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अर्थ-व्यवस्था को पटरी पर लाएगी खेती किसानी
Gambhir Samachar
|November 01, 2022
लोगों की एकमात्र आवश्यकता रसोई की सामग्री की उपलब्धता रही और इसमें सरकार पूरी तरह से सफल रही. आज अर्थशास्त्री एक बार फिर यह कहने लगे हैं कि यदि अर्थ व्यवस्था को उबारना है तो इसके लिए कृषि क्षेत्र पर विशेष ध्यान देना होगा. सरकार भी अब कृषि क्षेत्र पर खास ध्यान देने लगी है. यही कारण है कि लॉकडाउन के बाद अर्थ व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए जो पैकेजों का दौर चला उसमें कृषि को खास महत्व दिया गया.
एक बात अब साफ हो गई है कि दुनिया के देशों की अर्थ व्यवस्था को खेती किसानी ही नई दिशा दे सकती है. कोरोना लॉक डाउन और रुस यूक्रेन युद्ध ने दो बातें साफ कर दी है कि औद्योगिकीकरण के बावजूद खेती किसानी की अपनी के अहमियत है. जिस तरह से कोरोना महामारी के दौरान देश-दुनिया के लोगों का बड़ा सहारा खेती किसानी ही बनी, ठीक उसी तरह से भूखमरी से जूझते देशों के साथ ही समग्र विश्व की अर्थ व्यवस्था का प्रमुख आधार खेती किसानी रह गई है. इसमें कोई दो राय नहीं कि औद्योगिकरण समय की मांग है पर पिछले कुछ दशकों से औद्योगिकरण के नाम पर खेती-किसानी की जिस तरह से उपेक्षा हुई उसका परिणाम रहा कि गांव उजड़ते गए और शहर गगनचुंबी इमारतों में तब्दील होते गए. इसके साथ ही उद्योग धंधों की प्राथमिकता के चलते कृषि क्षेत्र पर अपेक्षित ध्यान भी नहीं दिया गया. यह तो अन्नदाता की मेहनत का परिणाम रहा है कि देश में खाद्यान्नों के भण्डार भरे हैं. कोरोना लॉकडाउन के कारण जब सबकुछ थम सा गया उस समय में सबसे बड़ा सहारा खाद्यान्नों से भरे यह गोदाम ही रहे हैं.
लोगों की एकमात्र आवश्यकता रसोई की सामग्री की उपलब्धता रही और इसमें सरकार पूरी तरह से सफल रही. आज अर्थशास्त्री एक बार फिर यह कहने लगे हैं कि यदि अर्थ व्यवस्था को उबारना है तो इसके लिए कृषि क्षेत्र पर विशेष ध्यान देना होगा. सरकार भी अब कृषि क्षेत्र पर खास ध्यान देने लगी है. यही कारण है कि लॉकडाउन के बाद अर्थ व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए जो पैकेजों का दौर चला उसमें कृषि को खास महत्व दिया गया. कृषि क्षेत्र के प्रभाव को हमें दो तरह से समझना होगा. पहला यह कि कोरोना के चलते लॉकडाउन के हालातों और रोजगार ठप्प होने की स्थिति में लोगों को अनाज, दाल आदि उपलब्ध कराना ताकि कोई भी व्यक्ति भूखा ना सोए तो दूसरी और किसानों के हाथ में भी पूंजी का आना जिससे वे आर्थिक दृष्टि से मजबूत हो सके. केन्द्र हो या राज्य सरकारें सभी इस दिशा में आगे बढ़ी है.
This story is from the November 01, 2022 edition of Gambhir Samachar.
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