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Vivek Jyoti - February 2024

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Vivek Jyoti

Vivek Jyoti Description:

भारत की सनातन वैदिक परम्परा, मध्यकालीन हिन्दू संस्कृति तथा श्रीरामकृष्ण-विवेकानन्द के सार्वजनीन उदार सन्देश का प्रचार-प्रसार करने के लिए स्वामी विवेकानन्द के जन्म-शताब्दी वर्ष १९६३ ई. से ‘विवेक-ज्योति’ पत्रिका को त्रैमासिक रूप में आरम्भ किया गया था, जो १९९९ से मासिक होकर गत 60 वर्षों से निरन्तर प्रज्वलित रहकर यह ‘ज्योति’ भारत के कोने-कोने में बिखरे अपने सहस्रों प्रेमियों का हृदय आलोकित करती रही है । विवेक-ज्योति में रामकृष्ण-विवेकानन्द-माँ सारदा के जीवन और उपदेश तथा अन्य धर्म और सम्प्रदाय के महापुरुषों के लेखों के अलावा बालवर्ग, युवावर्ग, शिक्षा, वेदान्त, धर्म, पुराण इत्यादि पर लेख प्रकाशित होते हैं ।

आज के संक्रमण-काल में, जब भोगवाद तथा कट्टरतावाद की आसुरी शक्तियाँ सुरसा के समान अपने मुख फैलाएँ पूरी विश्व-सभ्यता को निगल जाने के लिए आतुर हैं, इस ‘युगधर्म’ के प्रचार रूपी पुण्यकार्य में सहयोगी होकर इसे घर-घर पहुँचाने में क्या आप भी हमारा हाथ नहीं बँटायेंगे? आपसे हमारा हार्दिक अनुरोध है कि कम-से-कम पाँच नये सदस्यों को ‘विवेक-ज्योति’ परिवार में सम्मिलित कराने का संकल्प आप अवश्य लें ।

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1. निर्वाणलाभ यहीं और अभी हो सकता है : विवेकानन्द ५४ 2. सुभाष के छात्र-जीवन में स्वामी विवेकानन्द का प्रभाव (स्वामी सुवीरानन्द) ५८ 3. नमामि देवी नर्मदा (डॉ. राघवेन्द्र गुमास्ता) ६५ 4. (बच्चों का आंगन) बच्चो, परीक्षा से परेशान मत हो ! (श्रीमती मिताली सिंह) ६७ 5. भगवान के लिए कुछ समय निकालो (स्वामी सत्यरूपानन्द) ६८ 6. सबकी श्रीमाँ सारदा (स्वामी चेतनानन्द) ६९ 7. (युवा प्रांगण) युवाओ, कभी निराश मत होना ! (स्वामी गुणदानन्द) ७४ 8. विवेकानन्द और युवा आन्दोलन (नवनीहरण मुखोपाध्याय) ७९ 9. अप्रतिम विवेकानन्द (चम्पा भट्टाचार्य) ८२ 10. स्वामी विवेकानन्द और स्वामी रामतीर्थ का आकस्मिक मिलन (डॉ. विद्यानन्द ब्रह्मचारी) ८८

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