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आपदाओं से इस बार सबसे अधिक सड़कों को नुकसान
DASTAKTIMES
|September 2023
वहीं इस वर्ष प्रदेश में हुई भारी बरसात के कारण कई बड़े व छोटे पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं। इस कारण इन पुलों की बनावट व गुणवत्ता पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। अब सरकार ने क्षतिग्रस्त पुल विशेषकर बड़े पुलों को हुए नुकसान और उन्हें ठीक कराने के लिए आइआइटी रुड़की समेत अन्य बड़े संस्थानों से थर्ड पार्टी सर्वे कराने का निर्णय लिया है। सर्वे करने वाले संस्थानों से पुलों के डिजाइन समेत इनके निर्माण में इस्तेमाल की गई तकनीक व सामग्री का विवरण साझा किया जाएगा।

यूंतो उत्तराखंड में हर साल मानसून सीजन में भारी वर्षा से प्राकृतिक आपदाओं का दौर रहता ही है, हालांकि इस साल मानसून की बदली चाल ने उत्तराखंड को खासा नुकसान पहुंचाया है। इसमें भी सबसे अधिक सड़कों को क्षति पहुंची है। अब तक अनुमान में सरकार को करीब एक हजार करोड़ से अधिक की चपत लग चुकी है। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि प्रदेश में हालात सामान्य करने में सरकार के सामने कितनी परेशानी आने वाली है। इस बार उत्तराखंड में मानसून भारी गुजर रहा है। अतिवृष्टि व भूस्खलन से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित होने के साथ जानमाल की व्यापक क्षति उठानी पड़ रही है। प्रारंभिक आकलन में 15 जून से अब तक आपदा से एक हजार करोड़ रुपये की क्षति का अनुमान है। इसमें भी मानसून ने सड़कों को सर्वाधिक जख्म दिए हैं। राज्य व राष्ट्रीय राजमार्गों समेत सभी तरह की सड़कों एवं पुलों को हुई क्षति 536 करोड़ रुपये आंकी गई है। इसके अलावा कृषि भूमि, पेयजल व विद्युत लाइनों, सिंचाई गूलों, भवनों आदि को भी नुकसान पहुंचा है। मानसून अभी सक्रिय है और क्षति का आकलन भी विभागवार चल रहा है। यद्यपि, क्षति की भरपाई के दृष्टिगत कदम उठाने को सरकार ने कसरत भी शुरू कर दी है।
अतिवृष्टि के कारण समूचा उत्तराखंड आपदा की स्थिति से जूझ रहा है। नदी-नालों का वेग भयभीत कर रहा है तो भूस्खलन, भूधंसाव के कारण सार्वजनिक व निजी संपत्ति को भारी नुकसान पहुंच रहा है। आपदा ने सर्वाधिक क्षति पहाड़ की जीवन रेखा कही जाने वाली सड़कों को पहुंचाई है। चारधाम को जोड़ने वाली आल वेदर रोड समेत अन्य राजमार्ग हों या फिर राज्य राजमार्ग, जिला व संपर्क और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) की सड़कें, सभी छलनी हुई हैं। ऐसे में पर्वतीय क्षेत्रों में हैं कठिनाइयां भी बढ़ गई हैं। ऐसी ही स्थिति अन्य विभागों के मामलों में भी है।
Diese Geschichte stammt aus der September 2023-Ausgabe von DASTAKTIMES.
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