Kendra Bharati - केन्द्र भारती
युध्यस्व विगतज्वर:
१६ महीनों से अधिक समय बीत चुका है पर अभी भी हम कोविड-१६ का सतर्कता से सामना कर रहे हैं। 'सतर्कता से सामना' हम बोल रहे हैं परन्तु वास्तव में इसने हम में से अनेकों को अपने घरों में ही रखा है। यद्यपि दूसरी लहर की उग्रता कम हुई है परन्तु कोविड-१ का अन्त अभी भी दृष्टिगोचर नहीं हो रहा है। उसके कारण उभरी हुई परिस्थिति के साथ अपनी लड़ाई तथा शारीरिक, मानसिक, भावनिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक स्तरों पर उसका सामना करना भी जारी है। परन्तु यह लड़ाई हमें लड़नी ही है। यह ऐसी लड़ाई है कि जिसमें हमें पराजित नहीं होना है। हमें इसमें जीतना ही है। अन्तिम परिणाम निश्चित हो चुका है और वह है सम्पूर्ण विजय। परन्तु यह लड़ाई मृत्यु, बीमारी अथवा असुरक्षा के भय से या वर्तमान परिस्थिति का लाभ उठाने की लालच से या फिर इस परिस्थिति को पुराने विरोधियों से प्रतिशोध लेने का अवसर समझना इस प्रकार की क्षुद्र मानसिकता से नहीं लड़ी जा सकती।
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December 2021
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योग शास्त्र संगमम्
योग पर एक सम्मेलन
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December 2021
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महामारी के दौरान विवेकानन्द केन्द्र द्वारा राहत कार्य की झलक
"अपने तन, मन एवं वाणी को "जगदिहताय" अर्पित करो। तुमने पढ़ा है - मातृदेवो भव, पितृदेवो भव- अपनी माता को ईश्वर समझो, अपने पिता को ईश्वर रामझो। परन्तु मैं कहता हूँ दरिद्रदेवो भव मूर्खदेवो भव गरीब, निरक्षर, गूर्ख और दुःखी - इन्हीं को अपना ईश्वर गानो। इनकी सेवा करना ही परम धर्म समझो।" -स्वागी विवेकानन्द
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December 2021
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स्वाधीनता से स्वतंत्रता की ओर हमारी यात्रा
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. श्री मोहनजी भागवत का विजयादशमी उत्सव (शुक्रवार दि. १५ अक्टूबर, २०२१) के अवसर पर दिया गया उद्बोधन।
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November 2021
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परस्पर अनुशासन
प्रभाव कारण या ११. किसी ऐसे स्थान में जाएं जहां हमारा सत्कार हो, तो हमारे साथ आये हुए अतिथि या मित्र को न भूलें । उन्हें भी हमारे साथ आदर-रात्कार में सम्मिलित करें...
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November 2021
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धर्मान्तरण अर्थात हिंसा
१६८१ में मीनाक्षीपुरम् में जब रातोंरात धर्मान्तरण किया गया तब पूरे देश में वह एक बड़ा समाचार बन गया और चिन्ता का विषय भी। यदि विवेकानन्द केन्द्र सांस्कृतिक मूल्यों के आधार पर सेवा कार्य शुरू करे तो अनेक समाज हितैषी सहायता करने तैयार थे। केन्द्र ने यह कार्य करना निश्चित किया। जिनका जन्म इस महान संस्कृति में हुआ है ऐसे कोई भी इस ज्ञान से वंचित नहीं रहने चाहिए। यह उनका जन्मसिद्ध अधिकार है कि वे अपनी संस्कृति को जाने और उसके प्रति गर्व करे । और यह बहुत दुःखदायी होता है जब इस महान संस्कृति में जन्मे कुछ ईसाई और मुस्लिम दूसरों की देवी-देवताओं का सम्मान करनेवाले धर्मान्तरण करने लगते हैं। विवेकानन्द केन्द्र के ग्राम विकास प्रकल्प की शुरुवात वंचितों की सेवा करने तथा उनको स्वयं के प्रति एवं अपनी सांस्कृतिक परम्पराओं के प्रति आत्मविश्वासपूर्ण बनाने के लिए हुई।
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November 2021
Kendra Bharati - केन्द्र भारती
संपादकीय- आइए, हम उन मौन आहानों पर प्रतिक्रिया दें
इस वर्ष १६ नवम्बर, साधना दिवस, विवेकानन्द शिला स्मारक और विवेकानन्द केन्द्र के संस्थापक माननीय एकनाथजी की जयन्ती; 'स्वाधीनता के ७५ वर्ष' के सन्दर्भ में है। 'स्वाधीनता का ७५ वर्ष' केवल एक उत्सव नहीं है। यदि कोई हमारे भारत की रक्षा और पोषण के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करनेवाले कई बलिदानियों, संतों, सामान्य लोगों की उन मूक पुकारों को सुन सकता है, तो यह भारत के समग्र विकास के लिए निःस्वार्थ रूप से योगदान देने की साधना है।
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November 2021
Kendra Bharati - केन्द्र भारती
कथा शिवभक्त मूर्ति नयनार की
एक शिव भक्त के बारे में एक आकर्षक कहानी
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November 2021
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एकनाथजी का ध्येयगामी जीवन
मार्गशीर्ष शुक्ल द्वितीया विक्रम सम्बत् १६७१ दिनांक १६ नवम्बर, १८१४ गुरुवार के दिन महाराष्ट्र के अमरावती जिले में टिमटाला गांव में रानडे परिवार की आठवीं और सबसे छोटी संतान का जन्म हुआ। उसका नाम एकनाथ रखा गया और सब उसे नाथ कहकर बुलाते थे। पिता श्री रामकृष्णराव विनायक रानडे विदर्भ की ग्रेट इंडियन पेनिनसुलर रेलवे में कार्यरत थे तथा माता श्रीमती रमाबाई धार्मिक प्रवृत्ति की साधारण महिला थीं।
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November 2021
Jyotish Sagar
माता दुर्गा के मन्दिर में जाने में श्रद्धालुओं को लगता है भय!
दुनिया में भगवान् के प्रति आस्था सदियों से चली आ रही है, परन्तु साथ ही अन्धविश्वास ने आस्था का साथ नहीं छोड़ा है। इसलिए माना जाता है कि आस्था और अन्धविश्वास का चोली-दामन का साथ है। इसलिए आज हम आपको एक ऐसे मन्दिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में लोगों में अलग-अलग मान्यताएँ हैं। कुछ लोग कहते हैं कि यह मन्दिर एक जाग्रत मन्दिर है, तो कुछ लोग इस मन्दिर को शापित मानते हैं। इसके अलावा कइयों का दावा है कि इस मन्दिर में देवी भोग के लिए बलि माँगती है, तो वहीं कुछ लोगों का मानना है कि यहाँ एक महिला की आत्मा का वास है। और न जाने क्या-क्या अन्धविश्वास मन्दिर के लिए प्रचलन में हैं।
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December 2021
Jyotish Sagar
कैसे करें कारकांश कुण्डली से फलित
जन्मकुण्डली या लग्न कुण्डली में जो ग्रह सबसे अधिक अंशों का होता है, उसे 'आत्मकारक' या 'आत्माकारक' कहते हैं। इसका अर्थ होता है जातक स्वयं से संबंधित अथवा आत्मा को सन्तुष्टि देने वाला ग्रह।
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December 2021
Jyotish Sagar
परिजन की मृत्यु पर महिलाओं की अंगुली काटने की दर्दनाक परम्परा!
अजीबो-गरीब परम्परा का निर्वाह
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December 2021
Jyotish Sagar
धनु लग्न के अष्टम भाव में स्थित सूर्य का फल
कैसे करें सटीक फलादेश? (भाग-175)
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December 2021
Jyotish Sagar
क्या सफल कप्तान असफल प्रधानमंत्री सिद्ध होंगे?
मीडिया रिपोर्टों की मानें, तो लगभग दिवालिया होने के कगार पर पाकिस्तान को आईएमएफ से भी ऋण नहीं मिल पा रहा है। इमरान सरकार लगातार प्रयासों के पश्चात् भी पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति को सुधार पाने में असफल सिद्ध हो रही है। एक ओर जहाँ महँगाई बढ़ती जा रही है, वहीं दूसरी ओर आर्थिक वृद्धि दर एवं राजस्व में अपेक्षानुरूप वृद्धि नहीं हो पा रही है। कानून और व्यवस्था के प्रति सरकार का ढुलमुल रवैया जगजाहिर है। लगातार अन्तरराष्ट्रीय आलोचना के बावजूद पाकिस्तान आतंकवादियों की शरणस्थली बना हुआ है। विदेश नीति में इमरान सरकार पूरी तरह असफल आज पाकिस्तान अन्तराष्ट्रीय जगत् में लगभग अलग-थलग सा पड़ चुका है।
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December 2021
Jyotish Sagar
'लिआ फेइल' यानि भाग्य का पत्थर है आयरलैण्ड के शिवलिंग!
आयरलैण्ड की तारा हिल में स्थित शिवलिंग की कहानी
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December 2021
Rishi Prasad Hindi
यह जिनके हाथ लगी उनका जीवन चमक उठा
आप अपना अपमान नहीं चाहते हैं तो दूसरों का अपमान करने से पहले विचार करिये ।
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November 2021
Rishi Prasad Hindi
हर हृदय में ईश्वर हैं फिर भी दीनता-दरिद्रता क्यों?
भगवान के भजन से भगवान के ऐश्वर्य के साथ आपका चित्त एकाकार होता है।
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November 2021
Rishi Prasad Hindi
जीवन को परमात्म-रस से भरे, जीने की कला सिखाये : गीता
आत्मा का रस जीव को आत्मा-परमात्मा से जोड़ देता है।
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November 2021
Rishi Prasad Hindi
जीवन की सारी समस्याओं का हल : गुरु-समर्पण
भगवान और सद्गुरु के अधीन होना यह सारी अधीनताओं को मिटाने की कुंजी है।
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November 2021
Aanmigam Palan
இளைஞர்களுக்கும் யுவதிளுக்கும் திருமணம் ஏன் தாமதமாகிறது?
இன்றைக்கு மேட்ரிமோனியல் காலங்கள் நிரம்பி வழிகின்றன. திருமணத்திற்கு உரிய மணமகன், மணமகள் தேடு தளங்கள் பிஸியாக இயங்குகின்றன.
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October 16, 2021
Aanmigam Palan
திருநீற்றின் மதிப்புணர்ந்த ஏனாதி நாத நாயனார்
திறமை உள்ளவர்கள் தங்கள் திறமையை வைத்துக்கொண்டு, பிறருக்கும் தங்கள் திறமையைக் கற்பித்து, அதன் மூலம் தங்கள் வாழ்க்கையை நடத்திக் கொள்வது என்பது எந்தக் காலத்திலும் உண்டு.
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October 16, 2021
Aanmigam Palan
ஒரு கருவியாக இருந்துவிட்டுப் போகலாம்!
ஸ்ரீ கிருஷ்ண அமுதம் - 11 (பகவத் கீதை உரை)
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October 16, 2021
Aanmigam Palan
ஈஸ்வரபுரத்து சிவாலயத்தில் பேயாரும் பெருங்காடும்
கம்போடிய நாட்டு அங்கோர் நகரிலிருந்து இருபது கி.மீ. தொலைவில் குலேன் மலைப்பகுதியை ஒட்டி பென்தே ஸ்ரீ எனும் சிவாலயம் உள்ளது.
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October 16, 2021
Aanmigam Palan
அனந்தனுக்கு 1000 நாமங்கள்!
382. கர்த்ரே நமஹ: (Karthrey namaha) (திருநாமங்கள் 362 முதல் 385 வரை - திருமகளின் கேள்வனாக இருக்கும் தன்மை)
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October 16, 2021
Aanmigam Palan
அர்ஜுனனின் கை ரேகை பார்த்த அம்பிகை
ஈசனிடம் பாசுபதாஸ்த்திரம் பெறுவதற்காக தவம் செய்து கொண்டிருந்தான் அர்ஜுனன். அதற்கு காரணம் இல்லாமல் இல்லை. நடக்கப் போகும் பாரத யுத்தம் கொடூரமானது. அதில் புஜ பலம் மட்டும் இருந்தால் போதாது.
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October 16, 2021
Aanmigam Palan
திருமாளிகைத் தேவரின் திறம் பாரீர்!
மாசற்ற சோதி மாளிகைத் தேவர் சுவாமிகளின் மகத்து வங்களை நம் மனம் அறிந்த போது வியப்பில் ஆழ்த்துகிறது. அப்பப்பா! என்ன சக்தி! என்ன சக்தி! மெய் சிலிர்க்கும் அவரது திறத்தை அவரது திருமுறையிலிருந்தே காணலாம்.
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October 16, 2021
Aanmigam Palan
சிவபார்வதி திருமணக்கோலங்கள்
கன்னிகாதான திருமணக் கோலம்
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October 16, 2021
Aanmigam Palan
தெய்வ நிலைக்கு உயர்த்தும் திருமணச் சடங்குகள்
முத்துக்கள் முப்பது
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October 16, 2021
Aanmigam Palan
மழலைவரம் (பலன் தரும் பதிக வழிபாடு)
கோதானம் (பசுக்கொடை), பூதானம் (நிலக்கொடை), வஸ்திரதானம் (உடைக் கொடை), அன்னதானம் (உணவுக் கொடை), சொர்ணதானம் (பொற்கொடை) உள்ளிட்ட எந்த தானத்தை வேண்டுமென்றாலும் நாம் இன்னொருவருக்குச் செய்துவிடலாம்.
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October 16, 2021
Kendra Bharati - केन्द्र भारती
पुण्यभूमि भारतम्
जब मैं विवेकानन्द केन्द्र विद्यालय की प्रधानाचार्य थी तब सप्ताह में सारी कक्षाओं में कम से कम एक बार मैं जाती ही थी। मैं विषय लेती थी मूल्य शिक्षा। बच्चों के चरित्र निर्माण के लिए, उनके विचार योग्य हों, प्रवृत्ति अच्छी बने इस दृष्टि से जो जो बताना होता था वो मैं कथाओं के माध्यम से बताती थी। अनेक प्रस्तावित पाठ्यक्रमों को चलाने के अनुभव के पश्चात् मैं इस निष्कर्ष पर पहुँच गई कि कथा सबसे परिणामकारक माध्यम है। । अतः, अपनी संस्कृति के महान तत्व प्रत्येक कक्षा में सुयोग्य कथा के माध्यम से बताऊँगी, ऐसी मैंने योजना बनाई।
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