कोशिश गोल्ड - मुक्त

Religious-Spiritual

Rishi Prasad Hindi

Rishi Prasad Hindi

जीवन को परमात्म-रस से भरे, जीने की कला सिखाये : गीता

आत्मा का रस जीव को आत्मा-परमात्मा से जोड़ देता है।

1 min  |

November 2021
Rishi Prasad Hindi

Rishi Prasad Hindi

जीवन की सारी समस्याओं का हल : गुरु-समर्पण

भगवान और सद्गुरु के अधीन होना यह सारी अधीनताओं को मिटाने की कुंजी है।

1 min  |

November 2021
Rishi Prasad Hindi

Rishi Prasad Hindi

बालक गृहपति की एकनिष्ठता

जिसके जीवन में संयम, व्रत, एकाग्रता और इष्ट के प्रति दृढ़ निष्ठा है, उसके जीवन में असम्भव कुछ नहीं है।

1 min  |

October 2021
Rishi Prasad Hindi

Rishi Prasad Hindi

दीपोत्सव पर आत्मज्योति जगाओ !

भ्राजं गच्छ। हे पराक्रमशाली मानव ! तू प्रकाश को, आत्मज्योति को प्राप्त कर।' (यजुर्वेद : ४.१७)

1 min  |

October 2021
Rishi Prasad Hindi

Rishi Prasad Hindi

बापू आशारामजी को जल्द-से-जल्द छोड़ा जाना चाहिए

ब्रह्मवेत्ता संत के दैवी कार्य में सच्चे हृदय से लग जाना ही उनकी सेवा है।

1 min  |

September 2021
Rishi Prasad Hindi

Rishi Prasad Hindi

कर्जदार से बना दिया २ फैक्ट्रियों का मालिक

समदर्शी संतों के दैवी कार्य में भागीदार होने से ईश्वर के वैभव में भी आप लोग भागीदार हो जायेंगे।

1 min  |

September 2021
Rishi Prasad Hindi

Rishi Prasad Hindi

श्राद्धकर्म व उसके पीछे के सूक्ष्म रहस्य

जिसने दूसरों के हृदय में छिपे हुए उस मालिक को संतुष्ट किया है, उसके मन में पवित्र विचार उत्पन्न होते हैं।

1 min  |

September 2021
Rishi Prasad Hindi

Rishi Prasad Hindi

श्रीकृष्ण के जीवन से सीखें कृष्ण-तत्त्व उभारने की कला

जो सच्चे प्रेमरस (भगवत्प्रेम-रस) को समझे बिना संसार में प्रेम खोजते हैं वे दुःखी हो जाते हैं।

1 min  |

August 2021
Rishi Prasad Hindi

Rishi Prasad Hindi

इस प्रकार से रक्षाबंधन मनाना है कल्याणकारी

परमात्मा के सिवाय कोई भी चीज मिलती है तो वह छूट जाती है।

1 min  |

August 2021
Rishi Prasad Hindi

Rishi Prasad Hindi

कष्ट-मुसीबतों को पैरों तले कुचलने की कला

दुःख उससे दुःखी होकर मरने की चीज नहीं है, दुःख तो पैरों तले कुचलने की चीज है।

1 min  |

August 2021
Rishi Prasad Hindi

Rishi Prasad Hindi

स्वास्थ्यवर्धक एवं उत्तम पथ्यकर ‘परवल'

ज्ञान की भूख लगे तो ब्रह्मज्ञानी के टूटे-फूटे शब्द भी ज्ञान बन जाते हैं।

1 min  |

August 2021
Rishi Prasad Hindi

Rishi Prasad Hindi

खून की कमी (रक्ताल्पता) कैसे दूर करें?

आत्मलाभ की बराबरी ब्रह्मांड में और कोई लाभ नहीं कर सकता है।

1 min  |

July 2021
Rishi Prasad Hindi

Rishi Prasad Hindi

ऋषि प्रसाद सेवाधारियों को पूज्य बापूजी का अनमोल प्रसाद- इस प्रसाद के आगे करोड़ रुपये की भी कीमत नहीं

ईश्वर ने हमको क्रियाशक्ति दी है तो ऐसे कर्म करें कि कर्म के बंधनों से छूट जायें।

1 min  |

July 2021
Rishi Prasad Hindi

Rishi Prasad Hindi

आशारामजी बापू के साथ अन्याय कब तक ? संत-समाज

महान आत्मा तो वे हैं जो महान परमात्मा में ही शांत व आनंदित रहते हैं, परितृप्त रहते हैं।

1 min  |

July 2021
Rishi Prasad Hindi

Rishi Prasad Hindi

मृतक की सच्ची सेवा

दुनिया के लोग चाहे कुछ भी कहें लेकिन दुःखी होना या न होना यह आपके हाथ की बात है।

1 min  |

July 2021
Rishi Prasad Hindi

Rishi Prasad Hindi

परिस्थितियों के असर से रहें बेअसर

जब तक परिस्थितियों में सत्यबुद्धि रहेगी तब तक सच्चे जीवन के दर्शन नहीं हो सकते।

1 min  |

June 2021
Rishi Prasad Hindi

Rishi Prasad Hindi

आत्मबल कैसे जगायें ?

पृथ्वी का राज्य मिल जाय लेकिन आत्मराज्य का पता नहीं मिलता है तो उस राज्य को लात मारो।

1 min  |

June 2021
Rishi Prasad Hindi

Rishi Prasad Hindi

सत्संग परम औषध है

जब तक जीवन में सत्संग नहीं मिला तब तक मिथ्या का संग होगा।

1 min  |

June 2021
Rishi Prasad Hindi

Rishi Prasad Hindi

एकादशी को चावल खाना वर्जित क्यों ?

असाधन से बचनेमात्र से आप साधन के फल को बिल्कुल यूँ पायेंगे!

1 min  |

June 2021
Rishi Prasad Hindi

Rishi Prasad Hindi

स्वास्थ्यरक्षक दैवी उपाय

हम जब ईश्वर की शरण जाते हैं तो तन और मन की थकान मिट जाती है।

1 min  |

June 2021
Rishi Prasad Hindi

Rishi Prasad Hindi

महान-से-महान बना देता है सत्संग

सत्संग (सत्यस्वरूप परमात्मा का संग) एक बार हो जाय तो फिर उसका वियोग नहीं होता।

1 min  |

May 2021
Rishi Prasad Hindi

Rishi Prasad Hindi

गुरुकुल शिक्षा-पद्धति की आवश्यकता क्यों ?

सत्संग अपने-आप नहीं होता, करना पड़ता है । कुसंग अपने-आप हो जाता है।

1 min  |

May 2021
Rishi Prasad Hindi

Rishi Prasad Hindi

केवल नारियों की निंदा का आरोप झूठा है

विकारी सुखों को जब तक भोगा नहीं तब तक आकर्षक लगते हैं और भोगो तो पछताना ही पड़ता है।

1 min  |

May 2021
Rishi Prasad Hindi

Rishi Prasad Hindi

शास्त्रानुकूल आचरण का फल क्या ?

वैराग्यप्रधान व्यक्ति इसी जन्म में अपने आत्मा को जान लेता है।

1 min  |

May 2021
Rishi Prasad Hindi

Rishi Prasad Hindi

अपने जन्मदिन व महापुरुषों के अवतरण दिवस पर क्या करें ?

आत्मा-परमात्मा का साक्षात्कार सभी बड़प्पनों की पराकाष्ठा है।

1 min  |

April 2021
Rishi Prasad Hindi

Rishi Prasad Hindi

देश-विदेश में गूंजी आवाज 'निर्दोष बापूजी को रिहा करो!

आत्मबोध होने के लिए ब्रह्मवेत्ता सद्गुरु का सान्निध्य नितांत जरूरी है।

1 min  |

April 2021
Rishi Prasad Hindi

Rishi Prasad Hindi

बालक के चरित्र ने पिता को किया विस्मित

परमात्मा में विश्रांति पाने से मन-बुद्धि में विलक्षण लक्षण प्रकट होने लगते हैं।

1 min  |

April 2021
Rishi Prasad Hindi

Rishi Prasad Hindi

ध्यान में उपयोगी महत्त्वपूर्ण १२ योग

परमात्म-ध्यान के पुण्य के सामने बाहर के तीर्थ का पुण्य नन्हा हो जाता है।

1 min  |

March 2021
Rishi Prasad Hindi

Rishi Prasad Hindi

गुरुकुल शिक्षा-पद्धति की आवश्यकता क्यों ?

गुरु की आज्ञा पालना यह बंधन नहीं है, सारे बंधनों से मुक्त करनेवाला उपहार है।

1 min  |

March 2021
Rishi Prasad Hindi

Rishi Prasad Hindi

ऐसे ब्रह्मनिष्ठ महापुरुष की महिमा वर्णनातीत है !

आत्मा-परमात्मा का साक्षात्कार सभी बड़प्पनों की पराकाष्ठा है।

1 min  |

March 2021