्ण प्रेम इन तीनों से मिलकर ही बनता है
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February 2020
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पहला कदम - महात्मा के सपनों का भारत
महात्मा गांधी के 150वीं जयंती वर्ष की समारोह श्रृंखला में कादम्बिनी क्लब के तत्त्वावधान में पिछले दिनों लखनऊ के गांधी संस्थान में गांधी साहित्य पर चर्चा आयोजित की गई।
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November 2019
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पत्थर और बहता पानी
पुरानी इमारतें जहां हमें बीते वक्त की स्ततियों में ले जाती हैं वहीं नदियों का बहता पानी हमें उस शाश्वत समय का बोध कराता है जहां कुछ भी नहीं बीतता। मनुष्य हमेशा वर्तमान में नहीं रह सकता। उसके भीतर स्तृतियों का संसार ही उसे जीवित बनाए रखता है
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November 2019
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नया साल मुबारक
यह हमारी रंग-बिरंगी आकांक्षाओं और संकल्पों का दिन है। यह दिन हमारे भोगे हुए कष्टों और अनजाने सुख के बीच की कड़ी है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि इसका भविष्य क्या होगा। आज तो इसके उत्सव का दिन है। इसके स्वागत का दिन है। नए सपने सजाने और उन्हें पूरा करने के संकल्प का दिन है
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January 2020
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न उनकी हार नई है न अपनी जीत नई
प्रसिद्ध पाकिस्तानी शायर फैज अहमद फैज अपनी एक नज्म की वजह से पिछले दिनों चर्चा में रहे। समर्थन और विरोध, दोनों में लोग आ खड़े हुए, लेकिन सवाल है कि क्या इस पीढ़ी को फैज के रचनाकर्म की पर्याप्त जानकारी है? । फैज के रचनाकर्म और व्यक्तित्व को समग्रता में समझे बगैर उन पर ठीक ढंग से बात नहीं की जा सकती। लेखिका फैज साहब से हुई अपनी मुलाकातों के जरिये उन्हें याद कर रही हैं
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February 2020
Kadambini
धीरे-धीरे मिट रही हैं दूरियां
विश्व साहित्य के नजरिये से देखें तो यह साल भी पिछले साल की तरह ही रहा और शायद अगले साल भी ऐसा ही हो, लेकिन एक बड़ा परिवर्तन इधर देखने में आ रहा है और वह है भारतीय साहित्य का विश्व स्तर पर प्रतिष्ठित होना । बेशक माध्यम अंग्रेजी ही है , लेकिन उससे क्या? समाज एक दूसरे के पास आ रहा है और भाषाएं भी
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December 2019
Kadambini
दुनिया को चलाते ईंधन
सभ्यताओं का इतिहाथ स्मृतियों का भी इतिहास है। जब हम किसी व्यक्ति, चीज या जगह को याद करते हैं तो उसके साथ उसका पूरा इतिहास याद आने लगता है। साहित्य, फिल्म और अन्य कला माध्यमों में इसे शिद्दत से उकेरा गया है और हर नई पीढ़ी उसे अपने ढंग से याद करने की कोशिश करती है
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November 2019
Kadambini
थोड़ी कोशिश खुद को बदलने की
पुराने साल की विदाई और नए साल का स्वागत, जब अपनों के साथ होता है तो बात ही कुछ और होती है । नया साल नए वादों के साथ मन में जोश पैदा करता है । कुछ कर गुजरने का हौसला देता है
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January 2020
Kadambini
जोगीरा सा रा रा रा...
बिना गीत-संगीत के होली भी क्या होली है! भारतीय संगीत चाहे वह लोकसंगीत हो या शास्त्रीय, होली के रंग में रंगा हुआ है। देशकाल के हिसाब से बोल जरूर कुछ बदल जाते हैं, लेकिन राग और ताल वही रहते हैं। वक्त कितना ही बदला हो, होली गीतों की आत्मा नहीं बदली
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March 2020
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जैसे नया मनुष्य जन्मता है
सुख-दुख, आशा-निराशा के बीच फिर नया साल आ गया । अपने आप से वादे का दिन । एक ऐसी दुनिया गढ़ने का दिन, जिसमें सब सुरक्षित हों । कोई अपराध न हो । न गरीबी, न भुखमरी । न किसी प्रकार का कोई दुख... कुछ ऐसे ही हैं नए साल के संकल्प
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January 2020
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जीवन की स्मृति है कर्म
जीवन का मूलमंत्र है कर्म जो अध्यातम की दुनिया में स्मृति का अपना महत्व है।
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November 2019
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जिमी और मैं
प्रेम को किसी सिद्धांत में नहीं बांधा जा सकता, जबकि जिमी अपने प्रेम को सिद्धांत में बांधने की कोशिश करता है । कम उम्र के दो प्रेमी प्रेमिका को किसी और से प्रेम हो जाता है और जिमी अपने सिद्धांतों के साथ दुखी । हालांकि प्रेमिका को जिमी का यह परिवर्तन भी आकर्षक लगता है
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February 2020
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जगर-मगर बाजार लेकिन...
हाल के दिनों में साहित्य की दुनिया में एक नई चीज हुई है और वह है बाजार और पूंजी का वर्चस्व । पहले ऐसा नहीं था । साहित्यकार जब आपस में मिलते थे तो देश और दुनिया की चिंता ज्यादा करते थे । अब बाजार ने वहां विचारों का दखल कम किया है
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December 2019
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छाया मत छूना
गिरिजाकुमार माथुर की महान कविता छाया मत छूना मनहोता है दुख दूना मन
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November 2019
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घटश्राद्ध
कन्नड़ के ख्यातिलब्ध रचनाकार यू. आर. अनंतमूर्ति की यह चर्चित कहानी है । एक विधवा स्त्री को केंद्र में रखकर परंपरा के नाम पर समाज में व्याप्त विसंगतियों और पाखंड पर यह तीखा प्रहार करती है । लेखक के जन्म-दिवस के मौके पर इस लंबी कहानी का संपादित रूप
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December 2019
Kadambini
गोधूलि
नार्मन गोर्ट्स्बी पार्क की बेंच पर बैठा गोधूलि के समय के दृश्यों का आनंद ले रहा था। उसके बगल में एक बुजुर्ग बैठे थे। वे उठे तो एक नवगुवक आकर बैठ गया। बातचीत में उसने बताया आज ही वह शहर में आया है और साबुन की एक टिकिया लेने निकला और कुछ देर घूमने-टहलने के बाद उसे याद आया कि उसने न तो अपने होटल के नाम पर ध्यान दिया था और नही सड़क का नाम उसे मालूम है। गोर्ट्स्बी ने उसकी कहानी के अविश्वस्नीय पक्ष को सामने रखा, लेकिन उसके बाद...
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November 2019
Kadambini
गल्प या पल्प !
यों तो गल्प हमारी साहित्यिक परंपरा का अभिन्न हिस्सा है । लेकिन यह एक नया कथा समय है जहां हाशिये की आवाजें मुखर हैं । देहवादी कहानियों का दौर बीत चुका है , लेकिन स्त्री , दलित और आदिवासी समाज का दर्द और त्रासदी नए रूप में लिखी जा रही है , जिसे रेखांकित किया जाना चाहिए
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