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गोल्ड लोन बाजार में नएनए खिलाड़ी
Sarita
|May Second 2025
भारत में सोना गिरवी रख कर उधार देने वाले साहूकारों, ज्वैलर्स और व्यापारियों के पास इस बाजार की लगभग 65 फीसदी हिस्सेदारी है. जबकि बाकी 35 फीसदी हिस्सेदारी बैंकों और गैरबैंकिंग वित्तीय कंपनियों के बीच है. अपना बिजनैस चलाने के लिए ये सभी महिलाओं के गहनों पर नजर गड़ाते हैं जिन के लिए उन की संपत्ति व सम्मान उन का अपना सोना है
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सोना हमेशा से भारतीय परिवारों के लिए एक भरोसेमंद संपत्ति रही है. भारतीय महिलाओं के लिए तो यह उन की एकमात्र पूंजी होती है. वे उन जेवरों को पीढ़ीदरपीढ़ी सहेजती हैं जो उन के परिवार की निशानी ही नहीं बल्कि जिन से उन का भावनात्मक रिश्ता भी होता है. कोई भी महिला अपने जेवरों को खुद से अलग नहीं करना चाहती. एक अनुमान के अनुसार भारत के घरों में 25 हजार से 30 हजार टन सोना मौजूद है, जिस की अनुमानित कीमत 125 लाख करोड़ रुपए से अधिक है. महिलाओं के इस सोने पर सरकार की ही नहीं बल्कि बैंकों व तमाम छोटीबड़ी सरकारी गैरसरकारी वित्तीय संस्थानों की भी गिद्ध नजरें जमी हैं.
वे किसी भी तरह देश की औरतों की अलमारियों, संदूकों और तिजोरियों से उन के बेशकीमती जेवर निकलवाना चाहती हैं, क्योंकि जिस तरह हर दिन सोने के दाम बढ़ रहे हैं, व्यवसायियों को इस में बहुत बड़ा बाजार और बहुत बड़ा मुनाफा नजर आ रहा है.
एक रिपोर्ट के अनुसार, गोल्ड लोन बाजार का आकार कोई 18 लाख करोड़ रुपए का है, जिस की 15-20 फीसदी वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ने की उम्मीद है. इसीलिए आजकल गोल्ड लोन को तत्काल ऋण के लिए सब से अच्छे विकल्प के तौर पर विभिन्न माध्यमों से प्रचारित किया जा रहा है.
महिलाओं को यह समझाने की कोशिश हो रही है कि आप के जेवर तो आप की अलमारी में रखेरखे सड़ रहे हैं, सो क्यों नहीं आप उन को गिरवी रख कर अपनी सुखसुविधा के साधन जुटाती हैं. यह समझाने की कोशिश हो रही है कि गिरवी रखने से आप का सोना सुरक्षित है और आप को उस पर लिए लोन से मनपसंद सामान खरीदने का मौका भी मिल रहा है.
सोना गिरवी रखने वाली वित्तीय संस्थाएं यह नहीं बतातीं कि किस्त अदा करने में जरा सी चूक हो जाने पर वे अपना सारा सोना गंवा बैठेंगी.
इस विषय पर पिछले अंक में काफी चर्चा हो चुकी है कि महिलाओं को अपने जेवर गिरवी रखने पर क्याक्या नुकसान उठाने पड़ सकते हैं. हैरानी की बात है कि सरकार और वित्तीय संस्थाओं (बैंक और गैरबैंकिंग वित्तीय संस्थाएं) की नजरें इस वक्त सिर्फ हिंदुस्तान की महिलाओं के विज्ञापनों में गोल्ड लोन को एक आसान और आकर्षक विकल्प के रूप में पेश किया जा रहा है, जबकि इस प्रक्रिया के कई जोखिमों को छिपाया जाता है.
Denne historien er fra May Second 2025-utgaven av Sarita.
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