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DASTAKTIMES - October 2023

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Latest Hindi news and political reviews.

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October - 2023 Edition

पीस टू प्रोसपेरिटी में निवेश का नया डेस्टीनेशन उत्तराखंड

धामी ने ब्रिटेन के लंदन की राह चुनी। उसी लंदन की जिसे ब्रिटेन की वित्तीय राजधानी के रूप में देखा जाता है। उसी ब्रिटेन की जहां कभी भारत से धन का पलायन होता था, जिस ड्रेन ऑफ वेल्थ की बात दादा भाई नौरोजी करते थे, उसी ब्रिटेन से उत्तराखंड के विकास के लिए पूंजी निवेश को आकर्षित करने के लिए मुख्यमंत्री धामी अति उत्साह और रणनीति के साथ गये और उत्तराखंड की धरती से पहली बार किसी नेतृत्व द्वारा इकोनामिक पैराडिप्लोमेसी की शुरुआत की गई। एक राज्य, एक देश के साथ आर्थिक संपर्क स्थापित करने में लग गया और उसे अत्यन्त सकारात्मक परिणाम मिले।

पीस टू प्रोसपेरिटी में निवेश का नया डेस्टीनेशन उत्तराखंड4

8 mins

नारी शक्ति वंदन

27 साल तक लटके रहा महिला आरक्षण विधेयक 19 सितम्बर को संसद की नई इमारत में पहले दिन पेश किया गया। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने महिला आरक्षण से जुड़ा विधेयक पेश किया। इस विधेयक में संसद और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान किया गया है। वास्तव में महिला आरक्षण के लिए पेश किया गया विधेयक 128वां संविधान संशोधन विधेयक है। विधेयक में कहा गया है कि लोकसभा, राज्यों की विधानसभाओं और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की विधानसभा में एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। इसका अर्थ यह हुआ कि लोकसभा की 543 सीटों में से 181 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी।

नारी शक्ति वंदन7

3 mins

भारत विरोध की प्रयोगशाला बना कनाडा, मोदी का करारा जवाब

टूडो को शायद अपनी धरती और संप्रभुता की रक्षा की जरूरत तो दिखाई दे रही है लेकिन भारत की ऐसी ही जरूरत के संबंध में उनकी आंखों पर लंबे समय से पट्टी क्यों लगी हुई है? टूडो इस बात में रूचि नहीं रखते। इसलिए भारत के विदेश मंत्रालय ने हालिया घटनाक्रमों के मद्देनजर कनाडा को यह अहसास करा दिया है कि कनाडा की धरती भारत विरोध की प्रयोगशाला नहीं है। कूटनीतिक, आर्थिक, राजनीतिक, सामरिक हर प्रकार के संबंध प्रभावित हो सकते हैं और इस मुद्दे पर भारत इसके लिए तैयार दिख रहा है। भारत इस समय निर्णायक रूप से कार्यवाही करने से पीछे नहीं रह सकता।

भारत विरोध की प्रयोगशाला बना कनाडा, मोदी का करारा जवाब13

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सनातन धर्म अजन्मा न कोई आदि न अंत

धर्म एक है, यही सनातन धर्म है। इसे वैदिक धर्म भी कहते हैं और हिन्दू धर्म भी इसका विकास वैदिक दर्शन से हुआ है। यह सतत् विकासशील है। इसमें कालवाह्य छूटता जाता है, नया कालसंगत जुड़ता जाता है। वैदिक साहित्य में धर्म के लिए ऋत शब्द का प्रयोग भी हुआ है। प्रकृति की गतिविधि में सुसंगत व्यवस्था है। यही ऋत है। वैदिक समाज में प्रकृति की शक्तियों की गतिविधि के प्रति आदर भाव है। जीवन जगत के रहस्यों के प्रति जिज्ञासा भी रही है। जिज्ञासा, प्रश्न व संशय धर्म के विकास में सहायक रहे हैं। रिलीजन या पंथ मजहब धर्म नहीं हैं। वे विश्वास हैं। रिलीजन या मजहब के विश्वासों पर प्रश्न संभव नहीं है।

सनातन धर्म अजन्मा न कोई आदि न अंत14

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