Prøve GULL - Gratis
मंत्र शक्ति का वैज्ञानिक रहस्य
Sadhana Path
|April 2025
मंत्रों का जाप करने से भटका मन एकाग्र तो होता ही है साथ ही साथ शरीर को एक दिव्य ऊर्जा भी प्राप्त होती है। मंत्र शक्ति के इस रहस्य को आइए जानते हैं लेख से।
आप अपने आस-पास नित्य प्रति देखते हैं किसी की झोली में फूल भरे हुए हैं, किसी की झोली में कांटे ही कांटे हैं। एक व्यक्ति को मखमल के बिस्तर पर नींद नहीं आती, एक कांटों की सेज पर चैन की नींद सो रहा है। किसी को जहरीले सर्प ने काट लिया फिर भी जीवित बच गया, किसी का एक छोटी-सी चींटी ने नाम निशान मिटा दिया। कोई समुन्द्र के किनारे खड़ा होकर भी प्यासा है, कोई एक बूंद से अपने मन को तृप्त कर लेता है, कोई जीवन भर पूजा-पाठ करके भी ज्ञान की प्राप्ति नहीं कर पाता तो किसी को मिट्टी से मोती, पत्थर से परमात्मा मिल जाता है।
इसका एक ही कारण है कि पहले भाग्य बनता है फिर शरीर मिलता है, मानव को इस जन्म में अपने पूर्वजन्म के कर्मों अनुसार ही जाति, कुल, विध, पद, धन, सुख-दुख, लाभ-हानि, जय-पराजय, यश-अपयश आदि प्राप्त होते हैं। पूर्व जन्म में हमने जैसे कर्म किए हैं इस जन्म में हमें वैसे ही फल की प्राप्ति होगी। तभी तो कहा है कि 'समय से पहले भाग्य से अधिक कुछ नहीं मिलता'।
आप भी अपनी झोली फूलों से भरना चाहते हैं तो चिंता मत कीजिए चिंतन कीजिए, असंभव शब्द मूर्खों के शब्द-कोश में होता है। मंत्र का जप भाग्य के लिखें हुए को मेटनें में सक्षम है, जगह जब गन्दी हो जाती है तो साफ हो सकती है।
मन मोहन भाग्य रेखा मेट सके ना राम। मंत्र की शक्ति से सम्भव जपो सुबह और शाम।।
मंत्र साधना से अन्दर की सोई हुई चेतना को जागृत किया जा सकता है। आन्तरिक शक्ति का विकास करके महान बना जा सकता है। मंत्र के जाप से मन की चंचलता नष्ट हो जाती है। जीवन संयमित बनता है। स्मरण शक्ति में वृद्धि होती है। एकाग्रता प्राप्त होती है। 'मननात त्रायते इति मंत्रा' मनन करने पर जो रक्षा करे उसे मंत्र कहते हैं।
एक प्रकार से विशेष शब्दों का समूह जप करने पर मन को एकाग्र करके अभिष्ट फल की प्राप्ति कराएं उसे मंत्र कहते हैं। भगवान श्रीराम, शबरी को कहते हैं-
मंत्र जाप मम दृढ़ विश्वासा। पंचम भजन सो वेद प्रकाशा।
मेरे (राम) मंत्र का जाप और मुझमें दृढ़ विश्वास यह पांचवीं भक्ति है, जो वेदों में प्रसिद्ध है।
मंत्र शक्ति के द्वारा ही लक्ष्मणजी ने सीताजी की कुटी के चारों तरफ जमीन पर एक रेखा, सीताजी की रक्षा के लिए खींची थी जिसे मायावी रावण भी नहीं लांघ पाया था।
Denne historien er fra April 2025-utgaven av Sadhana Path.
Abonner på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av kuraterte premiumhistorier og over 9000 magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på
FLERE HISTORIER FRA Sadhana Path
Sadhana Path
ध्यान एक प्रक्रिया है
अभय की खोज हमारे जीवन की महत्त्वपूर्ण खोज है। हम अभय बनें, डरना छोड़ें। जिस व्यक्ति ने अभय का पाठ नहीं पढ़ा, उसका विचार सही नहीं होगा। उसका विचार भय से प्रभावित विचार होगा।
2 mins
November 2025
Sadhana Path
मंगल ग्रह और ज्योतिष
मगल सूर्य के बाद चौथा व सातवां बड़ा ग्रह माना जाता है इसकी सूर्य से लगभग दूरी 22 करोड़ 79 लाख किलोमीटर हैं। इस ग्रह का व्यास लगभग तकरीबन 6794 किलोमीटर है।
9 mins
November 2025
Sadhana Path
आनंद में रहना वास्तविक स्वर्ग है
गीता में भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि स्वर्ग के साम्राज्य को पाने के लिए वास्तव में मनुष्य को केवल कर्मों के फलों को त्यागने की आवश्यकता है। ईश्वर ने मनुष्य को इस जीवन में भूख और इच्छाओं के साथ ऐसी परिस्थितियों में भेजा है कि उसे कर्म करना ही पड़ेगा। कार्य के बिना मानव सभ्यता रोग, अकाल और अव्यवस्था का जंगल बन जाएगी। यदि संसार के सभी लोग अपनी भौतिक सभ्यता त्याग कर जंगलों में रहें, तो जंगलों को शहरों में बदलना पड़ेगा, अन्यथा वहां के निवासी स्वच्छता की कमी के कारण मर जाएंगे। दूसरी ओर भौतिक सभ्यता अपूर्णताओं और दुःखों से भरी पड़ी है। तो किस सम्भव उपाय का समर्थन किया गया?
2 mins
November 2025
Sadhana Path
मंदिरों में सिमटा रहस्य
हमारे आस-पास बहुत सी जगहें व मंदिर ऐसे हैं जो अपने अंदर बहुत से रहस्यों को समेटे हुए हैं, जिनको समझ पाना सामान्य मनुष्य या फिर विज्ञान के लिए सम्भव नहीं है। ऐसे ही कुछ मंदिर हैं जो आस्था के साथ-साथ आकर्षण का भी केंद्र हैं।
5 mins
November 2025
Sadhana Path
ध्यान की एक विधि नक्षत्र मेडिटेशन
पंडित अजय भाम्बी जी ने ध्यान की एक ऐसी खोजी है जिसका व्यवहारिक प्रयोग करके कोई भी व्यक्ति अपने भीतर की बंद ऊर्जा के स्रोत को जान सकता है। इसके द्वारा व्यक्ति आकाश से ऊर्जा लेकर न केवल अपनी समस्याओं का समाधान कर सकता है बल्कि मुक्ति भी प्राप्त कर सकता है।
4 mins
November 2025
Sadhana Path
तुलसी विवाह
भगवान विष्णु के स्वरूप शालिग्राम और माता तुलसी के मिलन का पर्व 'तुलसी विवाह' यानी हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन तुलसी पूजा और तुलसी विवाह करने का बड़ा ही महत्त्व है।
4 mins
November 2025
Sadhana Path
गुरु नानक एवं उनसे जुड़े ऐतिहासिक गुरुद्वारा साहिब
गुरु नानक सिख धर्म के प्रथम गुरु थे। उनका कहना था कि ईश्वर एक है और हम सब उसकी संतान हैं। जानें इस लेख से उनसे जुड़े कुछ ऐतिहासिक गुरुद्वारा साहिब, जहां दिखती है असीम भक्ति व श्रद्धा।
3 mins
November 2025
Sadhana Path
उह हंस अकेला जाई
गुरु नानक का जन्म 15 अप्रैल 1469 ई. में तलवंडी नामक स्थान में हुआ था। किंतु गुरु नानकदेव की जयंती कार्तिक पूर्णिमा को मनाई जाती है। इस दिन गुरुद्वारों में शब्द कीर्तन एवं गुरुवाणी का पाठ किया जाता है। इस बार गुरू नानक का 550वां प्रकाशोत्सव विश्व भर में मनाया जा रहा है।
1 mins
November 2025
Sadhana Path
भैरव जी की महिमा अपरम्पार है
भैरों बाबा शक्ति का असीमित भंडार हैं जो भक्तों की रक्षार्थ हमेशा तत्पर रहते हैं। इनके प्रसिद्ध मंदिर कौन से और कहां है तथा क्या है उनकी विशेषता आइए जानते हैं इस लेख से।
5 mins
November 2025
Sadhana Path
सर्दियों में भी रखें वास्तु का ख्याल
सर्दी के इस मौसम में कुछ वास्तु उपाय करके आप सकारात्मक परिणाम प्राप्त कर सकते हैं कौन से हैं वो उपाय आइए लेख के माध्यम से जानें?
4 mins
November 2025
Listen
Translate
Change font size
