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नाइट्रोजन खाद का उचित प्रयोग करने वाली धान की किस्में
Modern Kheti - Hindi
|1st September 2024
भारतीय वैज्ञानिकों ने पाया है कि धान की कुछ किस्में नाइट्रोजन का इस्तेमाल अन्य किस्मों की तुलना में कहीं ज्यादा बेहतर तरीके से करती हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक धान की विभिन्न किस्में प्राकृतिक तौर पर नाइट्रोजन का उपयोग कितनी दक्षता से करती हैं, उसमें पांच गुणा अंतर है।
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अपने अध्ययन में वैज्ञानिकों ने धान की किस्मों के कुछ ऐसे गुणों और जीनों की भी पहचान की है, जो फसलों की पैदावार को बेहतर बना सकती हैं। इसके साथ ही यह गुण उर्वरकों के बेहतर उपयोग, प्रदूषण में कमी, स्वास्थ्य और जलवायु परिवर्तन के दृष्टिकोण से भी मददगार साबित हो सकते हैं।
रिसर्च से पता चला है कि धान की खीरा और सीआर धान 301 जैसी प्रजातियां नाइट्रोजन का उपयोग बेहद दक्षता के साथ करती हैं। मतलब कि इन्हें बहुत कम उर्वरकों की आवश्यकता होती है। लेकिन धान की इन किस्मों को बढ़ने में बहुत अधिक समय लगता है।
वहीं दूसरी तरफ धान की ढाला हीरा किस्म एक तरफ जहां नाइट्रोजन का बेहद दक्षता के साथ उपयोग करती है। साथ ही इसे तैयार होने में बहुत कम समय लगता है। मतलब कि इस किस्म में यह दोनों ही गुण मौजूद हैं। गौरतलब है कि नाइट्रोजन उपयोग दक्षता (एनयूई) का मतलब है कि इस्तेमाल किए यूरिया से कितना अनाज पैदा किया जा सकता है।
This story is from the 1st September 2024 edition of Modern Kheti - Hindi.
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