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ओशो और विवेकः एक प्रेम कथा
Sadhana Path
|December 2021
सू एपलटन अपने पूर्व जन्म से ही ओशो की प्रेमिका रही है। अप्रैल 1971 में ओशो द्वारा संन्यास दीक्षा ग्रहण की। ओशो ने उसे नया नाम मा योग विवेक दिया। मा विवेक दिसंबर 09, 1989 को अपने भौतिक जीवन से पृथक हो गई।
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सूएपलटन... नाम था उसका, जर्मनी में पैदा हुई थी, वकील थी, अमीर थी, सफल थी, प्रतिष्ठित थी, पर सब सूना लगता था। जर्मनी के उसके घर में एक बार एक भारतीय अनायास ही उसके घर में घुस आया नाम था रवि। पूछा तो उसने बोला-'बस मन किया तो अंदर चला आया' उसने गले में एक माला पहन रखी थी। उस पर एक सुंदर सी तस्वीर थी। सू उसे देख कर जैसे मिट गयी... सूनापन भर गया जैसे.. पूछा ये किसकी तस्
This story is from the December 2021 edition of Sadhana Path.
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