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Sarita

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November Second 2025

पति का प्रेम भी बड़ा अनोखा होता है, जब तक पत्नी उस की सेवा करे तब तक संस्कारी. वहीं अगर पत्नी अपने लिए थोड़ा जी तो तोबातोबा. नीरजा को लग रहा था जैसे जीजाजी ने सुमिता जीजी पर अपना कॉपीराइट लगा दिया है.

- निर्मला दोसी

फोन

रजा जल्दीजल्दी तैयार हो रही थी कालेज के लिए. सुबह का समय तो ऐसे भागता है जैसे मैराथन रेस चल रही हो. इसी बीच फोन की घंटी, नहीं, नहीं ले सकती अभी फोन. मगर देखा तो नया नंबर था, उसे लेना जरूरी था.

"हैलो भाभी," सुमिता जीजी की आवाज थी.

2 दिन से लगातार उन का फोन नो रिप्लाई आ रहा था. चिंता थी मन में, सब ठीक तो है न, जीजाजी बीमार चल रहे हैं और घर में ही हैं साल भर से. ऐसे में फोन का जवाब न मिले तो चिंता होना स्वाभाविक है. काम करतेकरते ही इयरप्लक कान में लगाया और बोली, "सब ठीक है न, जीजी ?"

"भाभी, कुछ भी ठीक नहीं है," और रोने लगी.

"अरे हुआ क्या जीजी, अच्छा पहले यह बताओ कि सब का स्वास्थ्य तो ठीक है?"

"हां, वह तो ठीक है. मैं अभी दवा लेने बाहर आई तो आप से बात कर रही हूं. यह बताना जरूरी था आप को कि वहां से कोई मुझे फोन मत करना. जब मौका लगेगा, मैं खुद ही करूंगी. आप यह बात भैया को भी बता देना."

नीरजा कुछ पूछती, उस से पहले ही लाइन काट दी उन्होंने. खटका सा हुआ पर आगे की बात अभी नहीं हो सकती थी. इसी नंबर पर मैं वापस फोन कर लेती लेकिन बाहर के शोर में सुमिता जीजी की आवाज सुनाई नहीं दे रही थी.

शाम को वरुण को बताया तो वे बोले कि 2 दिन पहले मेरे पास जीजू का फोन आया था. शिकायतों का पिटारा खोल दिया था उन्होंने. मैं ने कहा भी कि आप की बीमारी अब कुछ सुधार पर आई है, ऐसे में क्यों तनाव लेते हैं, फिर कभी बात करेंगे लेकिन वे उलटे मुझ पर ही आगबबूला हो गए और बोले, 'आप और भाभी बड़े हैं, उसे कुछ समझाने की जगह मुझे ही कहने से रोक रहे हैं.'

अब क्या बताएं यार, कोई समझाने जैसी बात तो हो. फालतू में तिल का ताड़ बनाने की पुरानी आदत है उन की. शादी के 40 वर्षों के बाद भी ससुराल वालों से पत्नी की शिकायत करते हैं.

उसे सुधारने की सलाह हम से दिलवाने का यह मामला नया नहीं था. हम देररात तक इस विषय पर बात करते रहे. कल छुट्टी थी.

सुबह बिस्तर छोड़ने का मन नहीं था पर घर के सैकड़ों अधूरे काम निबटाने थे, लिहाजा, नींद का मोह छोड़ उठना जरूरी था. वरुण सुबह की सैर कर के और घर का सामान ले कर आए तब तक मैं खासे काम निबटा चुकी थी और इस का संतोष था कि अब इत्मीनान से चायनाश्ता किया जा सकता है. वरुण की पसंद के ओट्स के पेनकेक बनाए और चाय कपों में छानी.

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