नवगठित उत्तरांचल की अंतरिम सरकार के पहले वित्तमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने 3 मई 2001 को जब राज्य का पहला बजट पेश किया था तो उसमें कुल व्यय 4,505.75 करोड़ और राजस्व प्राप्तियों 3,244.71 करोड़ प्रस्तावित थीं। राज्य गठन के समय उत्तरांचल को लगभग 1,750 करोड़ का घाटा विरासत में मिला था और अंतरिम सरकार ने 10 करोड़ के ओवर ड्राफ्ट के साथ अपना काम शुरू किया था। यही नहीं, नये राज्य को विरासत में भारी-भरकम कर्ज भी मिला था, जिसका ब्याज पहले बजट में 250 करोड़ बताया गया था। उसके बाद 10 मार्च 2008 को मुख्यमंत्री भुवनचन्द्र खण्डूड़ी ने जब राज्य का 2008-09 का सालाना बजट पेश किया तो बजट राशि बढ़ कर 12,441.32 करोड़ हो गयी, जिसमें राजस्व प्राप्तियां 10,456.56 करोड़ बतायी गयीं थी। जबकि 15 मार्च 2023 को मौजूदा वित्तमंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल ने 2023-24 का सालाना बजट पेश किया तो उसमें कुल व्यय 77407.08 करोड़ और राजस्व प्राप्तियां 76592.54 करोड़ प्रस्तावित थीं। इसके बाद फिर वित्तमंत्री अग्रवाल ने 11321.12 करोड़ अनुपूरक बजट भी पेश किया। मतलब साफ है कि जितना अब अनुपूरक बजट हो रहा है, उतना शुरुआती सालों में सालाना बजट भी नहीं होता था। उत्तरांचल के रूप में जन्म लेने वाले उत्तराखण्ड के बजट ने जिस तरह लम्बी छलांगें लगाई हैं, वे आसमान छूने जैसी हैं और इससे कल्पना की जा सकती है कि उत्तराखण्ड राज्य ने अपने मात्र 23 साल के जीवनकाल में आशातीत सफलताएं हासिल की हैं। हम कल्पना कर सकते हैं कि अगर प्रदेश में राजनीतिक अस्थिरता और केदारनाथ की जैसी आपदाएं न आतीं तो यह राज्य इससे भी कहीं अधिक तरक्की कर चुका होता। लेकिन इतनी तरक्की के बावजूद अभी उत्तराखण्डवासियों के कई सपने अधूरे ही हैं, जिनका उल्लेख अवश्य होना चाहिये ताकि प्रदेश के भाग्य निर्माता कमियों पर भी गौर कर सकें।
Diese Geschichte stammt aus der November 2023-Ausgabe von DASTAKTIMES.
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आईपीएल से दूर रहकर उर्वशी ने किया मायूस
उर्वशी रौतेला को निश्चित रूप से देश में सबसे अधिक पसंद की जाने वाली, सम्मानित और चहेती शख्सियतों में से एक माना जाता है। इस साल कान्स में उर्वशी रौतेला का जलवा बरकरार रहा।
अपनी तमिल फिल्म के बारे में दिलचस्प अपडेट देगी सनी लियोनी
सनी लियोनी अपनी आगामी फिल्म 'कोटेशन गैंग' पर एक रोमांचक अपडेट का अनावरण करने को तैयार हैं।
अदा शर्मा ने रैंप पर शेयर किया ऊप्स मोमेंट
अदा शर्मा इस पीढ़ी की सबसे बहुमुखी अभिनेत्रियों में से एक हैं। उन्होंने द केरल स्टोरी के साथ अपने यथार्थवादी अभिनय कौशल को साबित किया और इसके बाद कॉमेडी सनफ्लावर सीज़न 2 के साथ आईं और अब वह बस्तर द नक्सल स्टोरी में एक शक्तिशाली प्रदर्शन के साथ आई हैं जिसके लिए उन्हें प्रशंसा मिल रही है।
सुपर-8 में भारत की हो सकती है ऑस्ट्रेलिया से टक्कर
टी20 वर्ल्डकप का आगाज हो चुका है। टूर्नामेंट में 28 दिन तक 55 मैच खेले जाएंगे। ग्रुप स्टेज में 2 से 18 जून तक 17 दिन में 40 मैच होंगे। सुपर-8 स्टेज में 19 से 25 जून तक 7 दिन में 12 मैच खेले जाएंगे। 27 जून को दोनों सेमीफाइनल, वहीं 29 जून को फाइनल होगा। टी-20 वर्ल्ड कप की होस्टिंग अमेरिका और वेस्टइंडीज को मिली है। अमेरिका के 3 वेन्यू पर कुल 16 मैच होंगे। न्यूयॉर्क में 8, वहीं डलास और फ्लोरिडा में 4-4 मैच खेले जाएंगे।
जीवन में प्रसाद का अभाव और अवसाद का प्रभाव
जीवन में प्रसाद का अभाव है और अवसाद का प्रभाव। अवसाद वस्तुतः पराजित मानसिकता का परिणाम है। मित्रता सुख देती है। मित्र परस्पर सुख-दुख बांटते हैं लेकिन मित्रता भी स्वार्थ निरपेक्ष नहीं है। एकाकी होने में दुख है। एकाकी अनुभव होने में और ज्यादा दुख है। बृहदारण्यक उपनिषद में सृष्टि के विकास का सुन्दर वर्णन है। ऋषि कहते हैं, पहले वह अकेला था। अकेला होने के कारण उसे आनंद नहीं मिला।
पिता एक रिश्ता है तो जिम्मेदारी का नाम भी
अंतर्राष्ट्रीय पिता दिवस (16 जून) पर विशेष
बच्चों को गैजेट नहीं, टाइम दें!
आजकल कम उम्र में बच्चे आत्महत्या जैसा भयानक कदम उठाने से भी परहेज नहीं करते। इसकी बड़ी वजह है परिवार, संयुक्त परिवार की जगह एकांकी परिवार का बढ़ता चलन। बात यहीं तक सीमित नहीं है, समस्या यह भी है घर में रहते हुए भी लोगों का अधिकांश समय आपसी बातचीत से अधिक मोबाइल, टीवी में गुजरता है। इस वजह से आपस में सामाजिक दूरियां भी बढ़ रही हैं।
एनडीए की जीत पर पाकिस्तान सदमे में!
भारत में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा अकेले दम पर बहुमत आंकड़ा पार नहीं कर पाई तो सबसे ज्यादा खुश पाकिस्तानी नेता नजर आए। 2019 के मुकाबले भाजपा की सीटें घटने पर पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार में मंत्री रहे फवाद चौधरी ने खुशी जताई। फवाद ने कहा कि उनको उम्मीद थी कि भारत की जनता नरेंद्र मोदी और उनकी विचारधारा को खारिज करेगी।
एनडीए ने 9, इंडिया ने 5 सीटों पर जमाया कब्जा
भाजपा को रांची, धनबाद, पलामू, कोडरमा, चतरा हजारीबाग, जमशेदपुर और गोड्डा सीट पर सफलता मिली तो आजसू एक बार फिर गिरिडीह सीट बचाने में सफल रहा। वहीं इस बार दुमका, राजमहल और सिंहभूम सीट झामुमो के खाते में गई तो वही लोहरदगा और खूंटी सीट कांग्रेस ने जीत ली। एनडीए और इंडिया के लिए प्रतिष्ठा बनी खूंटी और दुमका भी भाजपा ने गंवा दी। यहां से केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा और हाल ही में झामुमो छोड़कर भाजपा में शामिल हुईं सीता सोरेन दुमका सीट नहीं बचा सकी। दो बार चुनाव जीतने वाली लोहरदगा संसदीय सीट भी भाजपा ने गंवा दी।
लालू की रणनीति से गठबंधन के सहयोगी भी चित
बिहार में पूरे लोकसभा चुनाव पर नजर डालें तो इंडिया गठबंधन जिस तरह के जीत के दावे कर रहा था, वैसी सफलता नहीं मिली। हालांकि, उसे नौ सीटों मिली जीत छोटी नहीं है, क्योंकि पिछली बार महज एक सीट पर जीत मिली थी। इस जीत में बड़ी भूमिका तेजस्वी यादव की रही। पिता लालू प्रसाद की पूरी रणनीति पर उन्होंने काम किया और पूरे चुनाव प्रचार में वे बड़े स्टार प्रचारक के रूप में रहे। चुनाव प्रचार के दौरान पूरे इंडिया गठबंधन में राजद को छोड़ अन्य किसी बड़े नेता ने चुनाव प्रचार को बहुत गंभीरता से नहीं लिया।