सिंधु जल समझौते में संशोधन की मांग
DASTAKTIMES|February 2023
भारत ने पाकिस्तान को 90 दिनों में सरकारी स्तर पर बातचीत करने का मौका दिया है। चूंकि पाकिस्तान आदतन सिंधु जल समझौते के मुद्दे पर भारत से सीधी बात न करके बार-बार वर्ल्ड बैंक के पास पहुंच जाता है, इसलिए भारत ने पाकिस्तान को नोटिस के जरिए सिंधु जल संधि के उल्लंघन की प्रवृत्ति को सुधारने के लिए 90 दिनों में इंटर गवर्नमेंट नेगोशिएशन करने का मौका दिया है।
विवेक ओझा
सिंधु जल समझौते में संशोधन की मांग

र्ष 2016 में पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा जम्मू कश्मीर के उरी पर किए गए आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंधु जलसंधि और आतंकवाद के मुद्दे पर अपना रुख साफ कर दिया था कि भारत जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलेगा और कश्मीर में या तो पानी ही बहेगा या खून। इसका मतलब था कि मोदी सरकार ने साफ कर दिया था कि पाकिस्तान अगर भारत पर आतंकी हमले करने बंद नहीं करता तो झेलम, चिनाब, सिंधु का पानी उस तक नहीं पहुंचेगा, भारत कुछ ऐसी कार्यवाही करेगा।

अब हाल ही में भारत ने एक बड़ी कार्यवाही की दिशा में कदम बढ़ा ही दिया है। भारत ने हाल ही में तकरीबन 62 साल के इतिहास में पहली बार सिंधु जल समझौते में संशोधन की मांग कर दी है। भारत ने पाकिस्तान को सिंधु जल समझौते की शर्त बदलने का नोटिस दे दिया है। इस तरह मोदी सरकार ने फिर से सिंधु जल समझौते पर विचार करने के संकेत दे दिये हैं।

भारत ने पाकिस्तान को 90 दिनों में सरकारी स्तर पर बातचीत करने का मौका भी दिया है। चूंकि पाकिस्तान आदतन सिंधु जल समझौते के मुद्दे पर भारत से सीधी बात न करके बार-बार वर्ल्ड बैंक के पास पहुंच जाता है, इसलिए भारत ने पाकिस्तान को नोटिस के जरिए सिंधु जल संधि के उल्लंघन की प्रवृत्ति को सुधारने के लिए 90 दिनों में इंटर गवर्नमेंट नेगोशिएशन करने का मौका दिया है। अब देखना यह है कि क्या पाकिस्तान के नजरिए में कुछ भी बदलाव में आता है। सिंधु जल संधि को लेकर भारत का रुख साफ है। भारत का कहना है कि विश्व बैंक को अधिकार नहीं है कि वो सिंधु नदी जल बंटवारे के मुद्दे पर न्यूट्रल एक्सपर्ट अपॉइंट करे और कोर्ट ऑफ आरबिट्रेशन की प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय ले।

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