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हम इंस्टा फेसबुक वासी हैं
Sarita
|May Second 2025
सोशल मीडिया भी गजब पाठशाला है चाहे जिसे पलभर में बदल देता है. कोई मीर है तो कोई गालिब कोई परसाई तो कोई प्रेमचंद. पर असल में कौन क्या है कोई नहीं जानता.
हम लोग अपने घर, दुकान, बाजार, स्कूल या औफिस में मिलें न मिलें, लेकिन इंस्टाग्राम व फेसबुक पर हरेक आधे घंटे पर मिल ही जाते हैं. जब हम अपना बहुमूल्य समय मेटा को समर्पित कर रहे हैं तो जाहिर है इंस्टा भी हमेशा हर मेटावासी के फेस पर स्माइल बुक करने की जुगत में लगा ही रहता है. विभिन्न रूपों में इंस्टा की बहुआयामी उपयोगिता और फेसबुकवासियों की आस्था के संदर्भ में ही आज चर्चा और चिंतन करने वाले हैं.
खुशफहमी :
इंस्टाग्राम व फेसबुक सांता क्लौज की तरह खुशियां बांटने का काम करता है. इंस्टा पर 60 साल का बूढ़ा भी 25 साल की उम्र वाला प्रोफाइल बना कर तथा कम उम्र की महिला मित्र बना कर फिर से अपनी जवानी जी लेता है. घरघर पानी सप्लाई करने वाला लड़का भी अपने प्रोफाइल में खुद को किसी कंपनी का मैनेजिंग डायरेक्टर घोषित कर देता है. सब से बड़ी बात, इंस्टा व एफबी की वजह से व्यक्ति साल में 2 बार जन्मदिन भी मना लेता है. एक तो वास्तविक जन्मदिन, दूसरा इंस्टा बर्थडे. मजे की बात यह है कि इंस्टा बर्थडे पर बिना ट्रीट/पार्टी दिए झोलाभर बधाई संदेश हासिल हो जाते हैं.
ईगो डेवलपर के रूप में :बंदा भले ही वास्तविक जीवन में दब्बू/मुंहधप्पा क्यों न हो, लेकिन फेसबुक व इंस्टा पर पूरे टशन में रहता है. हर पोस्ट पर बंदे का एटीट्यूड कूटकूट कर भरा रहता है. महल्लेभर का ताना बटोरने वाले निठल्ले, आवारागर्दी युवक के मनोबल को इंस्टा हाई बनाए रखता है. पौकेट मनी के नाम पर पिता से घुड़कियां अर्जित करने वाला बंदा भी हनी सिंह स्टाइल में पोज देते हुए सोशल मीडिया पर युवा खूब चटखारे लेते हैं. यहां टांगखिंचाई से ले कर ट्रोलिंग तक खूब होती है लेकिन यह भ्रम न पालें कि हंसीमजाक ही चलता है, कभीकभी रोना भी पड़ जाता है.
Denne historien er fra May Second 2025-utgaven av Sarita.
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