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कल्कि का चामत्कारिक मन्दिर
Jyotish Sagar
|July 2020
कलियुग के अन्तिम चरण में भगवान् विष्णु कल्कि भगवान् के रूप में अवतार लेंगे। यह उनका 24वाँ (अथवा 10वाँ) अवतार होगा। भगवान् राम 12 कलाओं के अवतार, भगवान् श्रीकृष्ण 16 कलाओं के अवतार हैं, तो भगवान् कल्कि 64 कलाओं के अवतार होंगे। इनका अवतरण उत्तरप्रदेश के मुरादाबाद जिले के संभल (28:35 उत्तर 78:37 दक्षिण) नामक स्थान पर विष्णुयश नामक तपस्वी ब्राह्मण के घर में होगा। वे देवदत्त नामक शीघ्रगामी घोड़े पर सवार होकर दुष्टों का तलवार से नाश करेंगे।
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पौराणिक मान्यता के अनुसार भगवान् कल्कि का अवतरण कलियुग के अन्तिम समय में होगा। उनके अवतरण से ही सतयुग का आरम्भ होगा। भगवान् कृष्ण के प्रस्थान से कलियुग का आरम्भ हुआ, तो नन्दवंश के राज से कलियुग में वृद्धि हुई, वहीं भगवान् कल्कि के अवतार से कलियुग का अन्त होगा। कलियुग की अवधि 4,32,000 वर्ष बताई गई है। वर्तमान में कलियुग के 5,121 वर्ष व्यतीत हुए हैं। ऐसी स
Bu hikaye Jyotish Sagar dergisinin July 2020 baskısından alınmıştır.
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