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प्रधानमंत्री के अमेरिका दौरे से द्विपक्षीय संबंध होंगे प्रगाढ़
जहां तक मोदी की अमेरिका यात्रा का वहां की राजनीति के हिसाब से महत्व है तो आपको बता दें कि अमेरिका इस समय महंगाई और मंदी के दौर से गुजर रहा है, ऐसे में उसे भारत की मदद की जरूरत है ताकि बाडइन अगले साल होने वाले चुनावों के दौरान मतदाताओं के कोप से बच सकें।
डिजिटल क्रांति विश्व के लिये बन रही है उदाहरण
पूरे विश्व का 75 प्रतिशत अंतरराष्ट्रीय विदेश व्यापार जी-20 समूह के सदस्य देशों में होता है।
कैदियों के सुधार का आधार बनेगा नया अधिनियम
भारत में कई वर्षों से प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में जेल में दबंगई, हत्या, ऐशो आराम, माफिया राज गुटबाजी, झगड़े इत्यादि अनेकों वारदातों के बारे में सुनते पढ़ते रहते हैं।
किसानों के कल्याण के लिये जारी रहें प्रयास
एक रोज़ टेलीविजन चर्चा पर मैंने कहा कि किसान के प्याज की जो कीमत थोक मंडी में लगती है (2-3 रुपये प्रति किलो) और जिस दाम पर उपभोक्ता खरीदता है ( जगह के हिसाब से 2030 रुपये प्रति किलो), कीमतों में इतना बड़ा अंतर हैरान-परेशान करता है। अन्य शब्दों में कहें तो थोक और खुदरा मंडी के बीच भाव में अंतर लगभग 900 प्रतिशत है! फरवरी माह में, जब पंजाब में स्थानीय सब्जी विता गोभी 20 रुपये प्रति किलो बेच रहे थे, ठीक उसी समय थोक मंडी में किसान की गोभी की कीमत 23 रुपये प्रति किलों से ज्यादा नहीं लगी।
कार्बन से ईंधन बनाने की सकारात्मक पहल
दुनिया में प्लास्टिक प्रदूषण की समस्या लगातार गंभीर रूप ले रही है। दूसरी तरफ कार्बन डाइऑक्साइड और मीथेन जैसी ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन भी बढ़ रहा है।
देश में ठोस कृषि नीति की है जरूरत
भारत में कृषि सुधार एक अंतहीन बहस का मुद्दा रहा है। स्वतंत्र भारत में लघु और सीमांत किसानों की हालत आज भी जस की तस है।
नेतृत्व के मुद्दे पर असमंजस में फंसी भाजपा
राजस्थान में विधानसभा चुनाव का समय नजदीक आता जा रहा है। मगर भारतीय जनता पार्टी नेतृत्व के मुद्दे को लेकर लगातार असमंजस में फंसी नजर आ रही है।
जलवायु परिवर्तन से जीव जगत हो रहा है प्रभावित
तापमान में दिनोदिन हो रही बढ़ोत्तरी बेहद चिंता का विषय है। इससे देश के कुछ हिस्सों में हीट वेव जैसे हालात बन रहे हैं, वहीं भारतीय समुद्र पहले के मुकाबले ज्यादा गर्म हो रहा है।
सूचना क्रांति का युग और अफवाह तंत्र
सूचना क्रांति के युग में इस तरह की अफवाहों को फैलने से रोकने और समय रहते वास्तविक तथ्य सार्वजनिक करने के प्रयास होने चाहिए। सूचना क्रांति अर्थात इनफॉरमेशन। लेकिन गलत जानकारियों की विपुलता है। तमिलनाडु में बिहार के श्रमिकों के साथ किसी भी तरह का कथित अप्रिय घटनाक्रम अस्वीकार्य है, लेकिन इस मुद्दे को लेकर जिस तरह की राजनीति की जा रही है वह दुर्भाग्यपूर्ण है। इस मुद्दे पर ज्वलनशील सोशल मीडिया की भूमिका पर भी सवाल उठे हैं, जिसमें पुराने वीडियो वायरल करके उन्हें ताजा घटनाक्रम से जोड़ा गया।
रोजगार की संभावनाओं में हिंसक प्रवृत्तियों का समाधान
भारतीयता की बात कहते हुए इस देश के नागरिकों के भाल गर्व से ऊंचे हो जाते हैं क्योंकि भारतीयता उस आधार पर खड़ी है जिसे हम नैतिक संस्कृति की अदम्य ज्वाला कहते हैं।
'कानून व्यवस्था व न्यायिक निर्णय' राजनीतिक अर्थ व परिणाम
न्यायालय के निर्णय व कानून व्यवस्था को लेकर देश में हाल-फिलहाल दो प्रमुख घटनाएं घटित हुई है, जिनकी राजनीतिक प्रतिक्रिया होना स्वाभाविक ही है।
पहले बस्तर में गोलियां चलती थीं आज नौजवानों के गीत गूंजते हैं: भूपेश बघेल
विशिष्ट अतिथि प्रियंका गांधी ने की छग सरकार की जमकर तारीफ
शासकीय अस्पतालों में सुविधाओं के विस्तार से लोगों का बढ़ रहा विश्वासः मुख्यमंत्री श्री बघेल
मुख्यमंत्री ने कायाकल्प योजना के अंतर्गत प्रदेश के 12 अस्पतालों को किया पुरस्कृत
भारत प्लस अमेरिका इक्वलटू परफेक्ट साझेदार
वैश्विक स्तरपर आज भारत दुनिया में आगाज़ है याने भारत में अब अगर एक छोटी सी सुई भी बनती है तो उसकी खनक दूर तक जाती है कि जरूर इसमें कोई खासियत होगी, ऐसा बन गया है आज मेरा भारत देश !
महिलाओं के प्रति बदलना होगा नजरिया
भारत में नारी को देवी के रूप में देखा गया है। कहा जाता है कि जहां नारी की पूजा होती है वहां देवता निवास करते हैं।
समाज के लिए संघ निभा रहा है अहम भूमिका
मुट्ठीभर विदेशी आक्रांताओं ने भारत पर कई सैकड़ों वर्षो तक राज किया क्योंकि हम सब एक नहीं थे।
जन्तु विज्ञान विभाग कलिंगा विश्वविद्यालय द्वारा जलवायु परिवर्तन, सतत विकास स्मार्ट कृषि अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन
जन्तु विज्ञान विभाग कलिंगा विश्वविद्यालय ने जलवायु परिवर्तन, सतत विकास और स्मार्ट कृषि पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया।
प्रोफेसर केके शर्मा बने चेन्नई स्नेक पार्क की टेक्निकल एडवाइजरी कमेटी के सदस्य
सर्प संरक्षण की दिशा में किए जा रहे विशेष प्रयासों को दृष्टिगत रखते हुए किया गया कमेटी का गठन
दुनिया के शहरों की आधी आबादी पर होगा जलसंकट
'वर्ष 2030 तक पानी और स्वच्छता के लिए बनाए गए टिकाऊ विकास लक्ष्य (सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल) की पूर्ति कठिन प्रतीत होती है यदि वर्तमान स्थितियों में समस्त देशों की स्थिति यथावत रहती है? यह खुलासा हाल ही में संयुक्त राष्ट्र जल विकास रिपोर्ट 2023 ने किया है। विश्व की शहरी आबादी जो कि वर्ष 2016 में भारी जल संकट से जूझ रही है, उस आबादी की संख्या 933 मिलियन से बढ़कर 2050 तक 2 बिलियन तक भी होने की संभावनाएं हैं। रिपोर्ट के मुताबिक एशियाई देशों में चीन, भारत और पाकिस्तान की फीसदी आबादी पानी की कमी से जूझ रही है।'
भारतीय समाज के पथ प्रदर्शक कर्मयोगी संत रविदास
संत रविदास जयंती पर विशेष
रूस- यूक्रेन जंग आज भी है बड़ा मुद्दा
देखा जाये तो इस युद्ध में अब तक जानमाल का सर्वाधिक नुकसान भले यूक्रेन को हुआ हो लेकिन प्रतिष्ठा का नुकसान सर्वाधिक रूस को हुआ है।
शादी - विवाह पर दिखावे का असर
पिछले दिनों अपने एक परिचित से बातें हो रही थीं। गांव में रहते हैं। वह अपनी बहन की लड़की की शादी के बारे में बताने लगे।
वास्तविक नामों के लिये चलाया जाये अभियान
ऐतिहासिक अजातशत्रु नगर का नाम बर्बर बेगू ने अपने नाम पर रख लिया और आज भी वह बेगूसराय कहलाता है।
विश्वगुरु भारत में गुरुओं की स्थिति
गुरु, शिक्षक अथवा अध्यापक का नाम सामने आते ही प्रत्येक विद्यार्थी का शीश उनके आदर में सम्मान से झुक जाता है।
संसद में विपक्षी एकता है अत्यंत जरूरी
संसद के दोनों सदनों में हंगामा हुआ था। दोनों जगह विपक्ष अपनी मांगें मनवाने के लिए लगातार शोर करता रहा। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई बहस के दौरान प्रधानमंत्री एक घंटे से अधिक समय तक बोलते रहे थे।
क्या यह बजट सिर्फ 1 प्रतिशत मध्यमवर्ग लोगों के लिए है?
वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण संसद में पांचवी बार बजट पेश करते हुए जब वह आयकर की छूट के बाबत घोषणा कर रही थी, तब उन्होंने यह कहा कि मध्यमवर्ग (मीडियम क्लास) के लिए वह विशेष छूट लेकर आई हैं।
वित्तीय पोषण में क्यों हाशिए पर रहते हैं पर्यावरणीय नियम?
हर साल हमारे वित्तीय संस्थान जैसे सार्वजनिक बैंक, आवास फाइनेंस कंपनियां बड़े-बड़े आवासीय / व्यवसायिक प्रोजेक्टों को करोड़ों का ऋण देती हैं और ऋण देने के पूर्व तमाम वैधानिक अनुमतियों के दस्तावेज बिल्डरों से आवश्यक रूप से लेती हैं। मगर इनमें पर्यावरणीय संबंधी नियम हाशिए पर रख दिए जाते हैं, जबकि भारतीय रिज़र्व बैंक का मास्टर सर्कुलर जुलाई 2015 और फरवरी 2022 कहता है कि आवासीय प्रोजेक्ट को ऋण देने के पूर्व सभी बैंक को शासकीय, स्थानीय प्रशासन और अन्य वैधानिक अभिकरणों से अनुमतियां प्राप्त होने पर ऋण प्रपोजल को अनुमोदित करना चाहिए। क्या वैधानिक अनुमतियों में पर्यावरणीय नियमों की अनुमतियां नही आती हैं? यदि है तो हमारे बैंकों ने पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के कानून को कैसे दरकिनार कर रखा है ?
मुख्यमंत्री बघेल के साथ ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक नगरी सिरपुर पहुंचे सांसद राहुल गांधी
मुख्यमंत्री श्री बघेल के साथ ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक नगरी सिरपुर पहुंचे
विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 4 हजार 144 करोड़ रूपए का तृतीय अनुपूरक बजट पारित
मुख्य बजट का आकार बढ़कर हुआ 0। लाख 5 हजार ३85 करोड़ रूपए
जनाधार सहेजने में जुटीं राजनीतिक पार्टियां
कहावत है कि इतिहास खुद को दोहराता है... उत्तर प्रदेश की विपक्षी राजनीति जिस तरह के कदम उठा रही है, उससे तो यह कहावत सही ही होती नजर आ रही है।