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Vivek Jyoti - June 2022

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Vivek Jyoti
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Vivek Jyoti Description:

भारत की सनातन वैदिक परम्परा, मध्यकालीन हिन्दू संस्कृति तथा श्रीरामकृष्ण-विवेकानन्द के सार्वजनीन उदार सन्देश का प्रचार-प्रसार करने के लिए स्वामी विवेकानन्द के जन्म-शताब्दी वर्ष १९६३ ई. से ‘विवेक-ज्योति’ पत्रिका को त्रैमासिक रूप में आरम्भ किया गया था, जो १९९९ से मासिक होकर गत 60 वर्षों से निरन्तर प्रज्वलित रहकर यह ‘ज्योति’ भारत के कोने-कोने में बिखरे अपने सहस्रों प्रेमियों का हृदय आलोकित करती रही है । विवेक-ज्योति में रामकृष्ण-विवेकानन्द-माँ सारदा के जीवन और उपदेश तथा अन्य धर्म और सम्प्रदाय के महापुरुषों के लेखों के अलावा बालवर्ग, युवावर्ग, शिक्षा, वेदान्त, धर्म, पुराण इत्यादि पर लेख प्रकाशित होते हैं ।

आज के संक्रमण-काल में, जब भोगवाद तथा कट्टरतावाद की आसुरी शक्तियाँ सुरसा के समान अपने मुख फैलाएँ पूरी विश्व-सभ्यता को निगल जाने के लिए आतुर हैं, इस ‘युगधर्म’ के प्रचार रूपी पुण्यकार्य में सहयोगी होकर इसे घर-घर पहुँचाने में क्या आप भी हमारा हाथ नहीं बँटायेंगे? आपसे हमारा हार्दिक अनुरोध है कि कम-से-कम पाँच नये सदस्यों को ‘विवेक-ज्योति’ परिवार में सम्मिलित कराने का संकल्प आप अवश्य लें ।

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भगवान श्रीजगन्नाथपुरी की रथयात्रा (स्वामी तन्निष्ठानन्द) २४८ (बच्चों का आंगन) ईहा दीक्षित (स्वामी अनिलयानन्द) २५९ सब दुखों की औषधि : जप और प्रार्थना (स्वामी सत्यरूपानन्द) २६१ स्वामी विवेकानन्द के अनुज भूपेन्द्रनाथ दत्त : एक देशभक्त, विद्वान और क्रान्तिकारी (विनायक लोहानी) २६२ (युवा प्रांगण) युवाशक्ति चुनौतियों का सामना कैसे करे? (स्वामी गुणदानन्द) २७४ (कविता) द्वारकानाथ (सदाराम सिन्हा ‘स्नेही’) २७८ मंगलाचरण (स्तोत्र) २४५ पुरखों की थाती २४५ सम्पादकीय २४६ प्रश्नोपनिषद् २६० सारगाछी की स्मृतियाँ २६९ रामराज्य का स्वरूप २७१ आध्यात्मिक जिज्ञासा २७६ गीतातत्त्व-चिन्तन २७९ श्रीरामकृष्ण-गीता २८१ साधुओं के पावन प्रसंग २८२ (कविता) विश्ववन्द्य श्रीरामकृष्ण जय (डॉ. ओमप्रकाश वर्मा) २७८

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