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उत्तराखंड में यूसीसी धामी सरकार का 'मास्टर स्ट्रोक'
DASTAKTIMES
|February 2024
विधानसभा से यूसीसी विधेयक पारित होने के बाद अब इसे राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा गया है। राज्यपाल व राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही धामी सरकार यूसीसी को प्रदेश में लागू कर देगी। इसी के साथ स्वतंत्र भारत में यूसीसी का कानून बनाकर लागू करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य बनेगा। धामी सरकार ने यूसीसी को लाकर इतिहास तो रचा ही, आगामी लोकसभा चुनाव से ठीक पहले ऐसा 'मास्टर स्ट्रोक' चला है, जिससे विपक्ष चारों खाने चित्त है। केन्द्र सरकार ने पहले कश्मीर में अनुच्छेद 370 पर निर्णय, बाद में राम मंदिर का निर्माण और अब उत्तराखंड में यूसीसी कानून लागू करने की पहल करके धामी सरकार ने राष्ट्रीय परिदृश्य में भी लीड ले ली है।

इंसाफ करने की कसम खाई थी, इसलिए आंखों पर पट्टी लगाई थी।
इंसाफ हो बिन देखे बिन पहचाने, कानून ने कुछ ऐसी रसम बनाई थी।
मेरी खामोशी को, मेरी कमजोरी माना गया, इसलिए मुझे बतौर अंधा कानून जाना गया।
न मैं अंधा हूं, न मैं खामोश हूं, अपनी ही बंदिश से रूपोश हूं।
मैं समझ गया हूं, मुझे संवरना होगा, इसलिए अपने अंदाज को बदलना होगा।
वक्त आ गया है, आंखों से पट्टी खोली जाए, और सच्चाई आंखों के सामने तोली जाए।
समान नागरिक संहिता के खंड 4 के पहले पृष्ठ पर न्यायधीश परमोद कोहली की यह कविता उत्तराखंड में लागू होने जा रही समान नागरिक संहिता द्वारा होने वाले सामाजिक बदलावों की बानगी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' विजन से प्रेरित होकर मैंने विधानसभा चुनाव 2022 से पहले उत्तराखंड की देवतुल्य जनता के समक्ष यूसीसी को लागू करने का संकल्प लिया था। प्रदेशवासियों की आकांक्षाओं के अनुरूप हमारी सरकार प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू करने हेतु सदैव प्रतिबद्ध रही है। हमारी सरकार प्रदेश में सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने हेतु प्रतिबद्ध है। - पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड
यूं तो देश के कई सूबों में भारतीय जनता पार्टी की सरकारें हैं, परंतु प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन व पार्टी के एजेण्डे पर यदि कोई सरकार अक्षरशः कार्य कर रही है तो वह उत्तराखंड की धामी सरकार है। स्थापना के समय से ही भाजपा जिस यूसीसी का सपना देखती रही है, उत्तराखंड ने दशकों पुराने इस सपने को साकार कर दिया है।
This story is from the February 2024 edition of DASTAKTIMES.
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