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पोस्ट हार्वेस्टिंग के उपरांत बागवानी फसलों का रखरखाव
Modern Kheti - Hindi
|1st July 2023
कृषि विशेषज्ञों की सिफारिशों को मानते हुए किसान भाई कठिन परिश्रम, पैसा एवं ऊर्जा व्यय करके फल एवं सब्जियों की अधिक पैदावार करते हैं।
अच्छी पैदावार करने के बाद प्रसन्न होकर आराम से बैठने का समय नहीं बल्कि तुड़ाई के उपरांत यातायात के बहुत ही सावधानीपूर्वक कार्य के लिए तैयार होना है। अच्छी फसल का अच्छा मूल्य तभी मिलेगा यदि तुड़ाई के उपरांत फल एवं सब्जियां खरीददार को शुद्ध रूप में मिलें।
गुणवत्ता भरपूर एवं खान-पान में सुरक्षा दो बड़े मुद्दे हैं जो यह निर्धारित करते हैं कि आपकी फसल विदेश में अथवा अपने देश की बड़ी मंडियों में अथवा घरेलू स्थानीय मंडी में ठेलों पर बिकने लायक है। आमतौर पर यह माना जाता है कि फल एवं सब्जियां पैदा करने वाले क्षेत्र से जितनी दूर की बड़ी मार्किट में मंडीकरण किया जाए, उतना ही अधिक मूल्य मिल सकता है। परन्तु ऐसा कहना आसान है, करने के लिए कठिन परिश्रम एवं हिसाबकिताब की आवश्यकता होती है। विशेष तौर पर यह जानते हुए कि फल एवं सब्जियां अधिक नमी होने के कारण शीघ्र खराब हो जाती हैं अथवा मंडीकरण योग्य नहीं रह जाती। इसलिए गुणवत्ता भरपूर, रोगों से रहित एवं लंबे समय तक शुद्ध रहने वाली फल एवं सब्जियां न सिर्फ अच्छे बीज एवं काश्तकारी का परिणाम हैं बल्कि तुड़ाई के बाद उचित रखरखाव भी बराबर का हिस्सा डालती है।
तुड़ाई के दौरान निम्नलिखित नुक्ते ध्यान में रखें :
* तुड़ाई के बाद फसल/पैदावार की गुणवत्ता तो बढ़ाई नहीं जा सकती परन्तु इसको तुड़ाई के समय गुणवत्ता को लंबे समय तक बचा कर रखा जा सकता है।
* दिन के ठंडे समय जैसे कि सुबह या शाम को ही सब्जियां एवं फलों की तुड़ाई की जाए। यदि ऐसा करना संभव न हो तो तुड़ाई के बाद शीघ्र ही फल एवं सब्जियों को हवादार, छाया वाले स्थान पर (वृक्षों की छांव) रखा जाए। इस तरह तोड़ी गई फसल के तापमान में 80 सैंटीग्रेड से 170 सैंटीग्रेड तक की कमी हो जाती है। जो कि तुड़ाई के बाद की क्वालिटी के लिए बहुत ही अहम है।
This story is from the 1st July 2023 edition of Modern Kheti - Hindi.
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