![अन्न बल से बड़ा इसकी निंदा न करें!](https://cdn.magzter.com/1427090692/1665207190/articles/Nv0OPUXYx1665485133692/1665485602556.jpg)
भारतीय दर्शन का उद्देश्य लोकमंगल है। कुछ विद्वान भारतीय चिंतन पर भाववादी होने का आरोप लगाते हैं। ये ऋग्वेद में वर्णित कृषि व्यवस्था पर ध्यान नहीं देते। अन्न का सम्मानजनक उल्लेख ऋग्वेद में है, अथर्ववेद में है। उपनिषद् दर्शन ग्रन्थ हैं। उपनिषदों में अन्न की महिमा है। तैत्तिरीय उपनिषद् में कहते हैं, 'अन्नं बहुकुर्वीत- खूब अन्न पैदा करो।' निर्देश है, 'अन्नं न निन्दियात-अन्न की निंदा न करें।' छान्दोग्य उपनिषद् में व्यथित नारद को सनत् कुमार ने बताया, 'वाणी नाम धारण करती है, वाणी नाम से बड़ी है, वाणी से मन बड़ा है। संकल्प मन से बड़ा है। चित्त संकल्प से बड़ा है। ध्यान चित्त से बड़ा है। ध्यान से विज्ञान बड़ा है। विज्ञान से बल बड़ा है, लेकिन अन्न बल से बड़ा है।' अन्न की महिमा बताते हैं, 'दस दिन भोजन न करें। जीवित भले ही रहे तो भी वह अद्रष्टा, अश्रोता, अबोद्धा अकर्ता अविज्ञाता हो जाता है। अन्न की प्राप्ति हो जाने पर वह द्रष्टा, श्रोता, बोद्धा कर्ता विज्ञाता हो जाता है। वाणी से लेकर अन्न महिमा तक सभी सूत्र इह लौकिक हैं।
संपूर्णता पूर्वजों की अनुभूति है लेकिन समझने के लिए विश्लेषण पद्धति का भी उपयोग है। नारद के अशांत होने के कारण हैं। संभवतः वे समग्रता में नहीं सोचते। सनत् कुमार उंगली पकड़कर उन्हें क्रमानुसार सीढ़ी पर चढ़ाते हैं। सीढ़ी चढ़ते समय हरेक अगले पायदान पर पिछड़ा पायदान छूटता जाता है। अगले क्षण पिछड़ा पैर छूटकर अगड़ा बन जाता है। बताते हैं, अन्न की अपेक्षा जल श्रेष्ठ है।
अच्छी वर्षा नहीं होती तो प्राण दुखी हो जाते हैं कि अन्न कम होगा। अंतरिक्ष, द्युलोक, पर्वत देव मनुष्य, पशु पक्षी, वनस्पति और सभी प्राणी मूर्तिमान जल हैं। यहां जल ही यत्र-तत्र सर्वत्र है। ऋग्वेद में जल को संसार की माताएं कहा गया है।
Diese Geschichte stammt aus der October 2022-Ausgabe von DASTAKTIMES.
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![आईपीएल से दूर रहकर उर्वशी ने किया मायूस](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/9400/1729608/FhWnKd3E51718179420979/1718179499660.jpg)
आईपीएल से दूर रहकर उर्वशी ने किया मायूस
उर्वशी रौतेला को निश्चित रूप से देश में सबसे अधिक पसंद की जाने वाली, सम्मानित और चहेती शख्सियतों में से एक माना जाता है। इस साल कान्स में उर्वशी रौतेला का जलवा बरकरार रहा।
![अपनी तमिल फिल्म के बारे में दिलचस्प अपडेट देगी सनी लियोनी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/9400/1729608/IfBxh99zS1718179378340/1718179421188.jpg)
अपनी तमिल फिल्म के बारे में दिलचस्प अपडेट देगी सनी लियोनी
सनी लियोनी अपनी आगामी फिल्म 'कोटेशन गैंग' पर एक रोमांचक अपडेट का अनावरण करने को तैयार हैं।
![अदा शर्मा ने रैंप पर शेयर किया ऊप्स मोमेंट](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/9400/1729608/zy_HiK5ui1718179279856/1718179358450.jpg)
अदा शर्मा ने रैंप पर शेयर किया ऊप्स मोमेंट
अदा शर्मा इस पीढ़ी की सबसे बहुमुखी अभिनेत्रियों में से एक हैं। उन्होंने द केरल स्टोरी के साथ अपने यथार्थवादी अभिनय कौशल को साबित किया और इसके बाद कॉमेडी सनफ्लावर सीज़न 2 के साथ आईं और अब वह बस्तर द नक्सल स्टोरी में एक शक्तिशाली प्रदर्शन के साथ आई हैं जिसके लिए उन्हें प्रशंसा मिल रही है।
![सुपर-8 में भारत की हो सकती है ऑस्ट्रेलिया से टक्कर](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/9400/1729608/VhO7kdkwV1718178968484/1718179270580.jpg)
सुपर-8 में भारत की हो सकती है ऑस्ट्रेलिया से टक्कर
टी20 वर्ल्डकप का आगाज हो चुका है। टूर्नामेंट में 28 दिन तक 55 मैच खेले जाएंगे। ग्रुप स्टेज में 2 से 18 जून तक 17 दिन में 40 मैच होंगे। सुपर-8 स्टेज में 19 से 25 जून तक 7 दिन में 12 मैच खेले जाएंगे। 27 जून को दोनों सेमीफाइनल, वहीं 29 जून को फाइनल होगा। टी-20 वर्ल्ड कप की होस्टिंग अमेरिका और वेस्टइंडीज को मिली है। अमेरिका के 3 वेन्यू पर कुल 16 मैच होंगे। न्यूयॉर्क में 8, वहीं डलास और फ्लोरिडा में 4-4 मैच खेले जाएंगे।
![जीवन में प्रसाद का अभाव और अवसाद का प्रभाव](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/9400/1729608/ZpiMKNGFK1718178717160/1718178967909.jpg)
जीवन में प्रसाद का अभाव और अवसाद का प्रभाव
जीवन में प्रसाद का अभाव है और अवसाद का प्रभाव। अवसाद वस्तुतः पराजित मानसिकता का परिणाम है। मित्रता सुख देती है। मित्र परस्पर सुख-दुख बांटते हैं लेकिन मित्रता भी स्वार्थ निरपेक्ष नहीं है। एकाकी होने में दुख है। एकाकी अनुभव होने में और ज्यादा दुख है। बृहदारण्यक उपनिषद में सृष्टि के विकास का सुन्दर वर्णन है। ऋषि कहते हैं, पहले वह अकेला था। अकेला होने के कारण उसे आनंद नहीं मिला।
![पिता एक रिश्ता है तो जिम्मेदारी का नाम भी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/9400/1729608/FFbMD3MGo1718178553276/1718178713311.jpg)
पिता एक रिश्ता है तो जिम्मेदारी का नाम भी
अंतर्राष्ट्रीय पिता दिवस (16 जून) पर विशेष
![बच्चों को गैजेट नहीं, टाइम दें!](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/9400/1729608/Jy9ZBtVyJ1718178352769/1718178552911.jpg)
बच्चों को गैजेट नहीं, टाइम दें!
आजकल कम उम्र में बच्चे आत्महत्या जैसा भयानक कदम उठाने से भी परहेज नहीं करते। इसकी बड़ी वजह है परिवार, संयुक्त परिवार की जगह एकांकी परिवार का बढ़ता चलन। बात यहीं तक सीमित नहीं है, समस्या यह भी है घर में रहते हुए भी लोगों का अधिकांश समय आपसी बातचीत से अधिक मोबाइल, टीवी में गुजरता है। इस वजह से आपस में सामाजिक दूरियां भी बढ़ रही हैं।
![एनडीए की जीत पर पाकिस्तान सदमे में!](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/9400/1729608/4M0i-Y7Jy1718178175821/1718178352837.jpg)
एनडीए की जीत पर पाकिस्तान सदमे में!
भारत में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा अकेले दम पर बहुमत आंकड़ा पार नहीं कर पाई तो सबसे ज्यादा खुश पाकिस्तानी नेता नजर आए। 2019 के मुकाबले भाजपा की सीटें घटने पर पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार में मंत्री रहे फवाद चौधरी ने खुशी जताई। फवाद ने कहा कि उनको उम्मीद थी कि भारत की जनता नरेंद्र मोदी और उनकी विचारधारा को खारिज करेगी।
![एनडीए ने 9, इंडिया ने 5 सीटों पर जमाया कब्जा](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/9400/1729608/4CiH6frOW1718178031417/1718178174824.jpg)
एनडीए ने 9, इंडिया ने 5 सीटों पर जमाया कब्जा
भाजपा को रांची, धनबाद, पलामू, कोडरमा, चतरा हजारीबाग, जमशेदपुर और गोड्डा सीट पर सफलता मिली तो आजसू एक बार फिर गिरिडीह सीट बचाने में सफल रहा। वहीं इस बार दुमका, राजमहल और सिंहभूम सीट झामुमो के खाते में गई तो वही लोहरदगा और खूंटी सीट कांग्रेस ने जीत ली। एनडीए और इंडिया के लिए प्रतिष्ठा बनी खूंटी और दुमका भी भाजपा ने गंवा दी। यहां से केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा और हाल ही में झामुमो छोड़कर भाजपा में शामिल हुईं सीता सोरेन दुमका सीट नहीं बचा सकी। दो बार चुनाव जीतने वाली लोहरदगा संसदीय सीट भी भाजपा ने गंवा दी।
![लालू की रणनीति से गठबंधन के सहयोगी भी चित](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/9400/1729608/xMJKqbohO1718177861973/1718178027460.jpg)
लालू की रणनीति से गठबंधन के सहयोगी भी चित
बिहार में पूरे लोकसभा चुनाव पर नजर डालें तो इंडिया गठबंधन जिस तरह के जीत के दावे कर रहा था, वैसी सफलता नहीं मिली। हालांकि, उसे नौ सीटों मिली जीत छोटी नहीं है, क्योंकि पिछली बार महज एक सीट पर जीत मिली थी। इस जीत में बड़ी भूमिका तेजस्वी यादव की रही। पिता लालू प्रसाद की पूरी रणनीति पर उन्होंने काम किया और पूरे चुनाव प्रचार में वे बड़े स्टार प्रचारक के रूप में रहे। चुनाव प्रचार के दौरान पूरे इंडिया गठबंधन में राजद को छोड़ अन्य किसी बड़े नेता ने चुनाव प्रचार को बहुत गंभीरता से नहीं लिया।