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भारतीय हितों की रक्षा के लिए दृढ़संकल्प डबल इंजन सरकार
DASTAKTIMES
|December - 2022
चीन फिर से असहज हुआ है कि भारत अमेरिका की डिफेंस पार्टनरशिप उत्तराखंड-चीन बॉर्डर पर इतने साहस के साथ कैसे हो सकती है। कायदे से तो अमेरिका भारत को चीन को जवाब देना चाहिए कि ये काम दोनों ने वैसे ही कुछ साहस के साथ किया है जैसा चीन और रूस ने कुछ ही समय पहले प्रशांत महासागर में रूसी नेतृत्व वाले वोस्तोक संयुक्त नौसेना अभ्यास में अपनी समुद्री युद्धपोतों को दौड़ाकर किया है।

उत्तराखंड-चीन सीमा पर मुस्तैद इंडियन और अमेरिकन आर्मी
चीन किसी न किसी वजह से दुनिया की सामरिक, कूटनीतिक, राजनीतिक, आर्थिक हितों के मद्देनजर चर्चा का विषय बना रहता है और अक्सर एक सवाल उठता है कि चीन ऐसा क्यों हैं कि विवादों, उलझनों से उसका नाता बिना जोड़े देशों और बुद्धिजीवियों का कोई डिबेट पूरा नहीं हो पाता। कनाडा अपनी इंडो पैसिफिक स्ट्रेटेजी बनाता है और ताईवान उसका स्वागत कर चीन की विस्तारवादी नीति का विरोध करता है और एक बार फिर चीन को असहजता होती है। अमेरिका और भारत उत्तराखंड के चमोली जिले के औली में संयुक्त 'युद्धाभ्यास' करते हैं तो चीन को बुरा लगता है और वह अमेरिका को हिदायत देता है कि भारत चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा पर दोनों देशों के संबंधों को खराब करने का कोई प्रयास अमेरिका न करे। चीन फिर से असहज हुआ है कि भारत अमेरिका की डिफेंस पार्टनरशिप उत्तराखंड-चीन बॉर्डर पर इतने साहस के साथ कैसे हो सकती है? कायदे से तो अमेरिका-भारत को चीन को जवाब देना चाहिए कि ये काम दोनों ने वैसे ही कुछ साहस के साथ किया है जैसा चीन और रूस ने कुछ ही समय पहले प्रशांत महासागर में रूसी नेतृत्व वाले वोस्तोक संयुक्त नौसेना अभ्यास में अपनी समुद्री युद्धपोतों को दौड़ाकर किया है। हिन्द प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा के खिलाफ बन रहे चक्रव्यूह में अपने समर्थक के रूप में चीन रूस को विश्वास में लेने की कोशिश कर रहा है। बावजूद इसके पिछले दो वर्षों में क्वाड सदस्य देशों के अलावा जर्मनी, यूरोपीय संघ, ब्रिटेन, फ्रांस और अब कनाडा जैसे देशों ने फ्री, ओपन एंड इनक्लूसिव इंडो पैसिफिक के लिए अपनी रणनीति और मंसूबों को साफ कर दिया है।
This story is from the December - 2022 edition of DASTAKTIMES.
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