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भ्रष्टाचार पर पुष्कर सिंह धामी का बड़ा प्रहार
DASTAKTIMES
|May 2023
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इसके लिए विशेष रूप से बधाई के पात्र हैं कि उन्होंने पहले दिन से ही सिस्टम को कसने का काम शुरू किया। अधिकतर भ्रष्ट तत्व यह मान कर बैठे थे कि अब सत्ता में परिवर्तन अवश्यमभावी है और पुष्कर सिंह धामी राजनीति के कच्चे खिलाड़ी हैं। यह बात किसी से नहीं छिपी है कि लोगों ने पर्दे के पीछे से सीएम पुष्कर सिंह धामी को हराने में तमाम संसाधन लगाए। इस कोटरी का केवल एक ही उद्देश्य था पुष्कर सिंह धामी की हार और सत्ता परिवर्तन । लेकिन धामी तो आखिर धामी हैं । उनको हल्के में लेने वाले ये तत्व धामी की राजनीतिक परिपक्वता को भांप ही नहीं पाए।

राज्य बनने के साथ ही भ्रष्टाचार की जड़ें यहां पनप चुकी थीं। उत्तराखंड बनने के बाद जब पहली बार राज्य में दारोगा भर्ती हुई थी तो उसमें तत्कालीन वरिष्ठ आईपीएस के ही गांव के टॉप 16 अभ्यर्थी मेरिट लिस्ट में आ गए। बाद में इस मामले की जांच हुई तो फिर उस आईपीएस को प्रमोशन नहीं दिया और डीजीपी बनने से रह गए। इसके अलावा वर्ष 2003 में पटवारी भर्ती हुई थी, जिसमें एक आईएएस समेत कई अधिकारियों के नाम आए। इसके बाद भी भ्रष्टाचार को लेकर तमाम सरकारों ने दावे तो किए लेकिन लगातार एक के बाद एक सरकारें आई और गई, लेकिन यह क्रम नहीं थमा। हालांकि अब राज्य में जबसे पुष्कर सिंह धामी ने दोबारा मुख्यमंत्री पद संभाला तो भ्रष्टाचार को लेकर उनका रुख स्पष्ट है। उन्होंने लगातार कहा कि भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस की नीति अपनायी जाएगी। इस दिशा में उन्होंने पिछले दिनों एक और कदम उठाया है। सरकार ने अब निर्णय लिया है कि सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए विभागों की कार्यशैली को पारदर्शी बनाया जाए। सरकार ने तय किया है कि तमाम सरकारी कार्यालयों में सीसीटीवी कैमरे लगवाए जाएंगे और जिस भी कार्मिक के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत आती है तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही आमजन को सुविधाएं देने के लिए सरकार की ओर से यह भी निर्णय लिया गया है कि सेवा के अधिकार के अंतर्गत दी जाने वाली जितनी भी सेवाएं हैं, उन्हें आनलाइन किया जाए। साथ ही यह सुनिश्चित हो कि प्रत्येक सेवा के लिए तय समयावधि का अनिवार्य रूप से अनुपालन हो।
Dit verhaal komt uit de May 2023-editie van DASTAKTIMES.
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