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Rekhta Rauzan - Hindi - All Issues
रेख़्ता रौज़न लगभग दो सौ पन्नों में ऊर्दू अदब के नए-पुराने रंगों से सज-धज कर आपके सामने पेश है। इन अदबी लेखों का अस्ल मक़सद उस अदब को आम लोगों के बीच लाना है, जो वक़्त के साथ पुरानी रिसालों के पीले पड़ चुके पन्नों और महीन लिखाई में क़ैद हो कर रह गया है जिनमें से अधिकतर अब दस्तयाब भी नहीं है। ‘रेख़्ता रौज़न’ के ज़रिए हिन्दुस्तान और पाकिस्तान के नए पुराने क़लमकारों को आम पाठकों के बीच लाना हमारा अस्ल मक़सद है। उर्दू अदब के नए और पुराने रुज्हान और ज़बान के बदलते रुख़ हमारी सियासी और तहरीकी ज़िंदगी की विरासत हैं, जिनके टकराव और समानताओं के ज़रिए आने वाली दुनिया की सम्त और रफ़्तार का पता मिलता है।