Culture

Kadambini
हर रंग जुदा-जुदा
होली एक ऐसा राष्ट्रीय पर्व है जो लोगों को आपस में जोड़ने का संदेश देता है। यही हमारे संविधान की मूल आत्मा है। आज जब समाज को तोड़ने की कोशिशें तेज हो रही हैं तब इसका महत्त्व और भी बढ़ जाता है। अनायास नहीं कि गंगा-जमुना के इलाके का यह त्योहार अब धीरे- धीरे अंतरराष्ट्रीय होता जा रहा है .
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March 2020

Kadambini
हमें धरती की जरूरत है उसे नहीं
हर साल नया साल आता है और बीत जाता है । लेकिन एक संकल्प ऐसा है, जिसकी कसौटी पर हमारा खरा उतरना बाकी है । यह कसौटी है धरती को बचाने की
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January 2020

Kadambini
सुरक्षा कवच
इरा को कभी पिता का स्नेह नहीं मिला था। भाई के रूप में पिता का संबल तलाशना चाहा ते वहां भी निराशा हाथ लगी। वह दो साल की रही होगी जब पिता मां और उसके छह साल के भाई को छोडकर चले गए थे। विदेश में उन्होंने एक अंग्रेज लडकी से शादी कर ली थी और लौटकर कभी वापस नहीं आए। अब पति ब्रजेश के रूप में जो वह देख रही है वह कुछ ऐसा है कि...
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November 2019

Kadambini
साहित्य, संस्कृति और समाज
साहित्य को किसी खास कालखंड में बांधकर नहीं देखा जा सकता , वह कालातीत होता है । समाज परिवर्तन में भी उसकी वैसी सीधी सरल भूमिका नहीं होती जैसी मानी जाती है, लेकिन बिल्कुल नहीं होती ऐसा भी नहीं है । यह एक जटिल प्रक्रिया है
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December 2019

Kadambini
साहित्य से संगीत में पूर्णता आती है
संगीत के बाद मेरा शौक साहित्य ही है । इससे मुझे संगीत में भी बहुत मदद मिलती है । किसी समय साहित्यकार एकांत साधना करते थे , लेकिन अब वक्त बदल गया है और इसमें भी पर्याप्त ग्लैमर और पैसा आने लगा है । इंटरनेट के दौर में साहित्य में लोकतांत्रिकता भी बढ़ी है , यह अच्छी बात है
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December 2019

Kadambini
साहित्य की नई प्रवृत्ति
साहित्य का उद्देश्य तो सबका हित है , लेकिन पश्चिम की तर्ज पर हमारे यहां भी एक नई प्रवृत्ति पनप रही है और वह है सब कुछ खोलकर कह देने की । इससे पाठक की कामुकता को बढ़ावा देकर लाभ तो कमाया जा सकता है , लेकिन वह सौंदर्य नहीं पाया जा सकता जो साहित्य का उद्देश्य है
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December 2019

Kadambini
सांझ
बचपन का प्रेम बुढ़ापे में वात्सल्य का रूप ले लेता है। अपने बहू-बेटों से दुखी बंतू जब अपनी पुरानी प्रेमिका जै कौर से मिलता है तो दोनों के जीवन के दुख एक ही धरातल पर साकार होने लगते हैं। दोनों के जीवन की सांझ है और प्रेम भी विस्तार ले रहा है
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February 2020

Kadambini
शुक्र तारे वाली एक शाम
समय के परिवर्तन-प्रवाह में स्मृति का एक ऐसा क्षण होता है जो स्थिर रह जाता है। यह वही क्षण होता है जहां रचना संभव हो पाती है। यह शुक्र तारे की तरह है। कलाकार इस क्षण को पाने के लिए जीवन भर संघर्ष करता है। योगियों के लिए यह आसान है, क्योंकि वे मायामोह से परे हो चुके होते हैं
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November 2019

Kadambini
शिकागो और इंडियानापोलिस
अमेरिका का शिकागो सुनियोजित ढंग से बसाया हुआ शहर है। ऊंची इमारतों के पास से गुजरना भी खुलेपन का एहसास देता है। प्रदूषण का वह अठर नहीं है, जो हमारे देश में दिखाई देता है। खुले मैदान, साफ़-सुथरी झीलों, पर्यटन स्थलों को देखने के बाद का अनुभव बयान कर रहे हैं लेखक
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November 2019

Kadambini
शब्दों को ही तो ढालते हैं हम
नृत्य की दुनिया का भी साहित्य से गहरा संबंध है , क्योंकि नृत्य की बंदिशें कविता की शब्द शक्ति पर ही टिकी होती हैं । हालांकि अब वक्त बदला है , साहित्य और कलाओं की दुनिया में भी ग्लैमर और पैसा आ रहा है । तकनीक और इंटरनेट ने इस तक पहुंच आसान की है । यह अच्छी बात है
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December 2019

Kadambini
शब्दों की दुनिया
बार - बार यह बात कही जाती है कि साहित्य समाज का दर्पण है । जाहिर है कि जैसा समाज होता है , साहित्य भी वैसा ही होता है । वर्ष 2019 के साहित्य के संदर्भ में भी यह बात उतनी ही सच है ।
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December 2019

Kadambini
शब्द - जहां तैमूर लंग का मुंह जला
ऋषि कश्यप का मूलस्थान होने के कारण यह पहले मूलस्तान हुआ, फिर मुल्तान। यहां हिंदू राजा के यहां खाना खाते समय तेज मसाले के कारण तैमूर लंग का मुंह जल गया और उसने उबले अंडे खाकर काम चलाया
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November 2019

Kadambini
व्यंग्य - मास्टरजी ! आप झूठे हो
अध्यापकों का कहने को तो बहुत सम्मान होता है, लेकिन हकीकत में उनका कोई सम्मान नहीं होता। एक नेता जीवन भर सेवा कर सकता है, लेकिन एक अध्यापक एक निश्चित उम्र के बाद सेवानिवृत्त हो जाता है। उसकी गरीबी भी झूठी मानी जाती है क्योंकि बहुत से अध्यापकों ने अध्यापकी को भी एक धंधा बना लिया है
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November 2019

Kadambini
वो इतनी प्यारी है कि ...
फिल्म इंडस्ट्री में रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण की जोड़ी हमेशा चर्चा में रही है। उनकी प्रेम कहानी भी खासी दिलचस्प है। कुछ ऐसी कि खुद उन्हें भी आज उस पर हैरानी होती है
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February 2020

Kadambini
मुखौटे
अल्पना ने सोचा कि देवास डेढ़ घंटे का सफर है तो वह शादी में रिसेप्शन पर जाने के बजाय सवेरे दस बजे फेरों के समय जाकर शाम चार बजे तक लौट आएगी । वहां पहुंची तो नाच गाने और पटाखों से बचने के लिए पेड़ के नीचे कुर्सी पर बैठ गई। यतिन की बहन गुड्डी और बहनोई मिले तो नाश्ते के साथ बातों का सिलसिला कुछ यों शुरू हुआ कि...
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December 2019

Kadambini
वे सपने अब नहीं
सपनों का कोई अंत नहीं है । जीवन में सपने कभी भी देखे जा सकते हैं, लेकिन नए साल में पूरे साल के सपनों को देखना और उन्हें पूरा करने का जज्बा रखना अलग ही मायने रखता है । सपने देखना अच्छा है लेकिन उससे भी अच्छा है, जीवन में संतुष्टि का भाव
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January 2020

Kadambini
वत्सल
समय के साथ अनुकूलन बैठाने में तिवारी को अद्भुत महारत है। जब उनकी पीढ़ी के लोग कंप्यूटरीकरण से संत्रस्त महसूस कर रहे थे तो उन्होंने कंप्यूटर को ऑपरेट करना बड़ी खूबी के साथ सीख लिया। बेटे-बेटी को पढ़ाया-लिखाया और उनकी शादियां कीं। अलबत्ता, यह सब निभाते-निभाते पत्नी का देहांत हो गया तो वे अकेले पड़ गए। घर में किलकारी गूंजने को हुई, पर पौत्र के बजाय पौत्री हुई तो मन थोड़ा बुझ गया। बड़ी मनौतियों के बाद आंगन में पौत्र का आगमन हुआ तो तिवारी जी फूले नहीं समाए। नाम पड़ा बलदेव, जो तिवारी जी के लिए बुल्लू हो गया। बुल्लू ने माहौल कुछ यों बनाया कि बस....
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December 2019

Kadambini
राधा कृष्ण के प्रेम का साक्षी दोल उत्सव
हमारे यहां त्योहारों की एक खासियत है कि वे आमतौर पर स्थानीय रंगत लिए हुए होते हैं। होली को ही लीजिए तो बंगाल की होली बाकी जगहों से एक दिन पहले हो जाती है 'दोल उत्सव' के रूप में। यहां यह बसंत के स्वागत और राधा-कृष्ण के प्रेम का प्रतीक है
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March 2020

Kadambini
राजकपूर की आत्मा थे शैलेंद्र
गीतों के सिनेमाई मीटर में सामाजिक सरोकारों और जीवन दर्शन की अभिव्यक्ति में गीतकार शैलेंद्र का कोई सानी नहीं । राजकपूर के लिए शैलेंद्र ‘कविराज' बन गए थे और दोनों का साथ यों बना कि जैसे वे फिल्मी दुनिया में एक दूसरे के लिए ही बने थे । उनकी पुण्यतिथि (14 दिसंबर) के मौके पर उनकी यादें साझा कर रहे हैं उनके बेटे
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December 2019

Kadambini
रंग से रंग लगाना...
मन में जब उदासी और उमंग के भाव एक साथ आने लगें तो समझो वसंत आ गया है। सुनने में बड़ा अजीब लगेगा कि मन में उदासी और उमंग एक साथ कैसे हो सकते हैं?
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March 2020

Kadambini
रंग लगाने गया था लेकिन...
होली उसी के साथ खेली जाती है जिससे मजाक का रिश्ता हो। चाहे नेता हो, चाहे पुलिस या न्यायपालिका या फिर बैंक ही क्यों न हों, आजकल सब जनता से ही मजाक कर रहे हैं। जनता इन्हें रंग भी लगाना चाहे, तो ये उसे चूना लगा देते हैं
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March 2020

Kadambini
रंग और समाज
होली भी अब दिखावे की हो गई है। लोग रंग लगा रहे हैं तो लगा लो, हंस रहे हैं तो हंस लो, भले ही आपको रंग और हंसी बिल्कुल पसंद नहीं। कई कवियों की कविताएं तो रंग और बसंत से सराबोर रहती हैं, लेकिन जीवन में नरंग होता है न बसंत
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March 2020

Kadambini
ये सिलसिला रुकता नहीं
कुछ यादे सुखद होती है तो कुछ दुखद ,जो जीवन भर आपका पीछा नहीं छोड़ती। वैसे यह भी सच है कि दुःख भी आपका निर्माण करता है। अब एहि देखिये की लेखक ने अपने बचपन में कैसे -कैसे दुःखद पल सहे, लेकिन सहारे के लिए कोई-न-कोई मिल ही गया। उन्हें भूलना आसान है क्या
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November 2019

Kadambini
ये दोहराना भी कमाल है
संगीत की दुनिया में अभ्यास यानी दोहराना और याद करना सबसे अहम होता है। यह मौखिक परंपर है, जिसमें गुरु सबसे अहम होते हैं, हालांकि तकनीक ने अब यहां भी दखल देना शुरू कर दिया है। अब संगीत के छात्र भी कई बार नोटेशन लिखकर और रिकॉर्ड करके याद करने लगे हैं, लेकिन इससे स्तृतियों का महत्त्व कम नहीं हुआ है
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November 2019

Kadambini
यादों की बारात
अब अपने हिसाब से यादों को मिटाया जा सकेगा
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November 2019

Kadambini
यादें हैं या कब्रिस्तान
स्मृति और बुद्धिमत्ता दो अलग चीजें हैं। जरूरी नहीं कि बुद्धिमान व्यक्ति स्मृतिवान भी हो, बल्कि अक्सर इसका उल्टा होता है। क्योंकि स्मृति हमें हमारी जानी हुई चीजों के बार में ही बताती है और बोझ बन जाती है जबकि बुद्धिमत्ता हमें हमेशा नया करने को प्रेर्ति करती है
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November 2019

Kadambini
यादें और यादें...
स्मृतियों की दुनिया इतनी बड़ी है कि उपकी थाह मापना मुश्किल है। उचके तमाम रूप-एंग हैं। कुछ चीजें हमेशा याद रह जाती हैं, कुछ अचानक कित्ली रचनात्मक थण में किसी कौंध की तरह याद आती हैं। तमाम साहित्य, कलाएं स्मृतियों की ही तो देन हैं। पंच कहा जाए तो बिना स्मृति के जीवन नहीं और बिना सचेत जीवन के स्मृति नहीं
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November 2019

Kadambini
यादगार 60 साल
इस अंक के साथ 'कादग्बिनी' अपने प्रकाशन के 60वें साल में प्रवेश कर रही है। इलाहाबाद से शुरू हुई इसकी यह यात्रा आज भी जारी है। इन वर्षों में मिले आपके प्यार और स्नेह की अनगिनत यादें हमारी धरोहर हैं। इन्हीं 'यादों' की याद में “कादम्बिनी' के प्रवेशांक नवंबर, 1960 का संपादकीय
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November 2019

Kadambini
याद है पीछे कुछ छूट गया था
पिछले साल के अधूरे कामों को पूरा करना भी नए साल का संकल्प होना चाहिए । पर्यावरण से लेकर प्रदूषण, स्वच्छता, सामाजिक समरसता और मजबूत लोकतंत्र को बनाए रखने की जिम्मेदारी बेहद महत्त्वपूर्ण है । इसके लिए जरूरी है मानसिकता और विकास की अवधारणा में बदलाव
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January 2020

Kadambini
यह साहित्य की ताकत है
साहित्य और सिनेमा का रिश्ता थोड़ा टेढ़ा है । दोनों दो अलग कला विधाएं हैं । कृति को लेकर हर फिल्मकार का अपना एक अलग नजरिया होता है , इसलिए कई बार जब किसी साहित्यिक कृति पर फिल्म बनती है तो हू ब हू नहीं हो सकती । उससे बेहतर भी हो सकती है और खराब भी
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