भारतीय संस्कृति में वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना अनूठी है। हमारी संस्कृति में केवल अपने घर-परिवार के ही नहीं, वरन् सम्पूर्ण दुनिया के नागरिकों को एक परिवार के रूप में सम्मान देने की बात कही गई है। भारतीय संस्कृति में अपने पूर्वजों एवं पितरों के सम्मान के लिए नैतिक कर्त्तव्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला गया है। भाद्रपद मास पूर्णिमा से पितृपक्ष शुरू हो जाता है।
ऐसी मान्यता है कि पुरखों को जब उनका वंशज श्राद्धकर्म करके जलांजलि देकर उनकी आत्मा को तृप्ति प्रदान करता है, तो दिवंगत हो चुके उसके परिवार के सदस्यों के पुरखे उसे स्वर्ग से ही आशीर्वाद देते हैं। इसके बाद मृत्यु वाली तिथि को परिवार के सदस्य हवन-पूजन के साथ श्राद्धकर्म करके उनकी आत्मा की शान्ति के लिए प्रार्थना करते हैं। पितृपक्ष पर एक पखवाड़ा तक लोग प्रतिदिन अपने पितरों का तर्पण करते हैं। पितृपक्ष के अन्तिम दिन उन पितरों का तर्पण किया जाता है। ऐसे पितरों की मृत्यु की तिथि ज्ञात नहीं होती। इस अवसर पर हमें देश के उन सपूतों का तर्पण करना चाहिए, जिन्होंने आजादी की लड़ाई में अपना जीवन बलिदान कर दिया, जिनका इतिहास में भी नाम दर्ज नहीं है। ऐसे ज्ञात-अज्ञात देश के शहीदों को भी तर्पण करना हमारा नैतिक कर्त्तव्य है, और श्राद्ध करना भी हमारा धर्म है।
This story is from the September 2023 edition of Jyotish Sagar.
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शराब की लत छुड़ाने के सरल उपाय!
नशा एक बहुत ही नकारात्मक और परिवारों को नष्ट करने वाला होता है और इसी नशे की लत के चलते जातक अपने घर, कॅरिअर आदि सब-कुछ बर्बाद कर देता है।
वास्तु शास्त्र से जानें कौनसे पेड़ लगाने चाहिए और कौनसे नहीं?
घर के समीप अशुभ वृक्ष लगे हों और उनको किसी कारण से नहीं काट सकते हों, तो अशुभ वृक्ष और घर के बीच में शुभ फल वाले वृक्ष लगा देने चाहिए।
अहिंसा के प्रवर्तक भगवान् महावीर
जैन धर्म की चार संज्ञाओं का बहुत महत्त्व है। प्रथम संज्ञा है 'जिनेन्द्र' अर्थात् जिन्होंने इन्द्रियों को जीतकर अपने वश में कर लिया है। दूसरी ‘अरिहंत’ अर्थात् जिन्होंने केवल ज्ञान प्राप्त किया है। तीसरी संज्ञा 'तीर्थंकर' है।
ज्योतिष और वैवाहिक सुख
जन्मपत्रिका में शुक्र ग्रह हमारे मानव जीवन में अहम स्थान रखते हैं। यह समस्त प्रकार के भौतिक सुख-सुविधाओं का कारक शुक्र ही है।
वक्री ग्रहों की आध्यात्मिक विवेचना
अपनी जन्मपत्रिका में वक्री ग्रह को पहचानकर कोई भी व्यक्ति उस वक्री ग्रह द्वारा परोक्ष रूप से दी जाने वाली सीख को आत्मसात करके अपने जीवन को सरल बना सकता है।
नववर्ष का अभिनन्दन
भारत के विभिन्न हिस्सों में नववर्ष अलग-अलग तिथियों को मनाया जाता है। प्रायः ये तिथियाँ मार्च और अप्रैल के माह में आती हैं। पंजाब में नया साल बैसाखी के नाम से 13 अप्रैल को मनाया जाता है।
सर्वसिद्धि-फल प्रदाता पाँच यज्ञ
पाँच यज्ञ जातक प्रतिदिन कर ले, तो उसके सारे रोग, सन्ताप एवं बुरे कर्म ऐसे नष्ट होने लगते हैं, जैसे अग्नि लकड़ी को जलाकर राख कर देते हैं।
नारी को शक्ति मानकर पूजना मात्र पर्याप्त नहीं...
स्त्री यदि वास्तव में दुर्गा एवं शक्ति का अवतार है, तो यह सम्मान उसे प्रत्येक स्तर पर मिलना ही चाहिए। चाहे वह धार्मिक क्षेत्र हो, राजनीति क्षेत्र हो, आर्थिक क्षेत्र हो या शिक्षा हो।
शक्ति की आराधना का पर्व है नवरात्र
रात्रि रूपा यतो देवी दिवा रूपो महेश्वरः रात्रि व्रतमिदं देवी सर्वपाप प्रणाशनम्
ऊर्जा प्रदायिनी आद्याशक्ति
नवरात्र का पर्व व्यक्ति के भीतर स्थित आसुरी शक्ति (काम, क्रोध, असत्य, अहंकार आदि) को नष्ट कर दैवीय सम्पदा के तत्त्वों का प्रार्दुभाव करता है।