कोशिश गोल्ड - मुक्त
पर्यावरण व जल संरक्षण पर गंभीर धामी सरकार
DASTAKTIMES
|September 2022
उत्तराखंड एक ऐसा राज्य है जहां वर्ष के लगभग 100 दिन बारिश होती है और इस दौरान औसतन 1,945 मिमी पानी बरसता है, जबकि राज्य में प्रतिवर्ष आम लोगों, पशुओं, कृषि कार्यों और उद्योगों में कुल वर्षा जल का मात्र 3 प्रतिशत ही इस्तेमाल होता है। हर वर्ष वर्षा जल के रूप में राज्य को मिलने वाली जल राशि पहाड़ी ढलानों से बेकार बह जाती है, जबकि राज्य में कृषि योग्य लगभग 1.55 मिलियन हेक्टेयर भूमि में से मात्र 0.56 मिलियन हेक्टेयर भूमि की ही सिंचाई हो पाती है।

उत्तराखंड में धामी सरकार ने जल संरक्षण को एक आंदोलन का रूप देने के लिए नीतिगत स्तर पर काम करना शुरू कर दिया है। पहाड़ हो या मैदान उत्तराखंड की नदियों, झीलों, नालों और सभी अन्य प्रकार के जल निकायों को सुरक्षित कर राज्य को जल सुरक्षित राज्य बनाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बैठकों को आयोजित करना शुरू किया है जिससे वर्षा जल संरक्षण और भूमिगत जल संरक्षण पर सर्वोत्तम रास्ते सामने आएं। मुख्यमंत्री धामी का मानना है कि जल संरक्षण राज्य की कृषि, पर्यटन, ऊर्जा, पर्यावरण, पेयजल की मजबूत स्थिति की अनिवार्य शर्त है। इसलिए अब अधिकारियों को यह काम सौंपने की तैयारी की जा रही है कि जल स्रोतों के सूखने के कारणों की पहचान करें, जल स्रोतों को फिर से रिचार्ज करने की रणनीति बनाई जाय, ग्लेशियर सुरक्षा को संवेदनशील ढंग से लिया जाए। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय स्थित सभागार में आयोजित बोधिसत्व विचार श्रृंखला - बिन पानी सब सून विचार संगोष्ठी को सम्बोधित किया। संगोष्ठी में प्रत्यक्ष एवं वर्चुअल रूप से विभिन्न विषय विशेषज्ञों ने अपने महत्वपूर्ण सुझाव रखे। मुख्यमंत्री ने कहा कि बोधिसत्व विचार श्रृंखला के अंतर्गत बिन पानी सब सून के रूप में विचार श्रृंखला की यह 8वीं संगोष्ठी है। उन्होंने कहा कि पानी जीवन का आधार है। जल संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में समेकित प्रयासों की जरूरत बताते हुए मुख्यमंत्री ने इस क्षेत्र से जुड़े विषय विशेषज्ञों एवं बुद्धिजीवियों के विचारों एवं सुझावों को राज्यहित में उपयोगी एवं व्यावहारिक बताया। उन्होंने कहा कि जल के महत्व, संवर्धन एवं संरक्षण से सम्बन्धित संगोष्ठी के मंथन से निकलने वाला अमृत राज्य की लगभग 17 छोटीबड़ी नदियों का जल स्तर बढ़ाने के प्रयासों को फलीभूत करने वाला होगा।
यह कहानी DASTAKTIMES के September 2022 संस्करण से ली गई है।
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