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आम की उन्नत किस्में
Modern Kheti - Hindi
|November 15, 2023
हरियाणा राज्य में आम की काश्त पंचकूला, अम्बाला, करनाल, कुरूक्षेत्र और यमुनानगर जिले में की जा सकती है। आम के बाग लगाने के लिए किसान अच्छी नर्सरी से पौधे लें। जलवायु तथा मिट्टी की परिस्थितियों को ध्यान में रखकर उचित नई किस्मों की बागवानी से अधिक उत्पादन लिया जा सकता है।
आम को फलों का राजा माना जाता है। भारत का राष्ट्रीय फल का दर्जा भी आम को ही मिला हुआ है। आम बहुत ही पुराने समय से भारत में उगाया जाता है। भरत में आम की बागवानी का बड़ा महत्व है। आम के उत्पादन में भारत का विश्व में प्रथम स्थान है। इसकी काश्त उष्ण एवं समशीतोष्ण दोनों प्रकार की जलवायु में अच्छी प्रकार से की जाती है। आम पोष्कात की दृष्टि से विटामीन ए व विटामीन सी का महत्वपूर्ण स्त्रोत है। रेशा और पोटाशियम भी प्रचूर मात्रा में पाया जाता है। इसकी लकड़ी फर्नीचर बनाने में इस्तेमाल होती हैं। कच्चा आम आचार, चटनी आदि बनाने में प्रयोग होता है। भारत में लगभग 2350 हजार हैक्टेयर क्षेत्रफल में आम की खेती की जाती है। देश के मुख्य आम उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, बिहार, गुजरात व तमिलनाडू है। अकेले उत्तर प्रदेश में सवार्धिक 24 प्रतिशत उत्पादन होता है। हरियाणा राज्य में आम की काश्त पंचकूला, अम्बाला, करनाल, कुरुक्षेत्र और यमुनानगर जिले में की जा सकती है। आम के बाग लगाने के लिए किसान अच्छी नर्सरी से पौधे लें। जलवायु तथा मिट्टी की परिस्थितियों को ध्यान में रखकर उचित नई किस्मों की बागवानी से अधिक उत्पादन लिया जा सकता है। आम के फल पकने के बाद जल्दी ही खराब होने लगते हैं और स्थानीय बाजार में इसकी भरमार होने के कारण किसानों को कम दाम पर अपनी फसल बेचने के लिए मजबूर होना पड़ता है, जिससे उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है। जिन प्रजातियों की राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय बाजार में मांग हो उनके बाग लगाकर किसान अधिक उत्पादन व मुनाफा ले सकते हैं। आम की संकर किस्मों के पौधे जल्दी फल देना शुरू कर देते हैं और इनमें बढ़वार व फैलाव भी अपेक्षाकृत कम होता है। इस कारण से इन्हें सघन बागवानी में भी लगाया जा सकता है। संकर किस्मों में नियमित फल आता है जबकि देश में उगाई जाने वाली पंरपरागत आम की पुरानी किस्में हर साल फल नहीं आता। आम की महत्वपूर्ण किस्में व संकर किस्में जिनकी राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय स्तर पर मांग है निम्नलिखित है:-
This story is from the November 15, 2023 edition of Modern Kheti - Hindi.
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