Try GOLD - Free
आखिर क्यों किया जाता है कन्यादान
Sadhana Path
|November 2025
कन्यादान एक पिता और पुत्री के बीच का एक भावनात्मक रस्म है। इस रस्म को निभाते हुए पिता और पुत्री पर क्या बीतती है ये कोई उनके दिल से पूछे। इस एक रस्म से पुत्री हमेशा के लिए पराई हो जाती है।
हिंदू धर्म में शादी में होने वाली हर रस्म और रीति रिवाज का काफी महत्व होता है। शादी में होने वाली रस्मों का कहीं न कहीं भावनात्मक जुड़ाव होता है। शादी में जहां दो अलग-अलग परिवार एक-एक बंधन में बंधते हैं। वहीं दो आत्माओं का भी मिलन होता है। लेकिन शादी की रस्मों के दौरान एक ऐसी रस्म है, जो बेहद ही खास और इमोशनल होती है और ये रस्म है कन्यादान। ये एक पिता और पुत्री के बीच के भावनात्मक रिश्ते को दर्शाता है। इस रस्म को निभाना न सिर्फ पिता बल्कि एक पुत्री के लिए भी काफी कष्टकारी होता है, क्योंकि एक पिता अपने कलेजे के टुकड़े यानी अपनी बेटी को ताउम्र के लिए किसी और को सौंपता है। अपने शरीर के हिस्से को किसी और को सौंपना आसान नहीं होता है। आइए जानते हैं कन्यादान का महत्व और कैसे निभाई जाती है यह रस्म। हिंदू धर्म की शादियों में तमाम रस्म और रिवाज निभाने के बाद ही विवाह को पूर्ण माना जाता है। तब जाकर कन्या और वर, पति-पत्नी बन पाते हैं। लेकिन विवाह की इन रस्मों में सबसे महत्वपूर्ण होता है कन्यादान। इसका अर्थ होता है कन्या का दान। अर्थात पिता अपनी पुत्री का हाथ वर के हाथ में सौंपता है। इसके बाद से कन्या की सारी जिम्मेदारियां वर को निभानी होती है। आपको बता दें कि शास्त्रों में इस दान को सबसे बड़ा दान कहा जाता है। इससे बड़ा दान अब तक कोई और नहीं है। यह एक भावुक संस्कार है, जिसमें एक बेटी अपने रूप में अपने
This story is from the November 2025 edition of Sadhana Path.
Subscribe to Magzter GOLD to access thousands of curated premium stories, and 10,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In
MORE STORIES FROM Sadhana Path
Sadhana Path
ध्यान एक प्रक्रिया है
अभय की खोज हमारे जीवन की महत्त्वपूर्ण खोज है। हम अभय बनें, डरना छोड़ें। जिस व्यक्ति ने अभय का पाठ नहीं पढ़ा, उसका विचार सही नहीं होगा। उसका विचार भय से प्रभावित विचार होगा।
2 mins
November 2025
Sadhana Path
मंगल ग्रह और ज्योतिष
मगल सूर्य के बाद चौथा व सातवां बड़ा ग्रह माना जाता है इसकी सूर्य से लगभग दूरी 22 करोड़ 79 लाख किलोमीटर हैं। इस ग्रह का व्यास लगभग तकरीबन 6794 किलोमीटर है।
9 mins
November 2025
Sadhana Path
आनंद में रहना वास्तविक स्वर्ग है
गीता में भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि स्वर्ग के साम्राज्य को पाने के लिए वास्तव में मनुष्य को केवल कर्मों के फलों को त्यागने की आवश्यकता है। ईश्वर ने मनुष्य को इस जीवन में भूख और इच्छाओं के साथ ऐसी परिस्थितियों में भेजा है कि उसे कर्म करना ही पड़ेगा। कार्य के बिना मानव सभ्यता रोग, अकाल और अव्यवस्था का जंगल बन जाएगी। यदि संसार के सभी लोग अपनी भौतिक सभ्यता त्याग कर जंगलों में रहें, तो जंगलों को शहरों में बदलना पड़ेगा, अन्यथा वहां के निवासी स्वच्छता की कमी के कारण मर जाएंगे। दूसरी ओर भौतिक सभ्यता अपूर्णताओं और दुःखों से भरी पड़ी है। तो किस सम्भव उपाय का समर्थन किया गया?
2 mins
November 2025
Sadhana Path
मंदिरों में सिमटा रहस्य
हमारे आस-पास बहुत सी जगहें व मंदिर ऐसे हैं जो अपने अंदर बहुत से रहस्यों को समेटे हुए हैं, जिनको समझ पाना सामान्य मनुष्य या फिर विज्ञान के लिए सम्भव नहीं है। ऐसे ही कुछ मंदिर हैं जो आस्था के साथ-साथ आकर्षण का भी केंद्र हैं।
5 mins
November 2025
Sadhana Path
ध्यान की एक विधि नक्षत्र मेडिटेशन
पंडित अजय भाम्बी जी ने ध्यान की एक ऐसी खोजी है जिसका व्यवहारिक प्रयोग करके कोई भी व्यक्ति अपने भीतर की बंद ऊर्जा के स्रोत को जान सकता है। इसके द्वारा व्यक्ति आकाश से ऊर्जा लेकर न केवल अपनी समस्याओं का समाधान कर सकता है बल्कि मुक्ति भी प्राप्त कर सकता है।
4 mins
November 2025
Sadhana Path
तुलसी विवाह
भगवान विष्णु के स्वरूप शालिग्राम और माता तुलसी के मिलन का पर्व 'तुलसी विवाह' यानी हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन तुलसी पूजा और तुलसी विवाह करने का बड़ा ही महत्त्व है।
4 mins
November 2025
Sadhana Path
गुरु नानक एवं उनसे जुड़े ऐतिहासिक गुरुद्वारा साहिब
गुरु नानक सिख धर्म के प्रथम गुरु थे। उनका कहना था कि ईश्वर एक है और हम सब उसकी संतान हैं। जानें इस लेख से उनसे जुड़े कुछ ऐतिहासिक गुरुद्वारा साहिब, जहां दिखती है असीम भक्ति व श्रद्धा।
3 mins
November 2025
Sadhana Path
उह हंस अकेला जाई
गुरु नानक का जन्म 15 अप्रैल 1469 ई. में तलवंडी नामक स्थान में हुआ था। किंतु गुरु नानकदेव की जयंती कार्तिक पूर्णिमा को मनाई जाती है। इस दिन गुरुद्वारों में शब्द कीर्तन एवं गुरुवाणी का पाठ किया जाता है। इस बार गुरू नानक का 550वां प्रकाशोत्सव विश्व भर में मनाया जा रहा है।
1 mins
November 2025
Sadhana Path
भैरव जी की महिमा अपरम्पार है
भैरों बाबा शक्ति का असीमित भंडार हैं जो भक्तों की रक्षार्थ हमेशा तत्पर रहते हैं। इनके प्रसिद्ध मंदिर कौन से और कहां है तथा क्या है उनकी विशेषता आइए जानते हैं इस लेख से।
5 mins
November 2025
Sadhana Path
सर्दियों में भी रखें वास्तु का ख्याल
सर्दी के इस मौसम में कुछ वास्तु उपाय करके आप सकारात्मक परिणाम प्राप्त कर सकते हैं कौन से हैं वो उपाय आइए लेख के माध्यम से जानें?
4 mins
November 2025
Listen
Translate
Change font size

