कोशिश गोल्ड - मुक्त
घुटन, भारी बोझ और विकृतियां बना रहीं औरतों को क़ातिल
DASTAKTIMES
|May 2025
पत्नी द्वारा पति की हत्या के बढ़ते मामलों ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। औरत के दिमाग़ में आखिर वह क्या चीज है जो उन्हें पति-हत्या के लिए प्रेरित कर रही है। इसके पीछे क्या मनोविज्ञान है? इन हत्याओं में पति-पत्नी के बीच उस तीसरे शख्स की क्या भूमिका रहती है? नृशंस हत्याओं की नौबत क्यों आ रही है जबकि पति या पत्नी के पास तलाक का सम्मानजनक विकल्प मौजूद है? ऐसे कई अनसुलझे सवाल है। 'दस्तक टाइम्स' के लिए सीनियर जर्नलिस्ट अवंतिका ने दिल्ली विश्वविद्यालय के गार्गी कॉलेज में मनोविज्ञान विभाग में प्रोफेसर डॉ. पूनम फोगट से लंबी बातचीत के कुछ अंश।
सवाल - महिलाएं अपने पति की हत्या कर रही हैं। ये घटनाएं हैरतनाक ढंग से बढ़ी हैं। उनके दिमाग में आखिर वो क्या चीज है जो उन्हें इतना कठोर कदम उठाने के लिए प्रेरित कर रही है? इस तरह के जघन्य कृत्यों के पीछे क्या मनोविज्ञान छुपा है?
डॉ. पूनम फोगट- भारतीय समाज में महिलाओं को बचपन से ही दबा कर रखा गया है। उनके विचारों और उनकी निजी सोच को कभी महत्व नहीं दिया गया। सच पूछिए तो उन्हें अपनी भावनाओं को अभिव्यक्त करने के लिए जगह नहीं मिल पाती है। यह उनके अंदर एक तरह की अस्वीकृति की भावना को जन्म देती है। वे अपने भीतर आत्ममुग्धता के रूप में कोपिंग मैकेनिज्म यानी एक तरह से मुकाबला तंत्र विकसित कर लेती हैं। वे किसी भी तरह की अस्वीकृति को बर्दाश्त नहीं कर पाती और अपने सभी पिछले अपमान और प्रतिशोध को बाहर निकालते हुए अत्यधिक आक्रमकता से जवाब देती हैं।
सवाल - मौजूदा भारतीय समाज में, वे कौन से मनोवैज्ञानिक तत्व हैं जो एक पत्नी और पति के बीच टूटन का कारण बन रहे हैं? क्या इसके मूल में विवाहेत्तर संबंध या अवैध रिश्ते हैं?
डॉ. पूनम फोगट : कोई भी विवाह, चाहे वह आज का हो या पुराने समय का, एक-दूसरे के सम्मान और तमाम खामियों के बावजूद एक-दूसरे को स्वीकार करने के बेसिक सिद्धान्त पर काम करता है। लेकिन इसके लिए बहुत अधिक प्रयास, प्यार, क्षमा और प्रतिबद्धता यानी कमिटमेंट की ज़रूरत होती है। विवाहेत्तर संबंध विवाह में कठिनाइयों का एक बहाना या उसका एक्सटेंशन है। आजकल यह और भी बढ़ गया है क्योंकि महिलाएं दुनिया के बारे में अधिक जागरूक हो गई हैं और अपने अधिकारों और अपनी योग्यता को जानती हैं। 'कमजोर मूल्यों' के साथ, लोग विवाह के बाहर आसान विकल्पों की तलाश करने लगते हैं। महिलाएं अधिक आत्मविश्वासी होती हैं और ज़ोखिम उठाने को तैयार रहती हैं जबकि पुरुष अभी ऐसी महिलाओं के लिए तैयार नहीं होते।
सवाल-वैवाहिक कलह के मामलों में तलाक या अलगाव की तुलना में हत्या को प्राथमिकता देने वाली महिलाओं की मानसिकता क्या है?
यह कहानी DASTAKTIMES के May 2025 संस्करण से ली गई है।
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