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भरत जी की चित्रकूट यात्रा
Jyotish Sagar
|July 2020
गंगातट पर चल रही रामकथा में 20वें दिन की कथा को श्रोतागण पूर्ण एकाग्रता से सुन रहे हैं। सुनें भी क्यों न? एक ओर तो जहाँ भरत जी की चित्रकूट यात्रा का मार्मिक प्रसंग है, तो वहीं दूसरी ओर व्यास पीठ पर विराजमान स्वामी जी की शैली ही ऐसी है कि सभी प्रकरण मनोहारी प्रतीत होते हैं।
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भ्रातृप्रेम का यह अद्भुत प्रसंग भी स्वामी जी की वाणी से और भी मन को छू लेने वाला बन गया है। पाण्डाल भरा हुआ है। सभी श्रोता शान्त भाव से कथा का आनन्द ले रहे हैं। भरत जी के आने का समाचार मिलने से लक्ष्मण जी क्रुद्ध हो रहे हैं। इस प्रसंग को आगे बढ़ाते हुए स्वामी जी कहते हैं कि “लक्ष्मण जी भरत जी के सम्बन्ध में कह रहे हैं कि 'यदि इनके हृदय में कपट और कुच
This story is from the July 2020 edition of Jyotish Sagar.
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