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जीईपी लागू करने वाला पहला राज्य बना उत्तराखंड
DASTAKTIMES
|August 2024
उत्तराखंड सरकार ने सूबे में सबसे पहले समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू कर सामाजिक न्याय की दिशा में ऐतिहासिक निर्णय लिया और अब सकल पर्यावरणीय उत्पाद (जीईपी) को लागू कर पर्यावरण स्वास्थ्य की दिशा में क्रांतिकारी कदम उठाया है।
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सामान्य रूप में पर्यावरणीय स्वास्थ्य के प्रति सभी राज्य चिंता तो व्यक्त करते हैं, लेकिन इस दिशा में किसी भी राज्य ने अब तक कोई ठोस पहल नहीं की। परंतु मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह स्पष्ट कर दिया कि हिमालयी राज्य उत्तराखंड में जितनी महत्वपूर्ण आर्थिक तरक्की है, उतना महत्व पर्यावरणीय स्वास्थ्य का भी होगा। सीएम धामी के इस ऐतिहासिक निर्णय के बाद देशभर में सभी राज्यों में जीईपी के महत्व पर जोर दिया जाने लगा।
आज विश्व में जलवायु परिवर्तन को ज्वलंत समस्या के रूप में देखा जा रहा है। इससे पर्यावरण को क्षति पहुंच रही है, जिससे आमजन जीवन प्रभावित हो रहा है। जिस प्रकार जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने के लिए कार्बन उत्सर्जन को नियंत्रित करना अति आवश्यक है, उसी प्रकार पर्यावरण के मूल घटकों का संरक्षण भी बेहद आवश्यक है। इसमें हवा, मिट्टी, पानी व जंगल को शामिल किया गया है। उत्तराखंड में लागू किये गये जीईपी के अंतर्गत अब उत्तराखंड सरकार राज्य की जीडीपी की गणना की भांति पर्यावरणीय घटकों का भी आकलन करेगी। इससे इन चारों घटकों की मात्रा व शुद्धता का पता लग सकेगा और परिस्थिति के अनुसार आवश्यक कदम उठाये जा सकेंगे। इसलिए जीपी को सामान्य भाषा में प्रकृति के स्वास्थ्य का सूचक या संकेतक के रूप में भी जाना जाता है।
This story is from the August 2024 edition of DASTAKTIMES.
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