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आज का स्त्री विमर्श बंदर के हाथ में उस्तरा

DASTAKTIMES

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January 2025

चर्चित स्त्रीवादी लेखिका गीताश्री ने अपने लेख की शुरुआत में आलोचक व लेखक अखिलेश श्रीवास्तव 'चमन' का नाम लिए बगैर उनकी एक टिप्पणी के आधार पर उनके मर्दवादी नज़रिए पर लानत - मलानत भेजी। एक लेखक की टिप्पणी पर एक नामचीन लेखिका इतनी भड़क जाएं कि अपनी बात शुरू करने के लिए उन्हें संदर्भित करना पड़े तो जाहिर है लेखक की टिप्पणी बेमानी नहीं रही होगी । उसने कोई ऐसी रग छुई है जहां किसी कोने में दर्द छुपा है। बीते 20 साल के स्त्री विमर्श लेखन का एक समानांतर पक्ष जानने के लिए 'दस्तक टाइम्स' ने चमनजी से आग्रह किया कि जो 'सदविचार' उन्होंने किसी साहित्यिक जलसे में दिया था, उसे वह हमारे मंच पर विस्तार दें ताकि मौजूदा दौर के स्त्री विमर्श की एक सटीक तस्वीर पाठकों के सामने आए। तो मुलाहिजा फरमाइये मि. चमन का यह आलेख |

- मि. चमन

आज का स्त्री विमर्श बंदर के हाथ में उस्तरा

आजकल की बेजा महत्वाकांक्षी लेखिकाओं का स्त्री विमर्श यानी बंदर के हाथ में उस्तरा । बेजा महत्वाकांक्षी लेखिकाओं से मेरा आशय उन स्वयंभू लेखिकाओं से है जो अपने डैनों की औकात से बहुत ऊंची उड़ान भरने के दुस्साहस की शिकार हैं। स्त्री विमर्श को ये लेखिकाएं एक औजार या कह सकते हैं कि एक सीढ़ी के रूप में इस्तेमाल कर रही हैं। इस बात की उन्हें कतई चिंता नहीं है कि उनके इस कृत्य से कितनी विकृति, विघटन या अराजकता उत्पन्न हो रही है। इन दिनों विभिन्न समाचार पत्रों और चैनलों की सुर्खियों में रहीं ए.आई. इंजिनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या को भी आधुनिक स्त्री विमर्श के बाई प्रोडक्ट के रूप में देखा जाना चाहिए। इस प्रकार के हजारों अतुल सुभाष हैं जो स्त्री प्रताड़ना के शिकार होकर आए दिन आत्महत्या कर रहे हैं या फिर मृत्यु से भी बदतर स्थिति में घुट-घुट कर जीने के लिए अभिशप्त हैं। लेकिन उनकी यातना का विमर्श किसी भी प्लेटफॉर्म पर नहीं होता है। मेरे इस कथन पर स्त्री विमर्श की झंडाबरदार आपत्ति कर सकती हैं कि मैंने एक पत्नी प्रताड़ित अतुल सुभाष की आत्महत्या का तो उल्लेख कर दिया लेकिन पति प्रताड़ित स्त्रियों की आत्महत्याओं के बारे में क्या कहना है ? इस आपत्ति का जवाब भारत सरकार की एक संस्था के सर्वेक्षण से प्राप्त आंकड़ों से मिल जाएगा। ध्यान रहे कि ये आंकड़े सिर्फ शादीशुदा स्त्री, पुरुषों के हैं । इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि आत्महंता शादीशुदा पुरुषों की संख्या महिलाओं के मुकाबले लगभग तीन गुनी है।

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