800 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित हुए इस कॉरिडोर ने 12वीं सदी में बने इस मन्दिर की भव्यता को और भी बढ़ा दिया है। साथ ही, दर्शन करना अब अधिक सुविधाजनक हो गया है। तीर्थयात्रियों एवं दर्शनार्थियों के लिए अनेक सुविधाओं के साथ बने इस कॉरिडोर में मूल मन्दिर से किसी भी प्रकार की छेड़खानी नहीं की गई है। यह इस परियोजना की मुख्य विशेषता है।
इस परियोजना में मन्दिर की बाहरी दीवार (मेघनाथ पचेरी) के चारों ओर 75 मीटर चौड़ा एक कॉरिडोर बनाया गया है। मन्दिर के चारों ओर 2 कि.मी. क्षेत्र में श्री मन्दिर परिक्रमा पथ का निर्माण किया गया है।
19 अक्टूबर, 2019 को ओडीशा सरकार ने पुरी शहर को विश्वस्तरीय हैरिटेज सिटी के रूप में विकसित करने के लिए 3,200 करोड़ रुपए वाली 22 परियोजनाओं को पुरी में बुनियादी सुविधाओं के विस्तार एवं हैरिटेज और आर्किटेक्चर के विकास (ABADHA) नामक महापरियोजना के अन्तर्गत स्वीकृति प्रदान की गई। उसी परियोजना के एक भाग के रूप में श्री जगन्नाथ हैरिटेज कॉरिडोर का विकास किया गया है। इस परियोजना के लिए 15.65 एकड़ जमीन अधिगृहीत की गई तथा प्रभावित व्यक्तियों, मठादि को मुआवजा एवं पुनर्वास की व्यवस्था की गई।
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अजमेर की भगवान् नृसिंह प्रतिमाएँ
विधानानुसार नृसिंहावतार मानव एवं पशु रूप धारण किए, शीश पर मुकुट, बड़े नाखून, अपनी जानू पर स्नेह के साथ प्रह्लाद को बिठाए हुए है। बालक प्रह्लाद आँखें मूँदे, करबद्ध विनम्र भाव से स्तुति करते प्रतीत हो रहे हैं।
सूर्य नमस्कार से आरोग्य लाभ
सूर्य नमस्कार की विशेष बात यह है कि इसका प्रत्येक अगले आसन के लिए प्रेरित करता है। इस क्रम में लगातार 12 आसन होते हैं। इन आसनों में श्वास को पूरी तरह भीतर लेने और बाहर निकालने पर बल दिया जाता है।
जब नारद जी ने दिया श्रीहरि को शाप!
जिस रास्ते से नारद जी जा रहे थे, उसी रास्ते पर श्रीहरि ने सौ योजन का एक मायावी नगर रचा। उस नगर की रचना भगवान् विष्णु के नगर वैकुण्ठ से भी ज्यादा सुन्दर थी।
घर की सीढ़ियों की दशा और दिशा आदि का विचार
दक्षिण-पश्चिम अथवा नैर्ऋत्य कोण सीढ़ियों के लिए शुभ माना जाता है, वहीं उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) में सीढ़ियाँ निर्मित नहीं करनी चाहिए।
भक्ति, वात्सल्य एवं शृंगार के परिचायक महाकवि सूरदास
पुष्टिमार्गीय भक्ति के दार्शनिक स्वरूप को सूरदास जी ने भली-भाँति समझा था तथा समझकर काव्य की भाव भूमि पर उसे प्रेषणीय बनाने के लिए वात्सल्य रस का अवलम्बन लिया।
क्रान्तिवीर विनायक दामोदर सावरकर!
सावरकर जेल से छूटकर जब वापस भारत आए, तो देश की आजादी का आन्दोलन जोर पकड़ रहा था। अब उन्होंने हिन्दू राष्ट्रवाद का समर्थन किया। जब देश के विभाजन का प्रस्ताव आया, तो सावरकर ने इसका विरोध किया पर तत्कालीन परिस्थितियों के कारण अन्ततोगत्वा देश का विभाजन हुआ।
पीपल को क्यों नहीं काटना चाहिए?
श्री मद्भगवद्गीता में भगवान् श्रीकृष्ण ने बताया है कि, पीपल उन्हीं का एक रूप है। इसी कारण पीपल की पूजा करने पर भगवान् श्रीकृष्ण प्रसन्न होते हैं और हमारे दःखों को दूर करते हैं।
मृत्यु से परे की सत्यता!
उसने मेरे पैरों पर मकड़े से चलाए और मेरे दोनों पैर स्थिर कर दिए। जब मैंने क्षमा माँगी, तो वह मेरे सामने आ गया।
कैसा रहेगा भारत के लिए वृषभ का गुरु?
संसद एवं विधानसभाओं पर कार्यपालिका की प्रधानता तो रहेगी, परन्तु विपक्ष की बली स्थिति और उसकी सक्रियता के चलते सत्ता पक्ष पर अंकुश भी रहेगा, जिससे संसदीय लोकतन्त्र की शक्ति का अहसास भी होगा।
आम चुनाव, 2024 के सन्दर्भ में नरेन्द्र मोदी और राहुल के सितारे!
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए आम चुनाव, 2024 की दृष्टि से वर्तमान समय बहुत प्रतिकूल नहीं है। हालाँकि राहु की अन्तर्दशा में सूर्य की प्रत्यन्तर्दशा और बाद में आ रही चन्द्रमा की प्रत्यन्तर्दशा नैसर्गिक रूप से अच्छी नहीं मानी जाती।