Intentar ORO - Gratis
चौवालीस साल के सशस्त्र संघर्ष का हुआ अंत
DASTAKTIMES
|February 2024
अल्फा हुआ अतीत, जातीय विकास मंच के जरिए करेंगे विकास
 
 सन् 1979 के 7 अप्रैल को शिवसागर जिले के ऐतिहासिक रंगघर से स्वाधीन असम की मांग से शुरू संयुक्त मुक्ति बाहिनी, असम यानी अल्फा ने 44 साल बाद मंगलदै के सिपाझाड़ में 23 जनवरी को औपचारिक रूप से संगठन को भंग करने की घोषणा कर दी है। वार्ता समर्थक अल्फा गुट की अंतिम आम परिषद की बैठक के अंत में संगठन को भंग करने की घोषणा के साथ ही अरविंद राजखोवा के नेतृत्ववाली अल्फा गुट के 44 साल के लंबे सशस्त्र संघर्ष का दौर समाप्त हो गया। सनद रहे कि पिछले साल यानी 2023 के 29 दिसंबर को राजखोवा के नेतृत्व में अल्फा के वार्ता समर्थक गुट ने नई दिल्ली में केंद्र और राज्य सरकार के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर किया था। ऐसे में यह सबसे बड़ा सवाल बनकर उभर रहा है कि क्या वार्ता विरोधी गुट यानी अल्फा (आई) के नेता परेश बरुवा सरकार के साथ वार्ता की मेज पर बैठेंगे या स्वाधीन असम की मांग पर ही अड़े रहेंगे?
केंद्र सरकार के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर के बाद 2024 के 23 जनवरी को मंगलदै के सिपाझाड़ में अल्फा की आम परिषद की अंतिम बैठक में संगठन को हमेशा-हमेशा के लिए भंग करने की घोषणा से शांतिप्रिय लोगों के मन में नई आस जग उठी है। शांति की राह पर चलने की कसम खाकर अल्फा को भंग करने वाले नेताओं ने असम जातीय विकास मंच (एजेवीएम) नामक संगठन के बैनर तले सामाजिक, सांस्कृतिक एवं आर्थिक विकास में खुद को नियुक्त करने की ठानी है। इस मंच में मुख्य धारा में लौटे पूर्व अल्फाई, शहीद परिवार के सदस्यों एवं राज्य के तमाम युवाओं को शामिल किए जाने की बात कही गई है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में मुख्य धारा में लौटे अल्फा के डेजिग्नेटड कैंप में रह रहे लगभग 900 कैडरों की उपस्थिति देख मंगलदै के चमुवापाड़ा के स्थानीय लोग ही नहीं बल्कि सूबे की जनता सहित संबंधित परिवारों ने भी राहत की सांस ली।
Esta historia es de la edición February 2024 de DASTAKTIMES.
Suscríbete a Magzter GOLD para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9000 revistas y periódicos.
¿Ya eres suscriptor? Iniciar sesión
MÁS HISTORIAS DE DASTAKTIMES
 
 DASTAKTIMES
अमेरिकी एच-1बी वीज़ा का खेल
एच-1बी वीज़ा की फीस करीब 50 गुना बढ़ाकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नया दांव खेला है। इस एक फैसले ने लाखों भारतीय युवा प्रोफेशनलों के भविष्य में अमेरिका जाने की राह में मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। अमेरिका को एक सर्वशक्तिमान देश बनाने में इन अप्रवासी प्रोफेशनलों की बड़ी भूमिका रही है। इस फैसले से सिलिकॉन वैली की कंपनियों और भारतीय प्रतिभाओं पर क्या असर पड़ेगा? क्या फीस बढ़ाकर अमेरिका ने अपने पांव पर कुल्हाड़ी दे मारी है ? इसका अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर क्या असर पड़ेगा? अमेरिका के लोकप्रिय एच-1बी वीज़ा पर दस्तक टाइम्स के संपादक दयाशंकर शुक्ल सागर की रिपोर्ट।
12 mins
October 2025
 
 DASTAKTIMES
अब जनजाति पहचान की जंग
कुड़मी समाज, आदिवासी दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर सड़कों पर है जबकि इस मांग के खिलाफ तमाम आदिवासी संगठन एकजुट हो गए हैं
7 mins
October 2025
 
 DASTAKTIMES
जेन ज़ी क्रांति के बाद नेपाल
नेपाल में जेन जी की क्रांति से तख्तापलट हुए एक महीना बीत चुका है लेकिन लोगों के मन में बहुत सारे सवाल है जैसे अचानक हुए इन विरोध प्रदर्शनों का कारण क्या था? नेपाल की युवा पीढ़ी आखिर इतनी नाराज़ क्यों हो गई? अब वहां कैसे हालात है? इस घटनाक्रम के बाद पड़ोसी देश भारत के साथ नेपाल के रिश्ते कैसे होंगे? इन सभी सवालों पर 'दस्तक टाइम्स' के संपादक दयाशंकर शुक्ल सागर की एक रिपोर्ट।
6 mins
October 2025
 
 DASTAKTIMES
कौन होगा सीएम, सब हैं खामोश!
एनडीए और महागठबंधन में तनाव और चुनौतियां
8 mins
October 2025
 
 DASTAKTIMES
कंगारुओं के देश के टीम इंडिया
अक्टूबर में कंगारूओं के देश में क्रिकेट का एक महा मुकाबला होने जा रहा है। भारत के दो धुरंधर खिलाड़ियों की यह विदाई सीरीज़ है। ऑस्ट्रेलिया इस सीरीज़ को एक मेगा इवेंट में बदलने जा रही है। टीम इंडिया का यह दौरा क्यों अहम है, बता रहे हैं युवा खेल समीक्षक अधृत पांडेय।
5 mins
October 2025
 
 DASTAKTIMES
प्रकृति का रास्ता रोकने की सजा
जाते-जाते भी मानसून उत्तराखंड पर कहर बन कर टूटा। देहरादून के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सहस्त्रधारा में बादल फटने से बाढ़ आ गई, जिसमें दुकानें बह गईं और कई लोग लापता हो गए। इस बार ऐसा क्या हुआ कि उत्तराखंड में जगह-जगह आई प्राकृतिक आपदाओं से इतना ज्यादा जान-माल का नुकसान हुआ? क्या ये प्रकृति से छेड़छाड़ की सजा है? इन सब सवालों का जवाब तलाशती देहरादून से गोपाल सिंह पोखरिया की रिपोर्ट
10 mins
October 2025
 
 DASTAKTIMES
एकतरफा इतिहास का सच
इतिहास हमारे समाज का आईना होता है, इस पर भविष्य की नींव रखी जाती है... लेकिन अगर नींव मिलावटी हो तो... भारत के इतिहास खासकर मध्यकालीन इतिहास को जिस तरह तोड़-मरोड़कर, मुगल शासकों का महिमा मंडन कर स्कूल कॉलेज में सालों से पढ़ाया जाता रहा है, अब उसकी पोल खुल चुकी है। मीडिया से जुड़े सीनियर जर्नलिस्ट, विजय मनोहर तिवारी ने एक खुला खत लिखकर इरफान हबीब और रोमिला थापर से कड़े सवाल किये हैं और उनसे गलत इतिहास लिखकर लोगों को गुमराह करने को लेकर जवाब मांगा है।
14 mins
October 2025
 
 DASTAKTIMES
उदास कर गया जुबिन का यूं चले जाना
देहरादून में जन्मे लोकप्रिय लोक गायक जुबिन गर्ग का एक हादसे में यूं चले जाना न केवल पूर्वोत्तर राज्य असम नहीं बल्कि पूरे देश के लिए एक बहुत तकलीफदेह घटना है। असम आज भी रो रहा है। वरिष्ठ पत्रकार अवंतिका की रिपोर्ट।
5 mins
October 2025
 
 DASTAKTIMES
सीएम धामी ने जीता युवाओं का दिल
आंदोलनकारी छात्रों के बीच पहुंच विपक्ष को किया चित सीबीआई जांच की सिफारिश
5 mins
October 2025
 
 DASTAKTIMES
कौन भड़का रहा है युवाओं को?
नेपाल में हुई जेन-ज़ी क्रांति की तर्ज पर देश के कई राज्यों जैसे लद्दाख, उत्तराखंड और यूपी में अराजकता फैलाने के प्रयास किए जा रहे हैं, आखिर इसके पीछे कौन है?
9 mins
October 2025
Listen
Translate
Change font size

