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Vivek Jyoti - September 2022

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Vivek Jyoti
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Vivek Jyoti Description:

भारत की सनातन वैदिक परम्परा, मध्यकालीन हिन्दू संस्कृति तथा श्रीरामकृष्ण-विवेकानन्द के सार्वजनीन उदार सन्देश का प्रचार-प्रसार करने के लिए स्वामी विवेकानन्द के जन्म-शताब्दी वर्ष १९६३ ई. से ‘विवेक-ज्योति’ पत्रिका को त्रैमासिक रूप में आरम्भ किया गया था, जो १९९९ से मासिक होकर गत 60 वर्षों से निरन्तर प्रज्वलित रहकर यह ‘ज्योति’ भारत के कोने-कोने में बिखरे अपने सहस्रों प्रेमियों का हृदय आलोकित करती रही है । विवेक-ज्योति में रामकृष्ण-विवेकानन्द-माँ सारदा के जीवन और उपदेश तथा अन्य धर्म और सम्प्रदाय के महापुरुषों के लेखों के अलावा बालवर्ग, युवावर्ग, शिक्षा, वेदान्त, धर्म, पुराण इत्यादि पर लेख प्रकाशित होते हैं ।

आज के संक्रमण-काल में, जब भोगवाद तथा कट्टरतावाद की आसुरी शक्तियाँ सुरसा के समान अपने मुख फैलाएँ पूरी विश्व-सभ्यता को निगल जाने के लिए आतुर हैं, इस ‘युगधर्म’ के प्रचार रूपी पुण्यकार्य में सहयोगी होकर इसे घर-घर पहुँचाने में क्या आप भी हमारा हाथ नहीं बँटायेंगे? आपसे हमारा हार्दिक अनुरोध है कि कम-से-कम पाँच नये सदस्यों को ‘विवेक-ज्योति’ परिवार में सम्मिलित कराने का संकल्प आप अवश्य लें ।

この号では

शिकागो के सम्बन्ध में विवेकानन्द के विचार ३८९ श्रेय और प्रेय (स्वामी सत्यरूपानन्द) ३९३ विश्व धर्ममहासभा में स्वामी विवेकानन्द की सहभागिता का प्रभाव (स्वामी आत्मस्थानन्द) ३९७ (बच्चों का आंगन) वीर-बालक : छत्रसाल (स्वामी गुणदानन्द) ४०० शिकागो विश्व धर्ममहासभा में पाश्चात्यों द्वारा भारतवर्ष का गौरवगान (लक्ष्मीनिवास झुनझुनवाला) ४०१ (युवा प्रांगण) प्रसन्नता बाँटो, प्रसन्नता पाओ (सीताराम गुप्ता) ४०६ वैराग्यमय भागवत (मौनी स्वामी रविपुरी जी) ४१२ भारतीय और पाश्चात्य मन का स्वरूप (मीनल जोशी) ४२२ कृपा करे उद्धार (भानुदत्त त्रिपाठी) ४२४ (कविता) जयतु विवेकानन्द विश्वगुरु (ओमप्रकाश वर्मा) ३९९ (कविता) विवेकानन्द जी की शिक्षा (रामकुमार गौड़) ३९९ (कविता) तुम छाये चारो ओर (मोहन सिंह मनराल) ३९९ (कविता) मेरी माँ धरती की माटी (सविता दूबे) ४२१ शृंखलाएँ मंगलाचरण (स्तोत्र) ३८९ पुरखों की थाती ३८९ सम्पादकीय ३९१ सारगाछी की स्मृतियाँ ३९५ गीतातत्त्व-चिन्तन ४०३ रामराज्य का स्वरूप ४०८ प्रश्नोपनिषद् ४११ आध्यात्मिक जिज्ञासा ४१७ श्रीरामकृष्ण-गीता ४२१ साधुओं के पावन प्रसंग ४२६

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