Go Unlimited with Magzter GOLD

Go Unlimited with Magzter GOLD

Get unlimited access to 10,000+ magazines, newspapers and Premium stories for just

$149.99
 
$74.99/Year

Try GOLD - Free

अपनी योजनाएं लोगों को नहीं बताते, बजरंग बली के भक्त हैं शुभांशु, कुंडली पढ़ना पसंद

Dainik Bhaskar Satna

|

June 27, 2025

बात 2000 की है। शुभांशु शुक्ला के पिता शंभू दयाल घर पर बैठे हुए थे तभी उनका लैंडलाइन फोन बजा।

उन्होंने फोन उठाया, दूसरी तरफ से आवाज आई... बधाई हो, तेरा एनडीए में हो गया है। फोन करने वाला शख्स शुभांशु का दोस्त था, जो उन्हें बधाई देना चाह रहा था। इसमें चौंकाने वाली बात यह थी कि उस फोन के बाद ही शुभांशु शुक्ला के पिता को पता चला कि शुभांशु ने एनडीए का फॉर्म भरा था और वह भारतीय सेना में जाना चाहते हैं। दरअसल शंभू दयाल शुक्ला चाहते थे कि बेटा आईएएस बने, लेकिन शुभांशु के मन में कुछ और था। एक साक्षात्कार में शंभू दयाल बताते हैं कि 'वो अपनी योजना पहले कभी नहीं बताता। जब इस मिशन के लिए चुना गया, तब भी चार दिन बाद हमें बताया था।

शुभांशु की मां आशा शुक्ला कहती हैं, वो बचपन से ही काफी मेहनती था। कभी कोई मांग नहीं करता। जो घर में बना वो खा लेना, जो मिला उसमें संतोष करना उसकी आदत थी। उनके स्कूल सीएमएस की संस्थापक भारती गांधी कहती हैं कि शुभांशु पढ़ने में साधारण थे, लेकिन मेहनती थे। पिता शंभू दयाल कहते हैं कि शुभांशु बजरंग बली के भक्त हैं और बचपन से ही उनकी पूजा करते आए हैं। अब भी उनकी भक्ति करते हैं। वे गीता पाठ भी करते हैं। खाली समय में वे खुद को फिट रखने के लिए एक्सरसाइज करते हैं। उन्हें विज्ञान से जुड़ी किताबें पढ़ना पसंद है। वे मानते हैं कि मानव ज्ञान की सीमाएं हैं। हम हर चीज के बारे में नहीं जान सकते।

MORE STORIES FROM Dainik Bhaskar Satna

Dainik Bhaskar Satna

असरानी: जब शूटिंग से ‘बैंक’ मार लिया था!

व ह 20 अक्टूबर की दिवाली की शाम थी। पूरे घर और मोहल्ले में लोग त्योहार की तैयारियों में जुटे थे। तभी खबर आई कि फिल्म इंडस्ट्री का एक चमकता सितारा हमेशा के लिए बुझ गया। असरानी जी नहीं रहे। उन्होंने पिछले पांच दशकों में जो काम किया, वह बेमिसाल है। वे अपने काम से फिल्म इंडस्ट्री में हमेशा जिंदा रहेंगे। उनकी जगह कोई नहीं ले सकता। उनकी शख्सियत ही ऐसी थी, जो स्क्रीन पर भी कमाल थी और स्क्रीन के अलावा पर्सनल लाइफ में भी वे बहुत लाजवाब इंसान थे।

time to read

3 mins

October 26, 2025

Dainik Bhaskar Satna

एल क्लासिकोः सीजन में पहली बार रियल vs बार्सिलोना

भास्कर न्यूज | मैड्रिड, फुटबॉल जगत में अगर किसी मुकाबले को सबसे बड़ा कहा जाए, तो वह है एल क्लासिको- जब रियल मैड्रिड और बार्सिलोना एक-दूसरे के आमने-सामने होते हैं।

time to read

1 min

October 26, 2025

Dainik Bhaskar Satna

असम; 6 साल में 26 बांग्लादेशी भेजे अब वापसी बस 'नो मेंस लैंड' तक ही

सरकार का दावा- ये अवैध बसे हैं, लेकिन लोगों ने कहा- हमें बांग्लादेशी कहकर उजाड़ा गया

time to read

2 mins

October 26, 2025

Dainik Bhaskar Satna

कठिन समय सबसे रचनात्मक होता है हर ठहराव में एक नई ऊर्जा छिपी है

कभी -कभी मैं सोचता हूं क्या हम टेक्नोलॉजी को बना रहे हैं या टेक्नोलॉजी हमें बना रही है? अपने जीवन में मैंने एक बात बहुत गहराई से सीखी है कि हर नई टेक्नोलॉजी अपने साथ सिर्फ मौके ही नहीं लाती, जिम्मेदारी भी लाती है।

time to read

2 mins

October 26, 2025

Dainik Bhaskar Satna

ऑस्ट्रेलियाई टी20 लीग में खेलेंगे पाक खिलाड़ी

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड से एनओसी को लेकर चली अनिश्चितता के बाद अब पाकिस्तान के खिलाड़ियों को ऑस्ट्रेलिया की बिग बैश लीग में खेलने की अनुमति मिल गई है।

time to read

1 min

October 26, 2025

Dainik Bhaskar Satna

एसआईआर; 'दीदी के दूत' और स्टालिन के एजेंट रखेंगे नजर

निर्वाचन आयोग की मतदाता सूची की विशेष गहन समीक्षा (एसआईआर) प्रक्रिया अब संवेदनशील राज्यों में प्रवेश कर रही है।

time to read

1 mins

October 26, 2025

Dainik Bhaskar Satna

जटाओं से मुंडन तकः भारत के ऋषियों-साधुओं की केश-परंपरा

वै दिक ऋषियों को प्रायः चोटी में बंधे लंबे केशों के साथ चित्रित किया जाता है, जबकि वेदांत के दार्शनिक आदि शंकराचार्य को वस्त्र से ढके मुंडे हुए सिर के साथ। यह जानने पर कि प्राचीन भारत में ऋषि और साधु अपने केश कैसे रखते थे, हम समझ सकते हैं कि उस समय भौतिकता की धारणाएं केशों के माध्यम से व्यक्त की जाती थीं।

time to read

2 mins

October 26, 2025

Dainik Bhaskar Satna

अंकुरित दालों के साथ बनाइए चटपटा करेला भर्ता

क रेले को आज हम तरह-तरह की सीजनेबल सब्जियों और अंकुरित दालों के साथ बनाएंगे।

time to read

1 mins

October 26, 2025

Dainik Bhaskar Satna

लेबर मोबिलिटी • कीमती निर्यात-करोड़ों श्रमिक, वर्कफोर्स बनेगा वर्ल्ड फोर्स भारत का श्रम मिशन: 20 समझौतों नए कानून से विदेश में काम के मौके

भारत में काम करने योग्य युवाओं की बड़ी संख्या है। इतनी कि देश की कंपनियां उन्हें समायोजित नहीं कर पा रही हैं। दूसरी ओर, विकसित देशों में इसके ठीक विपरीत समस्या है-नौकरियां अधिक हैं, मगर काम करने वाले लोग कम।

time to read

1 mins

October 26, 2025

Dainik Bhaskar Satna

10 सवालों में सोने की स्वर्णिम यात्रा

भूगर्भ वैज्ञानिकों के मुताबिक सोना सबसे पुरानी धातु है। एक संभावना यह है कि 13 अरब साल पहले दो विशालकाय तारों की टक्कर के फलस्वरूप हुए विस्फोट के बाद जो कण पैदा हुए, उसी से ब्रह्मांड में सोना अस्तित्व में आया था।

time to read

4 mins

October 26, 2025

Listen

Translate

Share

-
+

Change font size