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'बैड मैन असल में एक गुड मैन है'
बैड मैन- गुलशन ग्रोवर की आत्मकथा
रहस्य और रोमांच से भरा उपन्यास
वेयरवोल्फ की कथाओं को हमने अभी तक सुना था। उन कहानियों को इस उपन्यास से फिर से जीवन्त कर दिया है
अमृता प्रीतम और साहिर
साहिर अमृता के जीवन में उस प्रेम की तरह आये जो अपनी अनुपस्थिति में भी हमेशा स्थायी तौर पर उपस्थित रहा-टीस से भरे एक ज़ख़्म की तरह, या उनके सपनों के हमसफ़र की तरह जिसकी स्मृतियाँ बहुत गहरी थीं और जिन स्मृतियों से लगातार खून रिसता रहता था।
स्वाँग यानी बर्बाद व्यवस्था का रंगमंच
उपन्यास में शुरुआत से चल रही ढेर सारी कथाओं को लेखक ने जिस तरह से आखिर में समेटा है वो सिर्फ ज्ञान चतुर्वेदी ही कर सकते हैं. यह सच है कि बुंदेलखंड ज्ञान चतुर्वेदी में बसता है और उनकी बुंदेली में ही बेजोड़ रंग जमता है.
एक नई रोशनी की तरह है 'कोरोनानामा' की कहानियाँ
यकीनन यह किताब एक खास उपहार है समाज के लिए जो बुजुर्गों के होने के मायनों को समझेगा
ह्यूमनकाइंड मानव-जाति का आशावादी इतिहास
'ह्यूमनकाइंड' हमें एक बेहतर समाज विकसित करने के लिए परस्पर सहयोग में विश्वास करने, दयालु होने और एक-दूसरे पर भरोसा करने के लिए दार्शनिक और ऐतिहासिक आधार उपलब्ध कराती है....
प्रसिद्ध उर्दू व्यंग्यकार के लेखों का संकलन
पुस्तक में पितरस बुख़ारी के 13 लेख शामिल हैं, जिन्हें पढ़ने से सामाजिक जीवन के कई पड़ावों की हकीकत से तो पाठक एकाकार होता ही है, साथ ही वह लेखक की व्यंग्यात्मक शैली से गदगद और हर्षोल्लास से सराबोर हो उठता है।
जब प्यार किसी से होता है
वह अहसास सचमुच अलग होता है। ऐसा अहसास जिससे दुनिया बदली-बदली सी लगती है और हर पल खुशियों भरा...
जीवन की जटिलताओं के बीच उम्मीद की हरियाली
कवि को जीवन का व्यापक अनुभव है और इसीलिए देश की सीमा पर ड्यूटी दे रहा जवान और उसका दर्द भी बार-बार उनकी कविता में झलकता है। इस संदर्भ में 'जवान' कविता की पंक्तियाँ दृष्टव्य है-"बर्फ बीच सुलगता/जो जल के पार भी आग उगलता/खेत की मेड़ों पर बिल बनाकर रक्षा करता" और "अंधकार में जागनेवाला/जीता प्राण को मुट्ठी में बाँध हरदम" वह जवान। यह इसलिए भी संभव है कि रविन्द्र कुमार जैसे नौजवान गाँव की पृष्ठभूमि से अनेक बाधाओं को पार करते हुए यहाँ तक पहुंचे हैं।
जब आप प्रेरित होते हैं तो आपको दिशा मिलती है
नौकरी छोड़ने के बाद व्यवसाय में नाकामी की ओर बढ़ते हुए वेक्स किंग का जब आत्मविश्वास खोने लगा तो उन्होंने चुनौतियों का सामना करने वाले लोगों की प्रेरणादायक कहानियाँ पढ़कर उसे दोबारा हासिल किया
हिन्दू धर्म के सवालों का प्यार और मान से भरा जवाब
हिन्दुओं को काल, देश, सीमा और पौराणिक पैमानों में विशुद्ध हिन्दू धर्म की तलाश करने की अवधारणा से ऊपर उठना होगा क्योंकि इस वजह से रूढ़िवादिता पैदा होती है
रिश्ते और फ़रेब का सफ़र
अखिलेख द्विवेदी ने यह बताने की कोशिश की है कि आजकल हम आभासी दुनिया के फेर में पड़कर अपनी निजि जिंदगी उनके हवाले कर रहे हैं और जो असली जिंदगी है उससे दूर होते जा रहे हैं। वो हमारी भावनाओं से खेल रहे हैं।
जेफ़ बेज़ोस और ऐमेज़ॉन का युग
एक छोटे स्टार्ट-अप से वेब की सबसे बड़ी रिटेलर बनने तक की आकर्षक यात्रा यह दिखलाती है कि अपने सपने को हकीकत में बदलने के लिए बेज़ोस के दृढ़ संकल्प ने आज हमारे जीवन जीने के तरीके को बदल दिया है
चाणक्य की नीति और रीति का रोमांच
त्रिलोकनाथ पांडेय का उपन्यास 'चाणक्य के जासूस' एक ऐसा उपन्यास है जिसमें हज़ारों साल पूर्व के इतिहास को रोचकता के साथ प्रस्तुत किया गया है। इसे जासूसी कला को समझने वाले जरूर पढ़ें या जिन्हें गुप्तचरी कला पसंद है।
कोरोना काल की 50 सच्ची घटनाएँ
मयंक पाण्डेय की यह किताब चर्चित किताबों में शामिल है। यह किताब लॉकडाउन के पलायन से लेकर प्रेरणादायक कहानियों को संजोए हए है
कल्कि, महामारी और इनसान को सबक
किताब 'इकोलॉजिकल बैलेंस' की बात करती है। कल्कि कहता है कि वह पृथ्वी पर संतुलन स्थापित करके रहेगा...
वाया फुरसतगंज- आधुनिक समाज और राजनीति का आईना
वाया फुरसतगंज की कहानी इलाहाबाद की है। इसलिए बात सीधे इलाहाबाद से ही शुरू करते हैं। लेकिन इस शहर के बारे में एक सीधी बात कहना ही शायद सबसे टेढ़ा काम है। इसलिए न चाहते हुए भी बात कहाँ से और कैसे शुरू की जाय, समझ में नहीं आता। अच्छा..! चलिए तनिक कोशिश करते हैं।
यशस्वी भारत - राष्ट्रीयता हो संवाद का आधार
जिस समाज में संवाद नहीं है, वह आदि समाज कैसे आगे बढ़ेगा। संवाद उत्पन्न होने के लिए गंतव्य की स्पष्टता चाहिए। मैं कौन हूँ, इसकी स्पष्टता चाहिए, मुझे कहाँ जाना है और मैं कौन हूँ, उसके संदर्भ में परिस्थितियों का कैसे हमें विचार करना है, इसकी स्पष्टता चाहिए।
प्यार, परिवार और मर्डर
आपको पता है, दुनिया में ऐसी कौन-सी इमोशन है, जिसको क़बूल करना सबसे मुश्किल होता है? वह है जलन। लेकिन मेरे लिए यह मुश्किल नहीं। ये सच है कि मुझे उससे जलन होती थी। बचपन से ही उसने जैसी जिंदगी जी, जैसा प्यार उसे फैमली और बाद में सौरभ से मिला, जितनी आसानी से उसके लिए सबकुछ हुआमुझे इससे जलन होती थी। उसके अंदर एक एनटाइटलमेंट था, जैसे कि यह सब उसी का हक़ था। मुझे इससे घिन आती थी। मैं भीतर ही भीतर घुटती रहती थी। लेकिन आज वो सब ख़त्म होने वाला था।
आरएसएस के सफ़र का एक ईमानदार दस्तावेज़
उस वक़्त मैं दिल्ली के राजेन्द्र प्रसाद मार्ग पर सांसद वाले बंगले में सुन्दर सिंह भंडारी के साथ बैठा चाय पी रहा था। खबरिया चैनलों पर ब्रेकिंग न्यूज़ चल रही थी, “सुन्दर सिंह भंडारी को राज्यपाल नियुक्त किया गया।” मैंने उनसे पूछा, “अब तो राजभवन जाने की तैयारी करनी पड़ेगी?”
ख़ानज़ादा मेवाती अस्मिता और शौर्य का दस्तावेजी प्रमाण
चौदहवीं सदी के मध्य में तुगलक, सादात, लोदी और मुगल राजवंशों द्वारा दिल्ली और उसके आसपास जो तबाही मचाई, मेवातियों ने उसका जिस शौर्य के साथ ऐसी ताकतों का मुकाबला किया और भारी संख्या में बलिदान दिए। उन्हें इतिहास में वह स्थान नहीं दिया गया, तो दिया जाना चाहिए था। बल्कि उसे भुलाने की कोशिश की गयी
यादों का एक खूबसूरत बस्ता
यादों का बस्ता बहुत यादों से भरा होता है। हर याद संजो कर नहीं रखी जा सकती, लेकिन कुछ ऐसी यादें होती हैं, जिन्हें भुलाये भुला नहीं जा सकता। अंजनी कुमार पाण्डेय ने संस्मरण लिखा है जिसमें उन्होंने खुद को, खुद से जुड़े लोगों को, इलाहाबाद के नुक्कड़-गलियों को, अपने संघर्ष को याद किया है। 'इलाहाबाद ब्लूज' एक ऐसी किताब है जिसमें अंजनी ने ईमानदारी से प्रतापगढ़ से, इलाहाबाद से, यूपीएससी के सफर को दर्ज किया है।
मोदी, भाजपा और जीत की रणनीति
23 मई 2019 को जब आम चुनावों के परिणाम घोषित किये गये तो नरेन्द्र मोदी और भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय लोकतान्त्रिक गठबंधन ने प्रचण्ड बहुमत के साथ सत्ता में पुनर्वापसी की थी। कुछ लोगों के लिए ये आश्चर्यचकित करने वाले परिणाम थे, जबकि कुछ लोगों की दृष्टि में भाजपा की यह जीत सरकार और उनकी नीतियों पर आम जनता की आस्था की मुहर का प्रतीक थी।
कोई निंदौ कोई बिंदौ
मीरां के जीवन और समाज पर एकाग्र पुस्तक पचरंग चोला पहर सखी री 2015 में आयी और अब 2020 में इसका प्रदीप त्रिखा द्वारा अनूदित अंग्रेजी संस्करण मीरां वर्सेस मीरां प्रकाशित हुआ है।
बोसकीयाना और गुलज़ार
मशहूर शायर और फिल्मकार गुलज़ार का घर। बेटी बोसकी के नाम पर अपना पाए 'बोसकीयाना' का मतलब गुलज़ार के अनगिनत चाहनेवालों के लिए उस मरकज़ की तरह है जिसकी ऊष्मा से वे हर पल अपने-आपको और अमीर बनाते रहते हैं। ये सब जिस शख्स से है, उसका अपना फ़लसफ़ा क्या है? उनसे ये बातें यहीं हुई हैं और जो बातें अगर यहाँ-वहाँ हुई हैं तो उनकी तस्दीक भी यहीं-कहीं हुई है।
सफलता पाने के आसान तरीके
जब आप टॉप करनेवाले मार्ग पर चल पड़ते हैं तो हमेशा के लिए आप इसी रास्ते को पसंद करेंगे.यह आपके आदत में आ जाएगा, फिर आपको यही रास्ता सबसे सरल दिखाई पड़ेगा, हो सकता है दूसरों को यह रास्ता बड़ा मुश्किल जान पड़े.
चुनौतियों के लिए तैयार रहना जरूरी है
बिज़नेस स्कूल उत्तीर्ण करने के बाद फ़िल नाइट ने अपने पिता से पचास डॉलर उधार लिए और एक साधारण उद्देश्य के साथ एक कंपनी की शुरुआत की. जापान से उच्च गुणवत्ता वाले, कम कीमत के रनिंग शूज़ आयात किये. नाइट ने अपने व्यापार के पहले वर्ष यानी 1963 में जूते बेचकर 8000 डॉलर कमाए. आज नाइकी की वार्षिक बिक्री 30 बिलियन डॉलर से अधिक है और उसकी पहचान उसके लोगो से कहीं बढ़कर है. लेकिन इस महान उपलब्धि से हटकर नाइट हमेशा एक रहस्य बने रहे.
दस क्लासिक्स - फिल्मों की निर्माण यात्रा की रोचक दास्तान
दस क्लासिक्स में उन प्रसंगों का विस्तार से वर्णन किया गया है जो दस महान हिंदी फ़िल्मों को बनाने के दौरान सामने आए। इस पुस्तक में उल्लेखित फ़िल्मों को भारतीय सिनेमा के इतिहास में मील का पत्थर माना जाता है
कैसे गुम हो गया भारतीय जंगलों का शहज़ादा कहलाने वाला चीता?
कबीर संजय की पुस्तक 'चीता' बेहद ख़ास दस्तावेज है। यह उन किताबों में शामिल की जा सकती है जिसे आप संजो कर रख सकते हैं। अपने बच्चों को पढ़कर सुना सकते हैं। उन्हें प्रकृति और जीवों से लगाव के लिए प्रेरित कर सकते हैं
रामविलास पासवान: संकल्प, साहस और संघर्ष
राम विलास पासवान की राजनीतिक यात्रा पर हिंदी में पहली बार विस्तार से लिखा गया है। वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप श्रीवास्तव ने पासवान पर गहन शोध और अध्ययन के बाद उनकी जीवनी 'रामविलास पासवान : संकल्प, साहस और संघर्ष' लिखी है। पुस्तक को पेंगुइन बुक्स ने प्रकाशित किया है।