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सस्ती, सरल और असरकारक चिकित्सा - हास्य चिकित्सा

Sadhana Path

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March 2023

आज की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में हम स्वयं के लिए भी बड़ी मुश्किल से समय निकाल पाते हैं जिससे जन्म होता है तनाव का और उसके बाद कई बिमारियों का । हम 'हास्य-चिकित्सा' द्वारा इन समस्याओं का समाधान बड़ी सरलता से कर सकते हैं। कैसे ? आईए जानते हैं।

- सीताराम गुप्ता

सस्ती, सरल और असरकारक चिकित्सा - हास्य चिकित्सा

थोड़ी-सी सामान्य बुद्धि, थोड़ी-सी सहनशीलता थोड़ा सा हास्यबोध अगर यह आपके पास है तो आप नहीं जानते कि इस ग्रह पर आप अपने को कितना सुखी बना सकते हैं। 'समरसेट माम' के इन शब्दों से स्पष्ट होता है कि जीवन में हास्य का कितना महत्त्वपूर्ण स्थान है। वास्तव में जिस व्यक्ति के जीवन में विनोद का कोई स्थान नहीं उसे दुखी होने के लिए कोई प्रयास नहीं करना पड़ता। वह बिना प्रयास किए ही नित्य निरंतर दुखी रह सकता है। एक पल की मुस्कुराहट अथवा एक भरपूर ठहाका जीवन की दिशा बदलने में सक्षम है। 'बेकन' के अनुसार, 'व्यक्ति का हंसमुख स्वभाव दीर्घायु का सर्वोत्तम साधन है।' टैगोर कहते हैं कि, 'जब मैं हंसता हूं तो मेरे मन का बोझ हल्का हो जाता है।' गांधीजी की लोकप्रियता का राज था उनकी विनोदप्रियता। गांधीजी लिखते हैं कि, 'हंसी मन की गांठें बड़ी आसानी से खोल देती है। मेरे मन की ही नहीं तुम्हारे मन की भी।'

मनुष्य होने का प्रमाण है हास्य

हंसी एक सहज-स्वाभाविक क्रिया है। लेकिन है एक अद्वितीय क्रिया। यह एक मूल  प्रवृत्ति है जो केवल मानव में ही पाई जाती है। कहा गया है कि साहित्य, संगीत और कला से विहीन मनुष्य पशु के समान है, यह बात कुछ हद तक ठीक है लेकिन व्यावहारिक स्तर पर देखें तो जो व्यक्ति प्रकृति द्वारा मनुष्य को प्रदत्त इस अमूल्य उपहार हंसी का अपने जीवन में उपयोग नहीं कर पाता वह सबसे बड़ा पशु है। मनुष्येतर प्राणियों में सिर्फ चिंपांजी ही एक ऐसा प्राणी है जो कुछ सीमा तक हंसने जैसी क्रिया कर सकता है अन्यथा पूरी सृष्टि में मनुष्य ही एकमात्र प्राणी है जिसे प्रकृति ने यह अमूल्य निधि प्रदान की है। अतः हास्य रूपी इस अमूल्य निधि का भरपूर प्रयोग कीजिए और अपने मनुष्य होने का प्रमाण दीजिए।

हास्य है मन की सत्ता का विसर्जन

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