डाक टिकटों पर भी छाया रामराज
DASTAKTIMES
|January 2024
आज पूरा देश राममय हो चुका है, डाक विभाग भी इससे अछूा नहीं रहा। पीएम नरेन्द्र मोदी व यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने डाक टिकट के माध्यम से भी प्रभु श्रीराम को घर-घर पहुंचाने का काम किया। तभी तो 2017 से अब तक प्रभु श्रीराम से जुड़े कई डाक टिकट जारी होते आ रहे हैं। 2017 में रामायण प्रसंग पर, 2020 में अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के प्रतिरूप पर आधारित डाक टिकट जारी किये गये। 2021 में अयोध्या शोध संस्थान द्वारा अयोध्या की पारंपरिक रामलीला का मंचन से संबंधित व 2022 में श्रीराम वन गमन पथ पर आधारित डाक टिकट जारी किये गये।
भगवान श्रीराम हमारी धरती के सांस्कृतिक मूल्यों की अभिव्यक्ति करते हैं। मानव इतिहास में राम कथा की जितनी व्याप्ति है. शायद ही उसका कोई अन्यत्र उदाहरण मिलता हो। वाल्मीकि रामायण में जब ब्रह्माजी वाल्मीकि को यह ग्रन्थ लिखने का निर्देश देते हैं तो साथ ही एक वरदान भी देते हैं, 'यावत स्थास्यन्ति गिरयः सरितश्च महीतले, तावद रामायणकथा लोकेशु प्रचरिश्यति' अर्थात जब तक इस दुनिया में पर्वतों और नदियों का अस्तित्व है तब तक रामायण का प्रचार होता रहेगा। श्रीराम देश के जनमानस में बहुत गहरे व्याप्त हैं। श्रीराम मानवीय आचरण, जीवन मूल्यों और आत्मबल के ऐसे मानदण्ड बन गए कि उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में स्वीकार किया गया। उनका धार्मिक ही नहीं सामाजिक, साहित्यिक और सांस्कृतिक महत्व भी है। तभी तो राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने सार्वजनिक जीवन में राम के नाम का उपयोग करते हुए 'राम राज्य' का आदर्श सामने रखा। यह अनायास ही नहीं है कि आज भी भारतीय जनमानस अपने नेतृत्वकर्ताओं से लेकर नायकों में ऐसे चरित्र को ढूंढता है, जो भगवान श्रीराम की तरह लोक कल्याण के प्रति समर्पित हो।
डाक टिकट किसी भी राष्ट्र की सभ्यता, संस्कृति एवं विरासत के संवाहक हैं। डाक टिकट अतीत को वर्तमान से जोड़ते हैं। देश-विदेश के समृद्ध व गौरवशाली इतिहास और विरासत से परिचय कराने में डाक टिकटों का अहम स्थान है। राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय क महत्व के विषयों, विभूतियों के साथ-साथ सामाजिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक पहलुओं पर भी डाक टिकट जारी होते रहते हैं। रामायण महाकाव्य केवल भारत में ही नहीं, अपितु पूरे विश्व में प्रसिद्ध है, ऐसे में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम से लेकर रामायण के विभिन्न दृष्टांतों पर भारत सहित दुनिया के कई देशों ने डाक टिकट जारी किये हैं। रामायण और इससे जुड़े प्रसंगों पर भारतीय डाक विभाग द्वारा समय-समय पर विभिन्न डाक टिकट, प्रथम दिवस आवरण, विशेष आवरण जारी किये गए हैं। डाक विभाग ने रामायण के विभिन्न पहलुओं पर डाक टिकट जारी करके इसकी आध्यात्मिकता और ऐतिहासिकता को वैश्विक स्तर पर समृद्ध किया है।
यह कहानी DASTAKTIMES के January 2024 संस्करण से ली गई है।
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प्रशांत किशोर की पहली अग्निपरीक्षा
जब चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने पिछले साल अक्टूबर में 200 दिनों की पदयात्रा के बाद जन सुराज पार्टी की शुरुआत की थी, तब उन्होंने खुद को बिहार की जड़ होती राजनीति में बदलाव का प्रतीक बताया। उन्होंने जमीनी स्तर पर लोगों को इकट्ठा करने और युवा एनर्जी से जुड़े एक मूवमेंट के साथ नीतीश कुमार की जेडी (यू) और लालू प्रसाद की आरजेडी की गहरी एकाधिकार वाली सरकार को चुनौती देने का वादा किया। टिकट वितरण के बाद पार्टी में विद्रोह, आरोप-प्रत्यारोप और पलायन ने पीके के 'सुधार अभियान' को झटका दिया है। जिन युवाओं और पेशेवरों ने बदलाव के सपने के साथ इस आंदोलन को खड़ा किया, वे अब आरोप लगा रहे हैं कि 'टिकट पैसों में बिके' और 'निर्णय ऊपर से थोपा गया।'
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