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अंधों की सूची में महाराज
गोनू झा के साथ एकदिन मिथिला नरेश अपने बाग में टहल रहे थे। उन्होंने यूं ही गोनू झा से पूछा कि देखना और दृष्टि-सम्पन्न होना एक ही बात है या अलग-अलग अर्थ रखते हैं?
कौवे और उल्लू का बैर
एकबार हंस, तोता, बगुला, कोयल, चातक, कबूतर, उल्लू, आदि सब पक्षियों ने सभा करके यह सलाह की कि उनका राजा वैनतेय केवल वासुदेव की भक्ति में लगा रहता है; व्याधों से उनकी रक्षा का कोई उपाय नहीं करता; इसलिये पक्षियों का कोई अन्य राजा चुन लिया जाय। कई दिनों की बैठक के बाद सबने एक सम्मति से सर्वाङग सुन्दर उल्लू को राजा चुना।
ब्राह्मण और सर्प
किसी नगर में हरिदत्त नाम का एक ब्राह्मण निवास करता था। उसकी खेती साधारण ही थी, अतः अधिकांश समय वह खाली ही रहता था। एकबार ग्रीष्म ऋतु में वह इसी प्रकार अपने खेत पर वृक्ष की शीतल छाया में लेटा हुआ था। सोए-सोए उसने अपने समीप ही सर्प का बिल देखा, उस पर सर्प फन फैलाए बैठा था।
जबलपुर के महानायक श्री हरिशंकर परसाई
व्यंग्य लेखन के बेताज बादशाह श्री हरिशंकर परसाई जबलपुर में हमारे पड़ोसी थे। बचपन से मैं उन्हें परसाई मामा कहती आई हूं । मैंने उनके बूढ़े पिताजी को भी देखा है, जिन्हें सब परसाई दद्दा कहते थे। वह दिनभर घर के बाहर डली खटिया पर लेटे या बैठे तंबाकू खाया करते थे। मैं बचपन में उनके तंबाकू खाने की नकल किया करती थी। सबका मनोरंजन होता और सब बार-बार मुझसे उनके तंबाकू खाने की एक्टिंग करवाते थे।
जुड़वां भाई
कभी-कभी मूर्ख मर्द जरा-जरा सी बात पर औरतों को पीटा करते हैं। एक गांव में ऐसा ही एक किसान था। उसकी औरत से कोई छोटा-सा नुकसान भी हो जाता, तो वह उसे बगैर मारे न छोड़ता। एकदिन बछड़ा गाय का दूध पी गया। इस पर किसान इतना झल्लाया कि औरत को कई लातें जमाईं। बेचारी रोती हुई घर से भागी। उसे यह न मालूम था कि मैं कहां जा रही हूं। वह किसी ऐसी जगह भाग जाना चाहती थी, जहां उसका शौहर उसे फिर न पा सके।
कुम्हार की कहानी
युधिष्ठिर नाम का कुम्हार एकबार टूटे हुए घड़े के नुकीले ठीकरे से टकराकर गिर गया। गिरते ही वह ठीकरा उसके माथे में घुस गया। खून बहने लगा । घाव गहरा था, दवा - दारु से भी ठीक न हुआ। घाव बढ़ता ही गया। कई महीने ठीक होने में लग गये। ठीक होने पर भी उसका निशान माथे पर रह गया।
पंचतंत्र के निर्माण की कहानी
महिला रौप्य नामक एक नगर था, जिसका राजा अमर शक्ति था। वह बहुत महान था। उसके तीन पुत्र थे-बहु शक्ति, उग्र शक्ति और अनेक शक्ति।
आपबीती
साहित्यकारों की जिंदगी में एक ऐसा वक्त भी जरूर आता है, जब प्रशंसकों की तरफ से उन्हें ढेरों पत्र प्राप्त होते हैं और वो खुशी से झूम उठते हैं।
हींगवाला
लगभग गभग 35 साल का एक खान आंगन में आकर रुका। उसकी आवाज सुनाई दी, \"अम्मा... हींग लोगी ?\" भीतर से नौ-दस वर्ष के एक बालक ने निकलकर उत्तर दिया, \"अभी कुछ नहीं लेना है, जाओ !\" पर खान भला क्यों जाने लगा ? जरा आराम से बैठ गया और अपने साफे के छोर से हवा करता बोला, \"अम्मा, हींग ले लो, अम्मा ! हम अपने देश जाता है, बहुत दिनों में लौटेगा।”
लंकादहन
हनुमानजी माता सीता से लंका में अशोकवाटीका में छोटा रूप धारण कर मिले तथा सीता माता की आज्ञा से अपनी भूख मिटाने के लिए वाटिका से फल तोड़कर खाने लगे।
शेर और लड़का
बच्चो, शेर तो शायद तुमने न देखा हो, लेकिन उसका नाम तो सुना ही होगा। शायद उसकी तस्वीर देखी हो और उसका हाल भी पढ़ा हो। शेर अकसर जंगलों और कछारों में रहता है।
भारत में प्रसिद्ध महल
भारत महान परंपराओं और शाही अंदाज की एक सुंदर भूमि है। महानता और भव्यता को दर्शाते ये भव्य महल देश के शाही अतीत की एक शानदार झलक प्रस्तुत करते हैं। ये महल भारत के विभिन्न हिस्सों में स्थित हैं और इन स्थानों को एक पर्यटक स्थल में बदल चुके हैं। इन महलों की सुंदरता, कलाकृति और भव्यता वास्तव में दर्शनीय है, जिन्हें सभी को देखना चाहिए।
आखिर बेटियां अचानक कहां गायब हो रहीं
हाल ही में संसद में महिलाओं और बच्चियों के गायब होने का आंकड़ा पेश किया गया। वह काफी चौंकाने वाला है।
बिबिया
अपने जीवनवृत्त के विषय में बिबिया की माई ने कभी कुछ बताया नहीं, किन्तु उसके मुख पर अंकित विवशता की भंगिमा, हाथों पर चोटों के निशान, पैर का अस्वाभाविक लंगड़ापन देखकर अनुमान होता था कि उसका जीवन-पथ सुगम नहीं रहा।
विश्वास
“उर्मि ! यह क्या हालत बना रखी है तुमने? अब देखा नहीं जाता। तुम्हारी दयनीय हालत, स्वास्थ्य और अजब की वेशभूषा देखकर अचंभित हूं मैं।
बनियान
त्रिशा, सिरीश के लिए टिफिन भरती हुई एक सांस में बोलती जा रही थी।
एक सच ये भी
हल्की फुसफुसाहट के बाद चेहरे पर प्रश्नवाचक मुस्कान लिए लड़के एक-एक कर कक्षा के बाहर चले गए।
रंगा सियार
पंचतंत्र कहानी - एक क बार की बात है, एक सियार जंगल में एक पुराने पेड़ के नीचे खड़ा था। पूरा पेड़ हवा के तेज झोंके से गिर पड़ा...
सोशल सर्विस
सामाजिक सेवाओं के बारे में एक छोटी सी कहानी
एक संपादक का आत्म-कथ्य
मैं हर तरह का संपादक रहा हूं, इसलिए आत्म-कथ्य लिख रहा हूं। सुधि पाठकों का मैं आभारी हूं कि वे संपादक को महाज्ञाता समझते हैं, मोबाइल विश्वकोश समझते हैं और गूगल के सर्च इंजिन का आदिम संस्करण समझते हैं
मिर्जा का स्वेटर
लघु कथा - मिर्जा का स्वेटर
नूतन-पुरातन
छोटी कहानी - नूतन-पुरातन
स्वामीनिष्ठ घोड़ा चेतक
कहानी - स्वामीनिष्ठ घोड़ा चेतक
प्रयास
लघु कथा - मुश्किल समय था। हर हाल में जीवन को बचाना था। शिवम अपने कठिन समय से कैसे उबरे, यही सोच रहा था...
साहित्यकार का कल्याणकारी दायित्व
मंथन
चीफ की दावत
कथा सागर
सजदा
अफगानी लोक कथा
तपस्या का फल
कहानी
आत्म-संतोष
कहानी
लॉकडाउन
लॉकडाउन की प्रक्रिया शुरू हुए तीन-चार दिन हो गए। रामू और । उसकी पत्नी चिंता में बैठे हुए बातचीत कर रहे हैं कि अब हमारा क्या होगा।