Try GOLD - Free
प्यारी दोस्ती
Champak - Hindi
|August First 2024
चीकू खरगोश और ब्लैकी भालू में बहुत ही गहरी और प्यारी दोस्ती थी. दोनों हमेशा साथसाथ ही रहते और कक्षा में भी साथसाथ ही बैठते थे. ऐसा लगता था जैसे वे एकदूसरे के बिना रह ही नहीं सकते.
उनकी प्यारी दोस्ती के चर्चे पूरे 'चंपक स्कूल' में थे.
एक दिन शाम के समय जब 'बड़े मैदान' में कौन के सब बच्चे खेल रहे थे तभी चीकू और ब्लैकी साइकिल पर सवार हो कर उस मैदान में आए और बच्चों वाले करतब दिखाने लगे.
बहुत से बच्चे उन के करतब देखने लगे और जोरजोर से ताली बजाने लगे. तभी चीकू हाथ छोड़ कर साइकिल चलाने लगा, उस का संतुलन बिगड़ गया और उस की साइकिल ब्लैकी की साइकिल से टकरा गई.
चीकू तुरंत संभल गया, लेकिन ब्लैकी मुंह के बल धड़ाम से जमीन पर गिरा. ब्लैकी को ऐसे गिरता देख, बच्चे जोरजोर से उस पर हंसने लगे और चीकू भी हंसने लगा.
ब्लैकी को यह सब बड़ा अपमानजनक लगा. साइकिल से गिरने से उस के कुछ खरोंच भी आ गई थीं. इस कारण उस के चिरमिराहट मची हुई थी. सब को ऐसे हंसते देख ब्लैकी भड़क उठा.
अपने प्यारे दोस्त चीकू को हंसते देख तो वह अपना धैर्य ही खो बैठा. वह तमतमाता हुआ उठा और धूल सने अपने कपड़ों को झाड़ता हुआ बोला, “चीकू, तुम भी मेरे गिरने पर मेरा मजाक उड़ा रहे हो. लो, हमारी दोस्ती खत्म."
फिर ब्लैकी ने अपनी ठुड्डी पर दाहिने हाथ के अंगूठे को 3 बार झटका देते हुए अपनी भाषा में कहा, “कट्टी, कट्टी, कट्टी.' उस का कहने का मतलब था कि अब उन की दोस्ती खत्म. इस के बाद तो ब्लैकी अपनी साइकिल उठा कर वहां से झुंझलाता और बड़बड़ाता हुआ चला गया.This story is from the August First 2024 edition of Champak - Hindi.
Subscribe to Magzter GOLD to access thousands of curated premium stories, and 10,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In
MORE STORIES FROM Champak - Hindi
Champak - Hindi
जैम का जन्मदिन
सू... करती हवा की तेज आवाज के साथ जैम के पापा ने खिड़की से कमरे में तैरते हुए जैम की मां को पुकारा, “मोना.”
4 mins
October Second 2025
Champak - Hindi
शरारती दीये
अभिराज के नन्हे हाथों में कल दीये से जिद्दी मोम को खुरचते हुए पीतल का कटोरा भारी लग रहा था.
4 mins
October Second 2025
Champak - Hindi
पौलीजूस औषधि
अमर ने अनु के झुके शरीर पर तिरछी नजर डाली.
6 mins
October Second 2025
Champak - Hindi
सपनों की दीवाली
दीवाली का त्योहार नजदीक आ रहा था.
3 mins
October Second 2025
Champak - Hindi
चंपकवन में हैप्पी दीवाली
दीवाली नजदीक आ रही थी. चंपकवन के अध्यक्ष शेरसिंह ने गहरी सांस ली और अपने फुर्तीले मंत्री जंपी बंदर को बुलाया.
4 mins
October Second 2025
Champak - Hindi
शानदार शहरी जीवन
मिनाली मकड़ी को अपना आलीशान शहरी जीवन बहुत पसंद था. उस ने एक खूबसूरत अपार्टमेंट में अलमारी के पीछे अपना जाल बुना था. उस की लोकेशन बहुत अच्छी थी, वह खिड़की और रसोई के भी पास थी.
4 mins
October Second 2025
Champak - Hindi
सपने और राक्षस
“10 दिन मौजमस्ती के थे,” प्रोइति होंठों पर मुसकान लिए घर की ओर दौड़ी. दुर्गा पूजा की तैयारी चल रही थी और शहर खुशियां मनाने के लिए पूरी तरह सज चुका था. प्रोइति ने मेज से मिठाई उठाई और उस का आनंद लेते हुए सोचने लगी कि पहले कौन सा पंडाल देखना है. उस ने अपनी सहेली चित्रा, देबोजीत और फिर अंत में शामा को फोन किया. उन की तरफ से उसे बारबार एक ही जवाब सुनाई दिया कि वे घर से बाहर पूजा पंडाल देखने निकली हैं.
4 mins
October First 2025
Champak - Hindi
अनोखा दशहरा
मैसूर की वैभव सोसाइटी में हर साल दशहरा धूमधाम से मनाया जाता है. सोसाइटी का पार्क अकसर बच्चों की किलकारियों से गूंजता रहता है, लेकिन इस साल दशहरा से ठीक पहले एक अजीब सा सन्नाटा पसरा था.
3 mins
October First 2025
Champak - Hindi
गांधीजी का साहसिक भाषण
जब लंच ब्रेक के लिए घंटी बजी, तो जतिन ने देखा कि क्लारा कैंटीन के पास अकेली बैठी अपनी नोटबुक में कुछ लिख रही थी.
5 mins
October First 2025
Champak - Hindi
दशहरे तक मौजमस्ती
शेरसिंह चंपकवन की रामलीला कमेटी के अध्यक्ष थे.
4 mins
October First 2025
Listen
Translate
Change font size
