DASTAKTIMES - June 2020Add to Favorites

DASTAKTIMES - June 2020Add to Favorites

Magzter GOLDで読み放題を利用する

1 回の購読で DASTAKTIMES と 8,500 およびその他の雑誌や新聞を読むことができます  カタログを見る

1 ヶ月 $9.99

1 $99.99 $49.99

$4/ヶ月

保存 50% Hurry, Offer Ends in 5 Days
(OR)

のみ購読する DASTAKTIMES

1年$11.88 $6.99

保存 41% Memorial Day Sale!. ends on June 1, 2024

この号を購入 $0.99

ギフト DASTAKTIMES

7-Day No Questions Asked Refund7-Day No Questions
Asked Refund Policy

 ⓘ

Digital Subscription.Instant Access.

Digital Subscription
Instant Access

Verified Secure Payment

検証済み安全
支払い

この問題で

JUNE 2020 ISSUE

लोचशील अर्थव्यवस्था:वर्तमान समय की मांग

कोविड-19 महामारी ने लगभग सभी क्षेत्रों को गंभीर रूप से प्रभावित किया है, लेकिन इसका सबसे ज्यादा असर अर्थव्यवस्था पर पड़ा है। इस महामारी ने अर्थशास्त्र के कई स्थापित सिद्धांतों को चुनौती दी है। ये सिद्धांत पिछले कई वर्षों से सार्वजनिक नीति में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे थे। वर्तमान की घटित कई घटनाओं ने यह जता दिया है कि अर्थशास्त्र के अब परम्परागत सिद्धांत अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए उतने उपयुक्त नहीं हैं, कोविड-19 महामारी ने तो इस बात की पुष्टि ही कर दी है। कोविड-19 महामारी से उत्पन्न चुनौतियों से सामना करने के लिए अर्थव्यवस्था को अधिक लोचशील होना चाहिए लेकिन इसकी अभी नितांत कमी देखी जा रही है। लोचशील अर्थव्यवस्था का तात्पर्य उस अर्थव्यवस्था से है।

लोचशील अर्थव्यवस्था:वर्तमान समय की मांग

1 min

कोविड-9 के खिलाफ सतर्क रहने की जरूरत

संयुक्त राष्ट्र अनुसार कोविड-19 महामारी से पहले भी मानसिक विषाद या अवसाद और चिन्ता या बेचैनी जैसी समस्याएं विश्व अर्थव्यवस्था को लगभग एक ट्रिलियन डॉलर के नुकसान के लिए जिम्मेदार थीं। दुनिया भर में 26 करोड़ से ज्यादा लोग डिप्रेशन यानि अवसाद से पीड़ित हैं। मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियों के आधे से ज्यादा मामले 14 वर्ष की आयु से शुरू होते हैं। 15 से 29 आयु वर्ग में युवाओं की मौत का दूसरा सबसे बड़ा कारण आत्महत्या है। संयुत्त राष्ट्र की रिपोर्ट में वैश्विक मानसिक स्वास्थ्य और टिकाऊ विकास पर लान्सेट कमीशन' की उस चेतावनी का भी उल्लेख है।

कोविड-9 के खिलाफ सतर्क रहने की जरूरत

1 min

यूपी देगा हर हाथ को काम

लोबल महामारी कोरोना के दौर में

यूपी देगा हर हाथ को काम

1 min

कोरोना के बारे में कुछ चिंतनीय पहलू

आजकल कोरोना के जन्मस्थान को लेकर भारी विवाद है। रूस, चीन, अमेरिका के ऊपर उंगलियां उठ रही है। कोई प्रकृतिजन्य मान रहा है तो कोई मानव का कारस्तानी मान रहा है। इस विवाद के विस्फोट ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को भी हिलाकर रख दिया है।

कोरोना के बारे में कुछ चिंतनीय पहलू

1 min

वहीं बनने लगा मंदिर

पूर्व में श्रीराम जन्मभूमि न्यास ने जिस मंदिर मॉडल को तैयार कराया और जिसे देश के संतों ने वेद मंत्रोंचारण कर अनुमोदित किया तथा जिसका चित्र करोड़ों घरों मे पूजित हो रहा हो, अब वह ही दो-तीन वर्षों में साक्षात स्वरूप ग्रहण करने जा रहा है। अभी शुरुआती छह माह परिसर को मंदिर निर्माण के अनुकूल बनाने में लगेंगे। शेष बचे पत्थरों की नक्काशी भी शीघ्र प्रारंभ होगी। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की अगली बैठक तक इस पर निर्णय होगा। मंदिर निर्माण का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया होता, परंतु देश में कोरोना महामारी के कारण यह संभव नहीं हो पा रहा। इसलिए स्थानीय स्तर पर मंदिर निर्माण की कड़ी में समतलीकरण का काम किया जा रहा है।

वहीं बनने लगा मंदिर

1 min

इक्कीसवीं सदी की भारत की यात्रा-एक पृष्ठभूमि

60 के दशक के शीतयुद्ध के पर्व में अफ्रीका के देशों के प्रति उपनिवेशवादियों या पूर्व उपनिवेशवादियों का रहा। उससे उपरोक्त स्थापना की पुष्टि होती है। वह स्थितिगति मध्य और दक्षिणी अमेरिकी देशों की हुई। 70 के दशक में जो अराजकता पूर्वी और दक्षिण एशिया में फैली उसके पीछे भी देसी-विदेशी न्यस्त स्वार्थी तत्वों का हाथ है। कई कठपुतली शासकों को इन साम्राज्यवादियों के द्वारा बैठाया गया, जैसे ईरान। उनके खिलाफ हुए विद्रोहों में उनकों बेरहमी से कुचला गया। अब ये अमीर देश परोक्ष साम्राज्यवादी शोषण के रास्ते पर चल पड़े। सैनिक शक्ति की बजाय धनशक्ति का एवं छलशक्ति का सहारा लिया जाने लगा।

इक्कीसवीं सदी की भारत की यात्रा-एक पृष्ठभूमि

1 min

DASTAKTIMES の記事をすべて読む

DASTAKTIMES Magazine Description:

出版社DASTAK TIMES

カテゴリーNews

言語Hindi

発行頻度Monthly

Latest Hindi news and political reviews.

  • cancel anytimeいつでもキャンセルOK [ 契約不要 ]
  • digital onlyデジタルのみ
MAGZTERのプレス情報:すべて表示