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अधिक उत्पादन के लिए सब्जियों की स्वस्थ पौध
Modern Kheti - Hindi
|1st April 2023
सब्जियों की स्वस्थ पौध ही भरपूर पैदावार का आधार होती है। जब पौध एक से डेढ़ इंच की होते ही जड़ गलन (डैम्पिंग आफ) बीमारी से ग्रसित हो जाती है, तथा क्यारियों से लगभग 80 प्रतिशत पौधे नष्ट हो जाते हैं। कृषकों को सब्जियों की स्वस्थ पौध उगाने की वैज्ञानिक तकनीक का प्रयोग करना चाहिए, ताकि क्यारियों से एक पौधा भी नष्ट न होने पाये।
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सब्जियों की स्वस्थ पौध ही भरपूर पैदावार का आधार होती है। जब पौध एक से डेढ़ इंच की होते ही जड़ गलन (डैम्पिंग आफ) बीमारी से ग्रसित हो जाती है, तथा क्यारियों से लगभग 80 प्रतिशत पौधे नष्ट हो जाते हैं। कृषकों को सब्जियों की स्वस्थ पौध उगाने की वैज्ञानिक तकनीक का प्रयोग करना चाहिए, ताकि क्यारियों से एक पौधा भी नष्ट न होने पाये।
इस तरह की सब्जियाँ है, जैसेटमाटर, बैंगन, मिर्च, शिमला मिर्च, पत्तागोभी, फूलगोभी, गांठगोभी, बटनगोभी, ब्रुसेल्स स्प्राउट, ब्रोकोली, सलाद पत्ता, चिकोरी, इन्डिव, सेलरी, पार्सले, चेरविल, पारस्त्रिप, ग्लोव आर्टिचोक और प्याज आदि जिनकी सर्वप्रथम पौध तैयार की जाती है। इस लेख में सब्जियों की स्वस्थ पौध तैयार कैसे करें की आधुनिक तकनीक का विस्तार से उल्लेख है।
सब्जियों की स्वस्थ पौधशाला का चुनाव :
सब्जियों की स्वस्थ पौध के लिए पौधशाला के लिए चयनित स्थान की मिट्टी हल्की होनी चाहिए, जैसे बलुआर दोमट या दोमट और मिट्टी का पी एच मान 6 के आसपास हो ताकि बीज का जमाव सुचारू रूप से हो सके। पौधशाला के पास सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए। सूर्य का प्रकाश पूरे दिन बराबर उपलब्ध हो ताकि पौधे अच्छी प्रकार से विकास कर सकें। मिट्टी आस-पास के क्षेत्र से थोड़ा ऊँची हो और खेत में 5 से 10 प्रतिशत ढलान हो ताकि वर्षा ऋतु का पानी क्यारियों से बाहर चला जाये।
सब्जियों की स्वस्थ पौधशाला की तैयारी :
सब्जियों की स्वस्थ पौध के पौधशाला की मिट्टी की एक बार गहरी जुताई या फावड़े की सहायता से खुदाई अत्यन्त आवश्यक है। तत्पश्चात् जुताई या गुड़ाई करके मिट्टी भुरभूरी बना लें और उसमें से सभी खरपतवार निकाल दें। प्रति वर्ग मीटर की दर से 2 किलोग्राम सड़ी हुई गोबर की खाद या कम्पोस्ट खाद या पत्ती की खाद या 500 ग्राम केंचुए की खाद डालकर मिट्टी में अच्छी प्रकार मिला दें। इससे बीज के जमाव में सुगमता होती है। यदि पौधशाला की मिटटी सख्त हो तो उसमें प्रति वर्ग मीटर की दर से 2 से 3 किलोग्राम रेत अवश्य मिलायें। पौधशाला सुरक्षित स्थान पर बनाना चाहिए।
This story is from the 1st April 2023 edition of Modern Kheti - Hindi.
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